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Union Budget 2021: वर्ल्ड क्लास स्टेशन से प्राइवेट ट्रेनों तक, बजट के बाद रेलवे में क्या हुए बदलाव

Union Budget 2021 India: सरकार का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार विकास के जरिए भारतीय रेलवे सर्विसेज को वर्ल्ड क्लास बनाने की है.

Union Budget 2021 India: सरकार का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार विकास के जरिए भारतीय रेलवे सर्विसेज को वर्ल्ड क्लास बनाने की है.

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Sushil Tripathi
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Budget 2021-22, Union Budget 2021

Union Budget 2021: सरकार का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार विकास के जरिए भारतीय रेलवे सर्विसेज को वर्ल्ड क्लास बनाने की है.

Indian Union Budget 2021-22: सरकार का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार विकास के जरिए भारतीय रेलवे सर्विसेज को वर्ल्ड क्लास बनाने की है. आने वाले 2021 बजट में भी रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर सरकार बड़े एलान कर सकती है. इसमें ज्यादा से ज्यादा स्ट्रेशनों को पीपीपी मॉडल के जरिए विकसित करना, प्राइवेट ट्रेनों की संख्या बढ़ाया जाना, तेजस जैसी और ट्रेनें, स्टेशनों पर वाई फाई की सुविधा, इलेक्ट्रि​फिकेशन से लेकर टूरिस्ट प्लेस तक ट्रेनों की कनेक्टिविटी बढ़ाने जैसे एलान शामिल हो सकते हैं. इसकी झलक बजट 2020 में दिखी भी थी.

पिछले बजट के एलान

पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेलवे के लिए कुछ खास एलान किए थे. पिछले बजट में यह संकेत साफ था कि सरकार रेलवे के विकास में निजी कंपनियों को शामिल करने पर फोकस करने वाली है. एलानों में प्रमुख हैं.....

पीपीपी मॉडल से 4 रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा.

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रेलवे की जमीन पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाएंगे. रेलवे पटरियों के किनारे सोलर पावर ग्रिड बनाया जाएगा.

तेजस जैसी ट्रेनें बढ़ाई जाएंगी.

तेजस जैसी ट्रेनों से टूरिस्ट जगहों को जोड़ा जाएगा.

रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.

27 हजार किलोमीटर ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन किया जाएगा.

पीपीपी मॉडल से 150 प्राइवेट ट्रेनों को चलाया जाएगा.

किसान रेल

ये भी पढ़ें: Union Budget 2021: रोजगार से लेकर घर-घर तक सस्ती दवाएं! क्या PMBJK स्कीम हेल्थकेयर के लिए बनेगी गेमचेंजर

साल 2020 में रेलवे को क्या मिला

वर्ल्ड क्लास स्टेशन

पीपीपी मॉडल पर वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाए जाने की योजना के तहत देश में कुछ रेलवे स्टेशनों पर काम चल रहा है तो कुछ जगह एडवांस स्टेज में है. अचछी बात है कि निजी कंपनियों ने इसमें इंटरेस्ट दिखाया है और सरकार को शुरूआती स्टेज में ही कई आवेदन मिले. फिलहाल इसमें भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर उेवलपमेंट का काम कई स्टेज में आगे बढ़ चुका है. इसे जल्द पूरा किए जाने की उम्मीद है. इसके अलावा गांधी नगर रेलवे सअेशन पर भी काम शुरू हो चुका है. इन स्टेशनों पर उसी तरह की सुविधाएं दी जाएंगी, जैसे कि एयरपोर्ट पर मिलती हैं. इनमें शॉपिंग माल से लेकर मल्टीप्लेक्स तक खोलने की तैयारी है.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को भी रीडेवलप करने की तैयारी शुरू हो गई है. रीडेवलपमेंट के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को एलीवेट कॉनकॉर्स, अराइवर और डिपार्चर गेट, रीफर्बिश प्लेटफार्म, लाउंच, फूड कोर्ट, रेस्टरूम, एलीवेटेड रोड नेटवर्क, मल्टीपल इंट्री और एग्जिट प्वाइंट, मल्टी लेवल कार पार्किंग, ग्रीन बिल्डिंग, नेचुरल वेंटिलेशन और लाइटिंग, बजट होटल, फाइव स्टार होटल और अन्य सुविधाएं मिलेंगी. ये पूरा डेवलपमेंट लगभग 30 एकड़ जमीन पर होना है.

इसके अलावा नागपुर, ग्वालियर, अमृतसर और साबरमती स्टेशन के रीडेवलपमेंट के लिए सरकार को ढेरों आवेदन निजी कंपनियों की ओर से मिले हैं. इन पर भी जल्द काम शुरू ​होना है. आगे सूरत, कानपुर, हैदराबाद, इंदौर और आसनसोल जैसे स्टेशन सहित करीब 60 स्टेशन इस लिस्ट में हैं.

प्राइवेट ट्रेनें

सरकार की प्राइवेट ट्रेन चलाए जाने की योजना का निजी कंपनियों की ओर से जोरदार रिस्पांस मिला है. भारत में निजी ट्रेनों की चलाने की रेस में कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं. निजी ट्रेन आपरेट करने के 120 आवदेन मिले थे. इनमें से 102 आवदेनों को योग्य पाया गया है. इनमें लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी), जीएमआर, वेलस्पन जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं. इस रेस में और भी कुछ बड़े नाम हैं, जिनका आवेदन योग्य पाया गया है. असल में रेल यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा देने के लिए जल्द ही रेलवे देश के चुनिंदा रूट पर 151 प्राइवेट ट्रेन चलाने जा रही है. सरकार की इस खास योजना के तहत मार्च 2023 से 12 प्राइवेट ट्रेन पटरी पर उतर जाएंगी. 2027 तक इनकी संख्या बढ़ा कर 151 कर दी जाएगी, जो कुल ट्रेनों का 5 फीसदी है.

अभी देश में 2 तेजस ट्रेनें

देश में फिलहाल आईआरसीटीसी तीन निजी ट्रेनों का परिचालन करती है. जिसमें लखनऊ-नई दिल्ली तेजस और अहमदाबाद-मुंबई तेजस एक्सप्रेस शामिल है. पहली तेजस अक्टूबर 2019 में और दूसरी तेजस जनवरी 2020 में चलाई गई थी. कोरोना वायरस महामारी की वजह से रेलवे का आपरेशन लंबे समय तक बंद रहने की वजह से जनवरी 2020 के बाद कोई और तेजस ट्रेन नहीं चल सकी. इसके अलावा वाराणसी-इंदौर मार्ग पर काशी-महाकाल एक्सप्रेस है. ये तीनों प्राइवेट ट्रेन हैं. फिलहाल कोरोना के चलते इसके ऑपरेशन पर ब्रेक लगा था.

रेल किसान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालिमार के बीच 100वीं किसान रेल का शुभारंभ किया. रेल किसान का एलान बजट 2020 में किया गया था. रेल किसान के जरिए खेती किसानी को रेल से कनेक्ट किया जा रहा है. इस ट्रेन के जरिए फल, सब्जी, दूध और ऐसे जरूरी प्रोडक्ट को जल्द से जल्द मंडियों में पहुंचाया जा रहा है. इस ट्रेन में रेफ्रिजरेटर की सुविधा रहती है, जिससे फल, सब्जी खराब न हों. भारतीय रेलवे ने इसी साल 7 अगस्त को पहली किसान रेल की शुरुआत की थी.

लॉकडाउन के चलते लक्ष्य से पीछे

इसके अलावा स्टेशनों पर फ्री वाई फाई लगाने काम तेजी से चल रहा है. लॉर्ज सोलर पावर कैपेसिटी रेल ट्रैक पर लगाने की भी योजना है. हालांकि कोरोना वायरस के चलते इलेक्ट्रिफिकेशन का काम लक्ष्य से पीछे हैं.

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