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दुनिया की 500 सबसे अधिक वैल्यूएबल निजी कंपनियों में रिलायंस समेत भारत की 12 कंपनियों को शामिल किया गया है.
Hurun Global 500: दुनिया की 500 सबसे अधिक वैल्यूएबल निजी कंपनियों में भारत की 12 कंपनियों को शामिल किया गया है. हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने Hurun Global 500 में दुनिया की 500 सबसे अधिक पूंजी वाली निजी कंपनियों को शामिल किया है. इसमें वे कंपनियां भी शामिल हैं जो मार्केट में लिस्टेड नहीं हैं. आज शुक्रवार 20 अगस्त को जारी इस सूची के मुताबिक भारतीय कंपनियों में सबसे ऊपर रिलायंस है और उसके बाद टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) और एचडीएफसी बैंक हैं. दुनिया की सबसे अधिक वैल्यूएबल कंपनी एप्पल है.
सूची के मुताबिक खास बात ये है कि दुनिया की चार सबसे बड़ी कंपनियों एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और अल्फाबेट की वैल्यू कोविड टाइम में दोगुनी हुई है. इन चारों कंपनियों की कुल वैल्यू कोविड टाइम में 4 लाख करोड़ डॉलर (297.61 लाख करोड़ रुपये) बढ़कर 8 लाख करोड़ डॉलर (595.22 लाख करोड़ रुपये) हो गई. हुरुन की टॉप 500 कंपनियों में इन चारों कंपनियों की हिस्सेदारी 14 फीसदी है. सूची में अमेरिका की 243, चीन की 47, जापान की 30 कंपनियां शामिल हैं. इस सूची में शामिल होने के लिए 3660 करोड़ डॉलर अमेरिकी (2.72 लाख करोड़ रुपये) की पूंजी का कट ऑफ रखा गया.
भारतीय कंपनियों में रिलायंस टॉप पर
हुरुन की टॉप 500 कंपनियों की सूची में भारत से सबसे ऊपर रिलायंस इंडस्ट्रीज है. रिलायंस और टीसीएस टॉप 100 में शुमार हैं. रिलायंस की वैल्यू में इस साल 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और इसे 18.8 हजार करोड़ डॉलर (13.98 लाख करोड़ रुपये) की पूंजी के साथ 57वें स्थान पर रखा गया है. टीसीएस की पूंजी एक साल में 18 फीसदी बढ़कर 16.4 हजार करोड़ डॉलर (12.2 लाख करोड़ रुपये) हो गई. एचडीएफसी बैंक की पूंजी 11.3 हजार करोड़ डॉलर (8.40 लाख करोड़ रुपये) आंकी गई है. इस बार टॉप 500 वैल्यूएबल कंपनियों की सूची से 48 कंपनियों बाहर हुई हैं जिसमें आईटीसी भी है. आईटीसी को पिछले साल 2020 की सूची में 480वें स्थान पर रखा गया था. एप्पल की वैल्यू 2.44 लाख करोड़ डॉलर, माइक्रोसॉफ्ट की 2.11 लाख करोड़ डॉलर, अमेजन की 1.8 लाख करोड़ डॉलर और अल्फाबेट की 1.7 लाख करोड़ डॉलर आंकी गई है.
दुनिया की टॉप सरकारी कंपनियों की सूची में SBI भी
हुरुन ग्लोबल 500 में निजी कंपनियों को शामिल किया जाता है. सरकारी कंपनियों की बात करें तो हुरुन के 2021 कट ऑफ को सिर्फ 39 सरकारी कंपनियों ने पार किया जिसमें से भारत की एसबीआई शामिल है. दुनिया की सबसे अमीर सरकारी कंपनी सऊदी अरब की सऊदी अरामको है जिसकी पूंजी 1.86 लाख करोड़ डॉलर (138.43 लाख करोड़ रुपये) आंकी गई. इस सूची में चीन की 27 सरकारी कंपनियां, सऊदी अरब की 4, रूस की 3 और फ्रांस, यूएई, कतर, नार्वे व भारत की एक-एक कंपनियां शामिल हैं. एसबीआई इस सूची में 2100 करोड़ डॉलर (3.8 लाख करोड़ रुपये) की पूंजी के साथ 25वें स्थान पर है.