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Budget 2021: सरकार अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त उपकर या अधिभार लगा सकती है.
Union Budget 2021 expectations: बजट 2021 आगामी 1 फरवरी को हमारे सामने होगा. इस साल बाजार में तेजी से हो रहे बदलावों के साथ बजट अधिक महत्वपूर्ण हो गया है. बजट से पहले निवेशक भी अलर्ट मोड में नजर आ रहे हैं. हर दिन एक नया घटनाक्रम सामने आ रहा है. इसके चलते इस बात का महत्व बढ़ जाता है कि डाइनामिक्स किस तरह बदल रहे हैं और इस वर्ष के बजट से शेयर बाजार क्या उम्मीद कर रहा है.
राजकोषीय घाटे पर उत्सुकता
- वित्त वर्ष 2021 और यहां तक कि वित्त वर्ष 2022 में बजट का मुख्य फोकस राजकोषीय घाटे के आंकड़ों के आसपास रहने वाला है. भले ही सरकारी खर्च में कटौती हो या नहीं. स्पष्ट रूप से कहा जाए तो यह उम्मीद से काफी अधिक रहने वाला है.
- पिछले साल राजकोषीय घाटा 3.8 फीसदी हो गया जबकि बाजार का अनुमान 3.6 फीसदी था. यह बिना कहे माना जा सकता है कि इस साल यह 3.8 फीसदी ऊपर रहेगा. कुछ महीने पहले, बाजार इसे लगभग 8 फीसदी होने की उम्मीद कर रहा था. हालांकि यह आंकड़ा घटकर अब 6.5 फीसदी 7 फीसदी पर आ गया है.
- वित्त वर्ष 2021 में वृद्धि के संदर्भ में, नॉमिनल GDP 14 फीसदी से 15 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. जबकि वास्तविक GDP वृद्धि लगभग 9 फीसदी से 10 फीसदी होने का अनुमान है. महंगाई दर का अनुमान करीब 5 फीसदी है. इसलिए, अगले साल अच्छी वृद्धि दर की उम्मीद है.
- हालांकि, वित्त वर्ष 2022 में भी राजकोषीय घाटा अधिक रहने वाला है. उम्मीद 4.5 फीसदी से 5 फीसदी के आसपास है. जब तक घाटा वित्त वर्ष 2021 में 7 फीसदी और वित्त वर्ष 2022 में 5 फीसदी रहेगा, तब तक बाजार सकारात्मक प्रतिक्रिया देगा. चूंकि हम महामारी से बाहर आ रहे हैं, इसलिए सरकारी खर्च समय की जरूरत है. लोग इस मोर्चे पर किसी भी कटौती की उम्मीद नहीं करते हैं.
बाजार क्या उम्मीद कर रहा है?
इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure)
सरकार का पहला फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर पर होगा. सरकार बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना जारी रख सकती है. वित्त वर्ष 2021 में पूंजी आवंटन पर कोई कटौती की संभावना कम है. वित्त वर्ष 2022 में, बुनियादी ढांचे पर महत्वपूर्ण खर्च होने की उम्मीद है. बजट में नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के लिए अतिरिक्त खर्च की व्यवस्था की भी संभावना है.
आवास (Housing- PMAY)
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) में अधिक से अधिक आवंटन हो सकता है. इसे लागू करने पर जोर रहेगा. इस पहल को बढ़ावा देने के लिए, सरकार अपने कब्जे वाली संपत्ति के लिए आवास ऋण पर ब्याज में छूट बढ़ा सकती है. इसे संभवतः वर्तमान 2 लाख रुपये की सीमा से बढ़ाया जा सकता है.
ग्रामीण और कृषि (Rural, Agriculture)
ग्रामीण और कृषि क्षेत्र पर निरंतर जोर दिया जा रहा है. इसलिए, हम ग्रामीण क्षेत्र के लिए अधिक बजटीय आवंटन देख सकते हैं. कृषि क्षेत्र के लिए कुछ नए प्रावधान किए जा सकते हैं.
आयकर (Income Tax)
व्यक्तिगत आयकर के मोर्चे पर, यह संभावना है कि सरकार धारा 80सी में कर स्लैब और कटौती को रीस्ट्रक्चर कर सकती है. हालांकि, सरकार के पास ऐसा करने के लिए बहुत अधिक राजकोषीय स्थान नहीं है. यह खर्च पक्ष पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा.
विनिर्माण (Manufacturing)
विनिर्माण क्षेत्र में सरकार अधिक से अधिक क्षेत्रों के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं को जारी रख सकती है. यह पहले ही आत्मनिर्भर भारत अभियान 2.0 में हो चुका है. आयातित वस्तुओं जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, टायर आदि के लिए ड्यूटी बढ़ सकती है. विभिन्न वस्तुएं भी बहुत कम आयात शुल्क को आकर्षित कर रही है. सरकार उन पर भी आयात शुल्क लगा सकती है. व्यापक फोकस घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने पर होगा.
सेस और सरचार्ज (cess and surcharge)
सरकार अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त उपकर या अधिभार लगा सकती है. कोविड-19 के कारण काफी खर्च होने वाला है. कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिए रूपरेखा बनाई जाएगी. ऐसे में सरचार्ज बढ़ सकता है या इस वर्ष के बजट में एक कोविड सेस शामिल हो सकता है. इस तरह के उपकर और अधिभार एक निश्चित सीमा सीमा से ऊपर कमाने वाले लोगों को टारगेट करेंगे. यदि इस तरह के सेस आते हैं तो वह एक वर्ष से दो वर्ष तक वसूले जा सकते हैं.
(लेखः ज्योति रॉय, DVP, इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट, एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड)