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निर्यातकों के संगठन FIEO ने शनिवार को वित्त मंत्रालय को कई कदमों का सुझाव दिया है.
Indian Union Budget 2021-22: निर्यातकों के संगठन FIEO ने शनिवार को वित्त मंत्रालय को कई कदमों का सुझाव दिया है जैसे डबल टैक्स डिडक्शन स्कीम को लाना और एक एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फंड को स्थापित करना. ये सुझाव निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हैं. दूसरे सुझावों में प्रोडक्ट डेवलपमेंट पर टैक्स डिडक्शन का विस्तार करना, भारतीय उद्योग को खरीद की वैश्विक बोली के तहत डीम्ड एक्सपोर्ट स्टेटस उपलब्ध कराना, एक्सपोर्ट फाइनेंस के लिए बैंकों को ECGC कवरेज और कॉमर्स डिपार्टमेंट को ज्यादा बजट आवंटित करना शामिल है.
बजट पूर्व बातचीत के दौरान दिया सुझाव
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन्स (FIEO) के अध्यक्ष शरद कुमार सरफ ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बातचीत के दौरान इन कदमों का सुझाव दिया. उन्होंने डबल टैक्स डिडक्शन स्कीम को पेश करने का सुझाव दिया जिससे निर्यातक अपनी टैक्सेबल इनकम के लिए डिडक्शन कर सकें. उन्होंने एक बयान में कहा कि स्कीम के तहत 5 लाख अमेरिकी डॉलर की एक सीमा रखी जा सकती है जिससे निवेश और टैक्स कटौती सीमित हो.
उन्होंने आगे कहा कि वाणिज्य मंत्रालय के मार्केश एक्सेस पहल के तहत मार्केटिंग सपोर्ट बहुत छोटा है और MSME को मदद करने के लिए एक एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फंड बनाने की जरूरत है जिसका कॉर्पस देश के निर्यात का 0.5 फीसदी होगा. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कंपनियां जो वैश्विक टेंडर के तहत कॉन्टैक्ट जीतती हैं, उन्हें डीम्ड एक्सपोर्ट स्टेटस दिया जा सकता है क्योंकि वे सीधे आयात की जगह लेती हैं जो हो सकता था, अगर कॉन्टैक्ट किसी विदेशी सप्लायर द्वारा जीता जाता.
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PHDCCI ने भी दिए सुझाव
वहीं, उद्योग मंडल PHDCCI ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट-पूर्व चर्चा में ऊंची आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए 10 सूत्रीय रणनीति सुझाई है. इसमें खपत और मांग बढ़ाने के साथ निजी निवेश को प्रोत्साहित किए जाने पर जोर दिया गया है.
PHDCCI के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने एक बयान में कहा कि मौजूदा समय में उनका सुझाव है कि व्यक्तिगत आयकर पर 25 फीसदी की अधिकतम दर तय की जाए और इसके तहत कोई छूट प्रदान नहीं की जाए. इसके अलावा बुनियादी ढांचे में निवेश, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को मजबूत करने, कारोबार करने की लागत घटाने, निर्यात सुगमता, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में कर संग्रह, कृषि और ग्रामीण क्षेत्र पर ध्यान देने के लिए भी कहा गया है.