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‘बजट और उसके बाद’ विषय पर डिस्कशन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2020-21 का बजट ऐसा है जिसका इक्विटी, बांड और करंसी बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. (File Image Agency
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Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जरूरत पड़ने पर सरकार बजट की घोषणाओं के अलावा और भी कदम उठाने को तैयार है. संपत्ति प्रबंधन, संपत्ति परामर्श, टैक्स सलाहकार और अन्य संबंधित सेवाओं के पेशेवरों के साथ ‘बजट और उसके बाद’ विषय पर शुक्रवार को आयोजित परिचर्चा में मंत्री ने यह भी कहा कि 2020-21 का बजट ऐसा है जिसका इक्विटी, बांड और करंसी बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.
सीतारमण ने कहा, ‘‘अगर बजट के अलावा और कुछ करने की जरूरत पड़ती है, हम उसे करने को तैयार हैं.’’ इस दौरान पेशेवरों ने देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिये कई सुझाव दिए. सरकार ने एक फरवरी को पेश बजट में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने को लेकर कई कदमों की घोषणा की है. यह घोषणा ऐसे समय की गई जब देश में कई कारणों से मांग में नरमी है. देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 5 फीसदी रहने का अनुमान है जो 11 साल का न्यूनतम स्तर है.
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कंजम्प्शन और कैश फ्लो बढ़ाने का सुझाव
इस दौरान प्रोफेशनल्स ने कंजम्प्शन बढ़ाने, ग्राहकों के पॉकेट में और पैसा डालने, नकदी बढ़ाने के लिए जरूरी उपायों और कैपिटल मार्केट के बारे में कई सुझाव दिए. इसके अलावा डायरेक्ट टैक्स टैक्स से जुड़े विवादों के समाधान को लेकर लाई गई ‘विवाद से विश्वास’ योजना को लेकर भी कई सुझाव दिए गए. इस योजना की घोषणा 2020-21 के बजट में की गई है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय योजना के बारे में जल्दी ही विस्तृत ब्योरा उपलब्ध कराएगा. हालांकि योजना को लागू करने से पहले संसद की मंजूरी की जरूरत होगी.
बजट पर मिले सुझावों पर मंत्रालय लेगा एक्शन
वित्त मंत्री ने परिचर्चा में शामिल प्रोफेशन्लस को इस बात भरोसा दिलाया कि उनका मंत्रालय सुझावों पर गौर करेगा. इससे पहले, सीतारमण मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में इसी प्रकार की परिचर्चा कर चुकी हैं. बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और सीईओ अमिताभ कांत शामिल थे. इसके अलावा वित्त मंत्रालय के सचिव भी इसमें उपस्थित थे.