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Health Budget 2021: स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च बढ़ाएगी सरकार, GDP का 2.5% रह सकता है हेल्थ बजट

Union Budget Healthcare Sector 2021: इस बार बजट में हेल्थकेयर सेक्टर को क्या मिला

Union Budget Healthcare Sector 2021: इस बार बजट में हेल्थकेयर सेक्टर को क्या मिला

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Sushil Tripathi
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Union Budget Healthcare Sector 2021

Union Budget Healthcare Sector 2021: इस बार बजट में हेल्थकेयर सेक्टर को क्या मिला

Union Budget 2021 Stock Market Live Update: 1 फरवरी को पेश हो रहे बजट में सरकार हेल्थकेयर पर खास फोकस कर सकती है. इकोनॉमिक सर्वे से यह संकेत मिल रहे हैं कि इस बार हेल्थ बजट जीडीपी का 2.5 से 3 फीसदी रह सकता है जो लंबे समय से जीडीपी का 1 फीसदी ही बना हुआ है. असल में कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को देखते हुए देश में स्वास्थ्य का मजबूत इंफ्रास्टकच्र तैयार करने की जरूरत अब समझी गई है. ऐसे में इस बजट में हेल्थ पर सरकार का बड़ा फोकस रहने वाला है. हेल्थ से जुड़ी सरकारी स्कीमों का दायरा बढ़ाने के साथ उन्हें लेकर भी कुछ अहम एलान हो सकते हैं. इसमें आयुषमान भारत योजना और प्रधानमंत्री जनऔषधि जैसी योजनाएं हैं.

असल में कोरोना वायरस महामारी ने पॉलिसी मेकर्स की सोच बदल दी है. इस बत का असर इकोनॉमिक सर्वे 2021 पर भी देखने को मिला है. मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 पर यहां तक कहा कि इस साल का आर्थिक सर्वे देश के कोरोना योद्धाओं को समर्पित है. फिलहाल इकोनॉमिक सर्वे की बात करें तो ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में सरकार अपनी हेल्‍थकेयर पॉलिसी में बड़ा बदलाव ला सकती है. वहीं स्‍वस्‍थ्‍य सेवाओं पर सरकार का खर्च पहले से कई गुना ज्‍यादा रह सकता है.

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PMJAY और राष्ट्रीय डायलिसिस मिशन

बजट के पहले ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि राष्ट्रीय डायलिसिस मिशन को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के साथ मिलाया जा सकता है. असल में लॉकडाउन के दौरान PMJAY स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहद कारगर साबित हुआ है. योजना के तहत महामारी और लॉकडाउन के समय भी डायलिसिस जैसी सुविधाएं बिना किसी बाधा के सुचारु रूप से जारी रही हैं. PMJAY सरकार की आयुषमान भारत योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसे 2018 में समाज के वंचित एवं कमजोर वर्ग को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया था.

NHM पर रहेगा जोर

सरकार यह भी एलान कर सकती है कि किस तरह से टेलीमेडिसिन की पहुंच शहर याहर तक पहुंचाया जा सके, जिससे लोगों को अपने शेहर में बेहतर इलाज मुहैया हो सके. इसके लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में निवेश की जरूरत होगी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) पर जोर जारी रहना चाहिए.

क्या है इकोनॉमिक सर्वे में

इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार हेल्‍थकेयर बजट के मामले में भारत की 189 देशों में 179वीं रैंकिंग है. सर्वे में कहा गया है कि ओवर आल हेल्‍थ केयर पर पब्लिक स्‍पेंडिंग जीडीपी का 1 से बढाकर 2.5-3 फीसदी करने से आउट आफ पॉकेट एक्‍सपेंडिचर को 65 फीसदी से घटाकर 30 फीसदी तक लाया जा सकता है.

स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत अभी पीछे

हेल्‍थकेयर के मामले में भारत लो इनकम या लोअर मिडिल इनकम वाले देशों की तुलना में भी अंडरपरफॉर्मर रहा है. ग्लोबल बर्डेन आफ डिजीज स्टडी 2021 के अनुसार क्‍वालिटी और उपलब्‍धता के मामले में देखें तो भारत की 180 देशों में 145वीं रैंकिंग है. हॉस्पिटलाइजेशन रेट अभी 3 से 4 फीसदी है जो दुनियाभर के तमाम देशों से बहुत कम है. मिडिल इनकम वाले देशों में एवरेज हॉस्पिटलाइजेशन रेट 8-9 फीसदी है, जबकि OECD देशों में यह 13 से 17 फीसदी है.

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