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Union Budget 2021 India: बजट 2021 में रिटेल निवेशकों को वित्त मंत्री से क्या हैं उम्मीदें
Union Budget 2021: बजट पेश होने की तारीख अब करीब आ रही है. इस बार बजट ऐसे समय में पेश हो रहा है, जब कोरोना वायरस के चलते न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक गिरावट रही है, बल्कि रिटेल निवेशकों को भी इसकी मार झेलनी पड़ी है. कोरोना वायरस महामारी के चलते उनके भी पूरे साल के रिटर्न पर असर पड़ा है. ऐसे में रिटेल निवेशकों को इस बार बजट में वित्त मंत्री से बहुत उम्मीदें हैं. रिटेल निवेशक जहां मांग बढाने के लिए टैक्स में और ज्यादा छूट चाहते हैं तो वहीं कुछ रिटर्न पर कैंची चलाने वाले टैक्स से राहत की मांग कर रहे हैं. ये बातें एक ट्विटर पोल से सामने आई है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन हिंदी ने एक ट्विटर पोल के जरिए रिटेल निवेशकों की राय जाननी चाही थी.
पोल में निवेशकों ने क्या कहा
ट्विटर पोल में सबसे ज्यादा लोग 39.3 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें डिविडेंट टैक्स में राहत देनी चाहिए. वहीं 25 फीसदी लोग एलटीसीजी टैक्स में और राहत चाहते हैं. 18 फीसदी और 18 फीसदी लोग मांग बढाने के लिए टैक्स में छूट और ऐसे इंडस्ट्री के लिए राहत पैकेज चाहते हैं, जिन पर कोरोना वायरस महामारी का असर सबसे ज्यादा हुआ है.
टैक्स में राहत मिलने से क्या होगा
सरकार अगर बजट में टैक्स में राहत देती है तो इससे न सिर्फ सैलरीड क्लास की बचत होगी, बल्कि बाजार में लिक्विडिटी बढाने में भी मदद मिलेगी. वहीं कंजम्पशन स्टोरी बेहतर होगी. 60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर छूट सीमा 2.5 लाख सालाना है. इस लिमिट में वित्त वर्ष 2014-15 से कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. बीते बजट में वित्त मंत्री ने नया इनकम टैक्स स्ट्रक्चर पेश किया, जोकि वैकल्पिक था. हालांकि वैक्ल्पिक व्यवस्था में यह माना गया कि इसमें हायर स्लैब वालों को फायदा ज्यादा है. ऐसे में मौजूदा कर व्यवस्था के तहत मूल छूट सीमा बढ़ाई जा सकती है.
डिविडेंड टैक्स हटने से फायदा
डिविडेंड पर टैक्स से राहत मिले तो रिटेन निवेशकों की बाजार से होने वाली कमाई बढ़ जाएगी. पहले यह टैक्स डिविडेंड देने वाली कंपनी पर लगता था. लेकिन कंपनियों का कहना था कि कॉरपोरेट टैक्स का भुगतान करने के बाद यह टैक्स दोहरी मार की तरह है. जिसके बाद कॉरपोरेट को राहत देने के लिए यह भार निवेशकों पर डाल दिया गया.
कोविड पैकेज
अगर कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही इंडस्ट्री मसलन एविएशन, टूर एंड ट्रैवल को राहत मिले तो इन सेक्टर्स में तेजी आएगी. इसका फायदा भी रिटेल निवेशकों को मिलेगा.