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Union Budget 2021: क्या सेक्शन 80C के तहत बढ़ेगी टैक्स डिडक्शन की लिमिट? इन एलानों से आम आदमी को मिलेगी राहत

विशेषज्ञों और इंडिविजुअल्स को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत इनकम टैक्स डिडक्शन लिमिट को बढ़ा सकती हैं.

विशेषज्ञों और इंडिविजुअल्स को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत इनकम टैक्स डिडक्शन लिमिट को बढ़ा सकती हैं.

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FE Online
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Income Tax exemption up to Rs 3 lakh under Section 80C among top Budget 2021 Personal Finance expectations

बजट में पर्सनल टैक्स को लेकर राहत की उम्मीद है.

Budget 2021 Income Tax Expectations: विशेषज्ञों और इंडिविजुअल्स को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत इनकम टैक्स डिडक्शन लिमिट को बढ़ा सकती हैं. इस सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये तक किया जा सकता है. वर्तमान में इस सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर डिडक्शन का फायदा लिया जा सकता है. सेक्शन 80सी के तहत पीपीएफ, पांच साल वाले बैंक एफडी, प्रोविडेंट फंड्स, लाईफ इंश्योरेंस प्रीमियम इत्यादि में 1.5 लाख रुपये तक की राशि पर टैक्स बेनेफिट लिया जा सकता है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट 1 फरवरी को पेश होगा.

अंकित सेहरा एंड एसोसिएट्स के फाउंडर और टैक्स एक्सपर्ट अंकित सेहरा का मानना है कि आगामी बजट में सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन लिमिट को बढ़ाकर 3 लाख रुपये तक किए जाने की उम्मीद की जा सकती है. सेहरा के मुताबिक इससे निवेश में बढ़ोतरी होगी और इकोनॉमी का विस्तार भी होगा.

जीवन बीमा और पेंशन योजना पर अलग डिडक्शन

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सेहरा को उम्मीद है कि सरकार लंबी अवधि की बचत और कम समय की बचत को लेकर खास नियम लेकर आएगी. उनका कहना है कि वर्तमान में ऐसी कोई टैक्स पॉलिसी नहीं है जिससे लंबे समय की बचत योजनाओं को प्रोत्साहन मिले. लंबी समय की बचत योजनाओं में निवेश बढ़ने पर कोरोना महामारी से इकोनॉमी को उबरने में मदद मिलेगी. लाइफ इंश्योरेंस और पेंशन फंड्स लांग टाइम सेविंग के मुख्य स्रोत हैं. सेहरा के मुताबिक इस बार बजट में इन दोनों के लिए सेक्शन 80सी से अलग एग्जेंप्शन लिमिट पर विचार कर सकती है.

होम लोन को लेकर एग्जेंप्शन लिमिट बढ़ाने की मांग

येस सिक्योरिटीज के मुताबिक बजट में सेक्शन 80सी की लिमिट को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया जा सकता है. येस सिक्योरिटीज को उम्मीद है कि सरकार रीयल एस्टेट डिमांड को बढ़ावा देने के लिए नीतियां ला सकती है जिसमें होम लोन के प्रिंसिपल रिपेमेंट पर एग्जेंप्शन लिमिट में बढ़ोतरी की जा सकती है. येस सिक्योरिटीज का कहना है कि होम लोन के प्रिंसिपल रिपेमेंट में एग्जेंप्शन को सैलरीड क्लास के लिए एचआरए लिमिट्स के बराबर रखा जा सकता है.

पर्सनल टैक्स को लेकर राहत की उम्मीद

टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि बजट में पर्सनल टैक्स को लेकर राहत मिल सकती है. इंडस्ट्री बॉडी फिक्की और ध्रुव एडवाइजर्स द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि करीब 40 फीसदी लोग इस बजट में डायरेक्ट टैक्स प्रपोजल्स में पर्सनल टैक्स में राहत की उम्मीद कर रहे हैं. इसके अलावा 47 फीसदी लोगों की मांग है कि सरकार प्रत्यक्ष करों के स्लैब को बढ़ाए. सर्वे में लोगों से टैक्सेशन को लेकर पूछा गया था कि उन्हें वर्तमान टैक्सेशन सिस्टम में सबसे अधिक समस्या किस प्रकार की हो रही हैं और उन्हें सरकार से बजट में किस प्रकार की राहत चाहिए. सर्वे रिजल्ट्स में पाया गया कि 52 फीसदी लोगों को समय पर रिफंड मिलने में समस्या आ रही है और 49 फीसदी लोगों को टैक्स कंप्लायंस व 43 फीसदी लोगों को टैक्सी लिटीगेशन को लेकर समस्या है.

(Article: Rajeev Kumar)

Union Budget 2021 Nirmala Sitharaman Narendra Modi