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महामारी के दौरान रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए घोषित किए गए विभिन्न उपायों ने इस क्षेत्र को अधिक बढ़ावा दिया है. Image: PTI
Union Budget 2021: आगामी 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में स्वास्थ्य सेवा, रोजगार एवं रियल एस्टेट पर फोकस किया जा सकता है. COVID-19 लॉकडाउन संकट और महामारी के दौरान रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए घोषित किए गए विभिन्न उपायों ने इस क्षेत्र को अधिक बढ़ावा दिया है. मकानों की बिक्री की गति को बनाए रखने के लिए आयकर नियमों में रियायत, रियल एस्टेट में निवेश के लिए ग्राहकों को अधिक प्रोत्साहन देगा.
कम ब्याज दर और आसान लिक्विडिटी
रियल एस्टेट की मांग में उछाल के लिए कम ब्याज दर आवश्यक है क्योंकि रियल एस्टेट में निवेश का बड़ा हिस्सा बैंक ऋण के माध्यम से है. ब्याज दरों का मौजूदा स्तर अनेक वर्षों में सबसे कम है, बैंकों द्वारा दिए गए लंबी अवधि के ऋण भी इस क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन के रूप में काम कर रहे हैं.
NHB (National Housing Bank) और NABARD में निधियों के विस्तार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार की ओर से दी गई आसान और अतिरिक्त लिक्विडिटी ने सुनिश्चित किया कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों के पास ऋण की तलाश कर रहे ग्राहकों और निवेशकों को देने के लिए पर्याप्त मात्रा में फंड है. यह पहलू आगे चलकर मांग के लिए महत्वपूर्ण है, वित्त मंत्री को पूरी तरह से रिकवरी होने तक इन पर अधिक उपाय सुनिश्चित करने चाहिए.
आयकर नियमों को अधिक आसान बनाना
घर खरीदारों द्वारा रियल एस्टेट में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत डिडक्शन की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए. नवंबर 2020 में सरकार ने 2 करोड़ रुपए तक की हाउसिंग यूनिट्स के सर्किल रेट में छूट को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है.
सर्किल रेट से कम दाम पर बिक्री पर इनकम टैक्स नियमों में छूट की राहत को 30 जून 2021 की निर्धारित समयसीमा से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 कर देना चाहिए. इस योजना के विस्तार से डेवलपर्स को अनसोल्ड इन्वेंट्री क्लियर करने में मदद मिलेगी, इससे लिक्विडिटी का निर्माण होगा जिसका इस्तेमाल नए प्रॉजेक्ट के विकास के लिए किया जा सकता है. सरकार की इस घोषणा से रेजिडेंशियल रियल एस्टेट को बढ़ावा मिलेगा और मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी. यह सरकार के 'हाउसिंग फॉर ऑल' विजन को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में कार्य करेगा.
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CLSS के तहत लाभ और एक साल बढ़े
मई 2020 में सरकार ने PMAY-CLSS के तहत लाभ प्राप्त करने की तारीख मार्च 2021 तक बढ़ा दी. यह पहले घर की खरीद पर 2.35 लाख रुपये तक की होम लोन सब्सिडी क्लेम करने की दिशा में है. एक सरकारी अनुमान के अनुसार, 2020-21 के दौरान मध्यम आय वाले 2.5 लाख से अधिक परिवारों को इस विस्तार का लाभ मिलेगा. इतनी बड़ी संख्या में लोगों को लाभ मिलने के साथ इस योजना को एक और वर्ष तक बढ़ाया जाना चाहिए.
डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना
महामारी ने कार्यक्षमता बढ़ाने और ग्राहक अनुभव में वृद्धि लाने के लिए रियल एस्टेट में डिजिटलीकरण की प्रवृत्ति को तेज किया है. सरकार को क्षेत्रों के कई प्रमुख पहलुओं के डिजिटलीकरण पर ध्यान देना चाहिए, जैसेकि डेवलपर के कार्यालय, अन्य स्थान पर घरेलू एवं एनआरआई खरीदारों के लिए प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराना, जो पूरे देश में वर्तमान रजिस्ट्रेशन कार्यालयों में भीड़ को कम करेगा. डिजिटल ड्राइव के परिणामस्वरूप खरीदार और निवेशक अपने गृह शहरों यानी होम टाउन के अलावा अच्छे आरओआई वाले अन्य शहरों में, शारीरिक रूप से मौजूद न होने के बावजूद निवेश कर पाएंगे.
व्यापार करने में आसानी
रियल एस्टेट व्यवसाय को कई स्तरों पर सभी हितधारकों के साथ कई अनुमोदन, डॉक्युमेंटेशन की आवश्यकता होती है. यदि अनुमोदन की आवश्यक संख्या कम की जाए तो यह निश्चित रूप से मददगार साबित हो सकती है. इससे प्रॉजेक्ट को तेजी से विकसित किया जा सकता है. एक सिंगल विंडो सिस्टम हो, जो सभी अनुमोदन प्रणाली को केंद्रीकृत करे. अनुमोदन में किसी भी देरी से डेवलपर्स के लिए लागत में वृद्धि होती है, जिससे प्रॉजेक्ट की व्यवहार्यता, वितरण समयरेखा प्रभावित होती है. प्रॉजेक्ट को तेजी से पूरा करने के लिए अनुमोदन तेजी से मिलना जरूरी है.
Atricle By: मंजू याग्निक- वाइस चेयरपर्सन, नाहर ग्रुप और सीनियर उपाध्यक्ष, नरेडको, महाराष्ट्र