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पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत कई सेक्टर्स के पाठ्यक्रम शामिल किए गए हैं.
Union Budget 2021: बेरोजगार युवाओं को रोजगार के प्रशिक्षण देने और कार्यरत लोगों की स्किल्स बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों में बिना किसी फीस के प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. इसका लाभ देश के 10वीं, 12वीं कक्षा की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले युवा भी उठा सकते हैं. इस योजना का तीसरा चरण 15 जनवरी को लांच होने वाला है और इसे देश के सभी राज्यों के 600 जिलों में लांच किया जाएगा. इस योजना के तहत वर्ष 2020 तक एक करोड़ लोगों के कौशल विकास का लक्ष्य रखा गया था. मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरिशप की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, अक्टूबर 2020 तक इस योजना के तहत महज 68,92,164 लोगों का ही इनरोलमेंट हो सका है.
बजट की बात करें तो इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2020-21 में 3002.21 करोड़ का बजट आवंटित किया गया था जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में 2989.21 करोड़ बजट आवंटित हुआ था. पिछले साल कोरोना महामारी के कारण बहुत से लोगों को रोजगार गंवाना पड़ा था, इस वजह से बजट 2021-22 में उम्मीद की जा रही है कि सरकार कौशल विकास पर फोकस करेगी ताकि अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित कर रोजगार के मौके उपलब्ध कराएं जा सके. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आगामी बजट पेश करेंगी.
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68 लाख से अधिक कैंडिडेट्स हो चुके हैं रजिस्टर्ड
- मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरिशप की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक 20 अक्टूबर 2020 तक प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत रिकग्निशनल ऑफ प्रिऑर लर्निंग में अब तक 3320403 कैंडिडेट्स का एनरोलमेंट हो चुका है और उन्हें प्रशिक्षित किया जा चुका है. इस योजना के तहत देश भर में 22550 ट्रेनिंग सेंटर बनाए गए हैं जहां रोजगार के लिए युवाओं को प्रशिक्षित किया जाता है. इसके लिए 141 ट्रेनिंग पार्टनर बनाए गए हैं और युवाओं को 586 जॉब रोल्स ऑफर हो रहे हैं. रिकग्निशन ऑफ प्रॉयर लर्निंग के तहत उन लोगों को प्रमाणपत्र दिया जाता है जिनके पास संबंधित कौशल में काम करने का अनुभव है या जिन्होंने बिना औपचारिक प्रशिक्षण या पढ़ाई के किसी कौशल को सीखा है.
- शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग की बात करें तो इस प्रोग्राम में अब तक 3417641 कैंडिडेट्स का इनरोलमेंट हो चुका है जिसमें से 3413798 कैंडिडेट्स को प्रशिक्षित किया जा चुका है. इस प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षित 1632334 कैंडिडेट्स को जॉब मिल चुकी है यानी प्लेसमेंट पर्सेंटेज 57.55 फीसदी रहा है. यह आंकड़ा मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरिशप की वेबसाइट पर 20 अक्टूबर 2020 तक अपडेटेड है. इसके तहत स्कूल/कॉलेज की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले वालों या बेरोजगारों को प्रशिक्षित किया जाता है. प्रशिक्षण की अवधि नौकरी की भूमिका के अनुसार अलग-अलग होती है और यह 150से 300 घंटों के बीच हो सकती है. इसके लिए देश भर में 8804 ट्रेनिंग सेंटर बनाए गए हैं और 2509 ट्रेनिंग पार्टनर हैं. इस प्रोग्राम के तहत 261 जॉब रोल्स ऑफर किए जाएंगे.
- रिकग्निशनल ऑफ प्रिऑर लर्निंग और शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग के अलावा इस योजना के तहत स्पेशल प्रोजेक्ट्स में भी प्रशिक्षित किया जाता है. इसके तहत समाज के कमजोर व अधिकारहीन समूहों में प्रशिक्षण को प्रोत्साहित किया जाता है. इसके अलावा विशेष क्षेत्रों और सरकारी निकायों, कॉरपोरेट/औद्योगिक निकायों जैसे परिसरों में प्रशिक्षण को प्रोत्साहित किया जाता है. मंत्रालय के मुताबिक स्पेशल प्रोजेक्ट्स के तहत अब तक 154120 कैंडिडेट्स का इनरोलमेंट हुआ है. इसमें 154120 कैंडिडेट्स को प्रशिक्षित किया जा चुका है जिसमें 125709 कैंडिडेट्स का मूल्यांकन हो चुका है. 53235 कैंडिडेट्स को रोजगार मिल चुका है यानी प्लेसमेंट पर्सेंटेंज 49.84 फीसदी है.
इन उम्मीदवारों को माना जाता है प्लेस्ड
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत उन्हीं उम्मीदवारों को माना जाता है कि उन्हें नौकरी पर रखा गया है, जो नीचे लिखी हुई शर्तें पूरी कर रहे हों.
- उम्मीदवारों को प्रमाणित और नौकरी पर रखा गया हो.
- प्रमाणन के 90 दिनों के भीतर उम्मीदवारों को नौकरी मिल गई हो.
- उम्मीदवार लगातार तीन महीनों से नौकरी कर रहा हो, चाहे यह कहीं पर नौकरी के तौर पर हो या स्व-रोजगार हो.
- नौकरी पर रखा गया उम्मीदवार राज्य रोजगार दिशा-निर्देशों के मुताबिक कम से कम न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे अधिक वेतन प्राप्त कर रहा हो.
योजना की क्या है खासियत?
पीएमकेवीवाई के ट्रेनिंग के लिए किसी तरह की फीस नहीं ली जाती है. पीएमकेवीवाई में 3 महीने, 6 महीने और 1 साल के लिए रजिस्ट्रेशन होता है. कोर्स पूरा करने के बाद सर्टिफिकेट मिलता है, जो पूरे देश में मान्य है. ट्रेनिंग करने के बाद सरकार रोजगार मेलों के जरिए नौकरी दिलाने में भी मदद करती है. कम पढ़े लिखे हैं या स्कूल ड्रॉपआउट हैं तो यह ट्रेनिंग बेहद काम आ सकती है. ट्रेनिंग के आपका SSC द्वारा स्वीकृत मूल्यांकन एजेंसी द्वारा मूल्यांकन होता है. जिस आधार पर सरकारी प्रमाणपत्र तथा स्किल कार्ड मिलता है.
कैसे कराएं PMKVY में रजिस्ट्रेशन?
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में आवेदक को अपना नामांकन कराने के लिए https://pmkvyofficial.org पर जाकर अपना नाम, पता और ईमेल की जानकारी देनी होगी. फार्म भरने के बाद आवेदक जिस तकनीकी क्षेत्र में ट्रेनिंग करना चाहता है उसे सेलेक्ट करना होगा. पीएमकेवीवाई में कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं हार्डवेयर, फूड प्रोसेसिंग,फर्नीचर और फिटिंग, हैंडीक्रॉफ्ट, जेम्स एवं ज्वेलरी और लेदर टेक्नोलॉजी जैसे करीब 40 तकनीकी क्षेत्र दिये गए हैं. इसमें पसंदीदा तकनीकी क्षेत्र के एक अतिरिक्त तकनीकी क्षेत्र का भी चयन करना होगा. ये जानकारियां भरने के बाद अपने ट्रेनिंग सेंटर का चयन करना होगा.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में कई पाठ्यक्रम
पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत कई सेक्टर्स के पाठ्यक्रम शामिल किए गए हैं. इनमें युवाओं को प्रशिक्षित कर उनमें कौशल विकास किया जाता है. इन पाठ्यक्रमों में हॉस्पिटैलिटी व टूरिज्म कोर्स, टेक्सटाइल्स कोर्स, टेलीकॉम कोर्स, सिक्योरिटी सर्विस कोर्स, रबर कोर्स, रिटेल कोर्स, पावर इंडस्ट्री कोर्स, प्लंबिंग कोर्स, माइनिंग कोर्स, एंटरटेनमेंट व मीडिया कोर्स, लॉजिस्टिक्स कोर्स, लाइफ साइंस कोर्स, लेदर कोर्स, आईटी कोर्स, स्वास्थ्य देखभाल कोर्स, ग्रीन जॉब्स कोर्स, फर्नीचर तथा फिटिंग कोर्स, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री कोर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स कोर्स, कृषि कोर्स और बीमा, बैंकिंग व फाइनेंस कोर्स इत्यादि शामिल हैं.