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Budget 2021: बीमा अनिवार्य बनाने के साथ सामाजिक सुरक्षा के लिए नई स्कीम लाए सरकार, बजट से उम्मीदें

Union Budget 2021 Expectations for Insurance Sector: बीमा क्षेत्र को भी वित्त मंत्री सीतारमण से बजट में काफी उम्मीदें हैं.

Union Budget 2021 Expectations for Insurance Sector: बीमा क्षेत्र को भी वित्त मंत्री सीतारमण से बजट में काफी उम्मीदें हैं.

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बीमा क्षेत्र को भी वित्त मंत्री सीतारमण से बजट में काफी उम्मीदें हैं.

Union Budget 2021-22 Expectations for Insurance Sector: वित्त वर्ष 2021-22 का बजट 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट होगा. कोरोना महामारी और उसके बाद आर्थिक संकट के कारण यह बजट बहुत महत्वपूर्ण हो गया है. तमाम सेक्टर्स को आने वाले बजट से बहुत उम्मीदें हैं. इनमें बीमा क्षेत्र को भी वित्त मंत्री सीतारमण से बजट में काफी उम्मीदें हैं. इसमें बीमा को अनिवार्य बनाने, इसको लेकर जागरुकता बढ़ाने और टैक्स छूट की सीमा अधिक करने जैसे सुझाव शामिल हैं.

जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम

नीरज प्रकाश, मैनेजिंग डायरेक्टर, श्रीराम जनरल इंश्योरेंस ने कहा कि किसी भी तरह का इंश्योरेंस लेना अभी भी हमारे देश में बुरी वित्तीय स्थिति से सुरक्षा की जगह एक खर्च के तौर पर देखा जाता है. गैर-जीवन बीमा की पहुंच को बढ़ाने के लिए सरकार ज्यादा टैक्स बेनेफिट्स दे सकती है. इसके साथ नई इंश्योरेंस स्कीम्स को शुरू कर सकती है और अनिवार्य कवर में और प्रोडक्ट्स को शामिल कर सकती है.

टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाना

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नीरज प्रकाश ने कहा कि वर्तमान में, सभी जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत छूट है. सेक्शन के तहत, अलग-अलग निवेश पर 1,50,000 रुपये तक टैक्स छूट मिलती है. बीमा कंपनियों के मुताबिक, यह बहुत कम है. इसमें बड़ी दिक्कत यह है कि 80C में बहुत से दूसरे प्रोडक्ट्स शामिल हैं जैसे ELSS, PPF, NSC SSC, SSSC आदि. इसलिए पॉलिसीधारकों को पर्याप्त बेनेफिट मिलता है. सरकार इसके लिए अलग से छूट वाला सेक्शन या इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत सीमा को बढ़ाने पर विचार कर सकती है, क्योंकि 1,50,000 रुपये की मौजूदा सीमा कम है.

धीरेंद्र मह्यावंशी, को-फाउंडर, Turtlemint ने कहा कि सेक्शन 80D की सीमा में बढ़ोतरी की जा सकती है. उन्होंने कहा कि हालांकि, पहले के बजट में सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया था. लेकिन यह केवल वरिष्ठ नागरिकों के लिए था. इस बजट में, उन्हें आम लोगों के लिए इसे बढ़ाए जाने की उम्मीद है.

धीरेंद्र मह्यावंशी ने सेक्शन 80CCD में पेंशन प्लान्स को भी शामिल करने की बात कही है. उनके मुताबिक NPS स्कीम को सेक्शन 80CCD (1B) के तहत 50,000 रुपये का अतिरिक्त डिडक्शन मिलता है. इससे लाइफ इंश्योरेंस प्लान्स की लोकप्रियता पर असर हुआ है जो केवल सेक्शन 80C में शामिल हैं, जिसके तहत 1.5 लाख रुपये तक का बेनेफिट मिलता है. उन्हें उम्मीद है कि सेक्शन 80CCD(1B) के तहत लाइफ इंश्योरेंस पेंशन प्लान्स पर भी डिडक्शन मिलेगा, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी.

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सामाजिक सुरक्षा के लिए नई स्कीम

नीरज प्रकाश के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम लॉन्च की जा सकती है, जिसमें 60 साल से ज्यादा उम्र वाले नागरिकों को हेल्थ या मेडिकल इंश्योरेंस उपलब्ध कराया जा सकता है. इन लोगों को मेडिकल सुविधाओं की सबसे ज्यादा जरूरत होती है.

बीमा को अनिवार्य करना

नीरज प्रकाश ने कहा कि सभी प्रॉपर्टी का कानून के तहत अनिवार्य तौर पर बीमा किया जाना चाहिए. केंद्रीय बजट 2021 में एक इनकम टैक्स बेनेफिट पेश किया जाना चाहिए, जिसमें हाउस प्रॉपर्टी इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर छूट मिले. इससे बीमा की पहुंच बढ़ेगी. इससे यह भी सुनिश्चित होता कि किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में लोगों को क्लेम मिले. महामारी के दौर में लोगों की रूचि बढ़ी है. इस बजट में हेल्थ और होम इंश्योरेंस को अनिवार्य किया जा सकता है.

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