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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से देश के हर तबके को बड़ी उम्मीदें हैं. क्या वे इन उम्मीदों को पूरा कर पाएंगी?
Union Budget 2022 : महामारी की छाया से उबरने की कोशिश, किसान आंदोलन से उभरे सवालों की बारिश और देश के पांच राज्यों में चुनावी सरगर्मियां. कुछ ऐसे माहौल में आज आएगा देश का नया बजट. ये मोदी सरकार का दसवां और वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण का चौथा बजट होगा.
इस बजट से उम्मीदें बहुत हैं. नौकरीपेशा लोग चाहते हैं कि महामारी और महंगाई ने उनके जिस बजट को बिगाड़ रखा है, उसे संभालने में वित्त मंत्री उनकी कुछ मदद करें. कारोबारियों को चिंता है कि कोरोना की एक और लहर के असर से निपटने में सरकार उनका सहारा बनेगी या नहीं? किसानों को अपनी आमदनी दोगुनी होने करने के सरकारी वादे के पूरा होने का इंतजार है तो बेरोजगारी के आंकड़ों से जूझते नौजवान सोच रहे हैं कि क्या इस बार उन्हें भी कुछ देंगे सरकार?
इंडस्ट्री की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि वित्त मंत्री सस्ती पूंजी के इंतजाम और डिमांड में सुधार के लिए किस तरह के उपायों का एलान करती हैं. महामारी के खिलाफ जारी संघर्ष में शुरुआती सफलता के बावजूद हेल्थ केयर इंडस्ट्री और सार्वजनिक स्वास्थ्य के मोर्चे पर बहुत कुछ करना अभी बाकी है. रेलवे की राह आगे किस तरह की होगी, रेल बजट के मुख्य बजट में शामिल होने के बाद अब यह भी वित्त मंत्री को ही तय करना होगा.
और इन सबके बीच यह भी भूलना नहीं चाहिए कि उत्तर प्रदेश जैसे राजनीतिक रूप से देश के सबसे अहम राज्य समेत पांच राज्यों में अगले कुछ दिनों में चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में चुनावी राज्यों को खास सौगात देने की उम्मीद भी बजट से जरूर की जाएगी. महिलाओं को क्या मिला? रक्षा बजट कितना बढ़ा? शिक्षा के लिए मोदी सरकार ने क्या किया? ऐसे सवाल भी तमाम लोगों के मन में उठ ही रहे होंगे और बजट के बाद इन सवालों की कसौटी पर बजट को परखा भी जाएगा.
जाहिर है वित्त मंत्री के सामने उम्मीदें और चुनौतियां कई हैं और संसाधन सीमित. ऐसे में देखना यह होगा कि इस बजट में वे किन बातों को अपनी प्राथमिकता की सूची में ऊपर रखती हैं और किन्हें प्रतीक्षा सूची में डाला जाता है. जैसे-जैसे उनके बजट का पिटारा खुलता जाएगा, हमें अपने इन सवालों के जवाब मिलते जाएंगे. इस बजट से जिनकी मुरादें पूरी होंगी वे खुश होंगे और जिनकी अपेक्षाएं अधूरी रह जाएंगे, वे मायूस नजर आएंगे. लेकिन बाद में प्रतिक्रिया चाहे कुछ भी हो, फिलहाल तो इस बजट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं.