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Union Budget 2021: 2.5 लाख से ज्यादा PF कटवाने वालों को झटका, ब्याज पर लगेगा टैक्स

Interest Income from Provident Funds: बजट 2021 के एक प्रस्ताव से उच्च आय वालों को झटका लगने वाला है.

Interest Income from Provident Funds: बजट 2021 के एक प्रस्ताव से उच्च आय वालों को झटका लगने वाला है.

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Ritika Singh
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Representational Image: PTI

Union Budget 2021 in Hindi: बजट 2021 के एक प्रस्ताव से उच्च आय वालों को झटका लगने वाला है. वे अब प्रोविडेंट फंड (PF) के जरिए बड़ा टैक्स फ्री फंड नहीं खड़ा कर पाएंगे. दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी बजट स्पीच में प्रस्ताव रखा कि विभिन्न पीएफ में कर्मचारी अंशदान पर होने वाली ब्याज आय के मामले में टैक्स छूट को 2.5 लाख रुपये सालाना अंशदान तक सीमित किए जाए. यह नया प्रस्ताव 1 अप्रैल 2021 को या उसके बाद होने वाले पीएफ अंशदानों पर लागू होगा.

इस प्रस्ताव के अमल में आने के बाद पीएफ में 2.5 लाख रुपये सालाना तक के अंशदान से होने वाली ब्याज आय ही टैक्स फ्री होगी. इस लिमिट से अधिक के अंशदान पर ब्याज आय टैक्स के दायरे में आ जाएगी. इससे वे कर्मचारी सीधे तौर पर प्रभावित होंगे, जिनकी आय उच्च है और वे वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड के जरिए मोटी टैक्स फ्री ब्याज आय प्राप्त कर लेते हैं.

PF: जानें टैक्स का गणित

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PF में कर्मचारी के योगदान/अंशदान पर आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. साथ ही इस पर मिलने वाला ब्याज और निकाला जाने वाला पैसा भी टैक्स फ्री है. लेकिन इसमें एक शर्त जुड़ी है. वह यह कि EPF से किया जाने वाला विदड्रॉल तभी टैक्स फ्री होगा, जब इंप्लॉई ने लगातार 5 साल नौकरी करने के बाद यह निकासी की हो. अगर 5 साल की नौकरी पूरी होने से पहले ही कर्मचारी EPF अमाउंट निकालता है तो इस पर टैक्स देना होगा.

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PF में अंशदान से होने वाली ब्याज आय आयकर कानून के सेक्शन 10 के क्लॉज (11) और क्लॉज (12) के तहत टैक्स फ्री है. वित्त मंत्री का कहना है कि इन क्लॉज में एक प्रावधान जोड़ा जाएगा, जिससे विभिन्न पीएफ में 2.5 लाख रुपये सालाना तक के कर्मचारी अंशदान से होने वाली ब्याज आय ही टैक्स फ्री होगी.

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