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Union Budget 2021: कोरोना महामारी के बीच आ रहे इस बजट पर सभी की नजर है. (representational)
Union budget 2021 date: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेंगी. जबकि संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा. कोरोना महामारी के बीच आ रहे इस बजट पर सभी की नजर, खासकर कोविड वैक्सीन प्रोग्राम या इससे जुड़े पर, है.
सीसीपीए ने संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू करने की सिफारिश की है. बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से 15 फरवरी और दूसरा चरण 8 मार्च से 8 अप्रैल तक होगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 जनवरी को संसद के दोनों सदनों को एकसाथ संबोधित करेंगे.
President Kovind to address joint sitting of both Houses of Parliament on Jan 29; Union Budget on Feb 1: Sources quoting CCPA recommendation
— Press Trust of India (@PTI_News) January 5, 2021
कोविड प्रोटोकॉल होंगे फॉलो
सूत्रों के अनुसार, कोविड से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का बजट सत्र के दौरान पालन अनिवार्य रूप से किया जाएगा. सत्र की शुरुआत का अंतिम फैसला कैबिनेट की बैठक में किया जाएगा. सीसीपीए की सिफारिशों के हवाले से सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा और लोकसभा, दोनों सदन 4-4 घंटे चलेंगे.
अक्टूबर में शुरू हुई बजट की प्रक्रिया
कोरोना19 महामारी के बावजूद सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट की प्रक्रिया अक्टूबर 2020 में शुरू कर दी थी. सरकार ने महामारी के चलते संसद का शीतकालीन सत्र रद्द कर दिया. आम बजट 2021-22 को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 14 दिसंबर से विभिन्न पक्षकारों के साथ बजट पूर्व चर्चा (Pre-Budget Consultations) शुरू कर दी थी. कोविड19 महामारी के चलते ये बैठकें इस साल वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर की गईं. केंद्र सरकार की तरफ से आम लोगों से भी बजट 2021 के लिए सुझाव मांगे गए थे. इसके लिए 7 दिसंबर 2020 तक मौका था. बजट 2021-22 की चर्चाओं में लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने MyGov प्लेटफॉर्म पर सुविधा दी हुई थी.
मोदी सरकार ने बदली बजट तारीख
मोदी सरकार ने पहले से चली आ रही फरवरी के आखिरी कार्यदिवस को बजट पेश करने की परंपरा को समाप्त कर दिया. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहली बार एक फरवरी 2017 को बजट पेश कर नई परंपरा की शुरुआत की थी.
बजट फरवरी की शुरुआत में पेश करने का फायदा यह हुआ कि संसद से बजट नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले ही पारित हो जाता है. जिससे मंत्रालय-विभागों को नए वित्त वर्ष की शुरुआत से ही बजट आवंटन हो जाता है. पहले जब फरवरी आखिर में बजट पेश होता था, तब मई तक इसे संसद की मंजूरी मिलती थी. ऐसे में मंत्रालयों का वास्तविक कामकाज अगस्त-सितंबर से ही शुरू हो पाता था.