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व्हाइट गुड्स के तहत एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स से संबंधित प्रोडक्ट आते हैं.
PLI Scheme: अडाणी कॉपर ट्यूब्स समेत 15 कंपनियों को व्हाइट गुड्स क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (Production Linked Incentive Scheme - PLI) के लिए चुना गया है. केंद्र सरकार ने आज यानी 28 जून को इसकी जानकारी दी है. इन कंपनियों ने कुल 1,368 करोड़ रुपये निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है और इनका चयन अभी अस्थाई रूप से है. व्हाइट गुड्स के तहत एयर कंडीशनर (एसी) और एलईडी लाइट्स से संबंधित प्रोडक्ट आते हैं.
पीएलआई योजना के पहले चरण के तहत पिछले साल नवंबर में डैकिन, पैनासोनिक, सिस्का और हैवेल्स समेत 42 कंपनियों को इस योजना के तहत चुना गया था. इन 42 कंपनियों ने 4614 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई थी.
19 कंपनियों ने किया था आवेदन
इस साल मार्च में सरकार ने 6238 करोड़ की पीएलआई योजना के तहत एप्लीकेशन विंडो को एसी और पीएलआई लाइट्स के लिए फिर से खोला था. सरकार ने इसे खोलने का फैसला इसलिए फिर से लिया था क्योंकि कई कंपनियों ने इस योजना से जुड़ने की इच्छा जाहिर की थी. इस राउंड में 19 कंपनियों ने आवेदन किया था. कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने कहा कि दूसरे राउंड में प्राप्त इन सभी आवेदनों की जांच कर 15 पर मंजूरी की मुहर लगाई गई जिन्होंने 1368 करोड़ रुपये के निवेश की बात कही है.
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तैयार होंगे रोजगार के 4 हजार प्रत्यक्ष मोके
जिन कंपनियों को पीएलआई योजना के दूसरे चरण के तहत चुना गया है, उसमें से छह एसी के कंपोनेंट्स बनाती हैं. इन कंपनियों ने 908 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है. वहीं नौ कंपनियां एलईडी लाइट कंपोनेंट्स बनाती हैं जिन्होंने 460 करोड़ रुपये के निवेश की बात कही है. ये 15 कंपनियां पांच साल में 25,583 करोड़ रुपये के प्रोडक्ट तैयार करेंगी और इससे 4 हजार लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा. व्हाइट गुड्स की पीएलआई स्कीम को इस तरह तैयार किया गया है कि इससे देश में एसी और एलईडी इंडस्ट्री के लिए कंप्लीट कंपोनेंट इकोसिस्टम बनाया जा सके और ग्लोबल सप्लाई चेन का भारत अहम हिस्सा बन सके.