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Union Budget 2021: बजट के लिए अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से बातचीत करेंगे पीएम मोदी, ग्रोथ को बढ़ाने वाले विकल्पों पर होगी चर्चा

Union Budget 2021 India: यह बातचीत ऐसे समय में होने वाली है जब कोरोना महामारी के चलते कई मोर्चों पर अनिश्चितता बनी हुई है.

Union Budget 2021 India: यह बातचीत ऐसे समय में होने वाली है जब कोरोना महामारी के चलते कई मोर्चों पर अनिश्चितता बनी हुई है.

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PM Narendra Modi to interact with leading economists and sectoral experts for budget 2021 22 by nirmala sitharaman

प्रधानमंत्री मोदी अगले बजट के लिए उन विकल्पों पर चर्चा करेंगे जिससे ग्रोथ को बढ़ावा मिल सके. (File Photo)

Union Budget 2021 India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 8 जनवरी को देश के अग्रणी अर्थशास्त्रियों और हर सेक्टर के विशेषज्ञों से बातचीत करेंगे. इस बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी अगले बजट के लिए उन विकल्पों पर चर्चा करेंगे जिससे ग्रोथ को बढ़ावा मिल सके. यह बातचीत ऐसे समय हो रही है जब कोरोना महामारी के चलते कई मोर्चों पर अनिश्चितता बनी हुई है. अगले वित्त वर्ष 2021-22 का बजट 1 फरवरी को पेश होगा.

यह बैठक सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग ऑर्गेनाइज कर रही है और यह वर्चुअली होगी यानी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री मोदी अर्थशास्त्रियों व विशेषज्ञों से बातचीत करेंगे. इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी शामिल रहेंगे.

चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में सिकुड़न का अनुमान

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यह बैठक ऐसे समय में होने वाली है जब देश के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 31 मार्च 2021 को खत्म होने वाले वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.5 फीसदी की दर से सिकुड़ने का अनुमान लगाया है. हालांकि इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी 10.3 फीसदी की दर से सिकुड़ेगी जबकि विश्व बैंक का अनुमान है कि यह सिकुड़न 9.6 फीसदी की दर से होगी.

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उम्मीद से तेज रही इकोनॉमिक रिकवरी

कोरोना महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है. हालांकि चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में इकोनॉमी में रिकवरी उम्मीद से अधिक तेजी से हुई. मैनुफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूती के कारण सितंबर तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की दर से सिकुड़न रही. अब बेहतर कंज्यूमर डिमांड के कारण उम्मीद की जा रही है कि इकोनॉमी में बेहतर रिकवरी होगी. वित्त वर्ष 2019-20 में भारतीय अर्थव्यवस्था 4.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी.

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