/financial-express-hindi/media/post_banners/c5v4zOIM2J1Y5QCAWJty.jpg)
मांग है कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस दिशा में कदम उठाएं.
Union Budget 2021 Budget Demands: 1 फरवरी को पेश होने जा रहे बजट 2021 से SME पार्टन​रशिप फर्म्स कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का फायदा चाहते हैं. वैसे तो सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सितंबर 2019 में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की थी लेकिन लेकिन इस कटौती का फायदा छोटे व मंझोले पार्टन​रशिप फर्म्स को नहीं हुआ. लुधियाना की हौजरी इंडस्ट्री की मांग है कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस दिशा में कदम उठाएं.
निटवियर एंड अपैरल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ लुधियाना (KAMAL) के प्रेसिडेंट सुदर्शन जैन का कहना है कि हम पिछले तीन सालों से SME पार्टन​रशिप फर्म्स के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है. कॉरपोरेट टैक्स की घटी हुई दर इन पार्टनरशिप फर्म्स के लिए भी लागू की जानी चाहिए क्योंकि देश की कुल SME कंपनियों में पार्टनरशिप फर्म्स की हिस्सेदारी लगभग 90 फीसदी है.
पिछले साल कितना घटा था कॉरपोरेट टैक्स
​बता दें कि सितंबर 2019 में सरकार ने घरेलू कंपनियों के लिए बेस कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दी थी. साथ ही 1 अक्टूबर 2019 के बाद अस्तित्व में आईं व 31 मार्च 2023 से पहले परिचालन शुरू करने वाली नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर को 25 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर ​दिया गया.
Budget 2021: बैंकों की बैलेंस शीट ठीक करने के लिए बैड बैंक बनाने​ की जरूरत- CII
ECLGS का मिला है फायदा
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) के लिये आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत मई 2020 में घोषित की गई आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ECLGS) को लेकर जैन ने कहा कि यह स्कीम सरकार का एक अच्छा निर्णय साबित हुई. कोरोना काल में कारोबार को फिर से खड़ा करने के लिए कई MSME कंपनियों ने ECLGS का फायदा उठाया है. ईसीएलजीएस में कारोबारियों, मुद्रा ऋण लेने वालों, व्यक्तियों को व्यवसायिक कार्यों के लिये उनके 29 फरवरी 2020 तक के बकाया कर्ज का 20 फीसदी तक अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध कराया जा रहा है. यह कर्ज पूरी तरह से कोलेट्रल फ्री है.
ECLGS के तहत अतिरिक्त कर्ज के लिये गारंटी सरकार की तरफ से दी जा रही है. योजना के तहत बैंकों से लिये गये कर्ज पर अधिकतम 9.25 फीसदी ब्याज होगा, जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFCs) 14 फीसदी की दर से ब्याज ले सकेंगे. योजना में कर्ज की अवधि चार साल है, जिसमें एक साल तक प्रिसिंपल अमाउंट की वापसी से छूट होगी. ECLGS 31 मार्च, 2021 तक के लिए वैध है. सरकार ने इस स्कीम के तहत 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बांटने का लक्ष्य रखा है.