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देश के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से जुड़ी 4 में से 3 कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग निगेटिव हो चुकी है और ऐसा कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण हुआ है.
ICRA Report on Hospitality Sector: देश के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से जुड़ी 4 में से 3 कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग निगेटिव हो चुकी है और ऐसा कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण हुआ है. इतना ही नहीं, दूसरी लहर ने इस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के कारोबार में रिकवरी को तकरीबन तीन तिमाही पीछे धकेल दिया है. हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के मौजूदा हालात के बारे में यह जानकारी रेटिंग एजेंसी ICRA की एक ताजा रिपोर्ट में दी गई है. होटल, रेस्टोरेंट और टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों को हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में शामिल किया जाता है.
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें कारोबार के दौरान ग्राहकों के साथ संपर्क काफी अधिक रहता है, लिहाजा यह कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में शामिल है. महामारी की दूसरी लहर शुरू होने से पहले यह क्षेत्र रिकवरी के दौर से गुजर रहा था, लेकिन अचानक बिगड़े हालात ने इस सेक्टर की आर्थिक स्थिति पर गहरी चोट की है. ICRA के मुताबिक अप्रैल 2021 के मध्य से ही देश भर में महामारी की वजह से लॉकडाउन या बड़े पैमाने पर पाबंदियां लगाने की नौबत आ गई, जिसके कारण ट्रैवल और टूरिज्म जैसी गतिविधियां ठप पड़ गईं.
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में निगेटिव आउटलुक बरकरार : ICRA
रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा है, "हम हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के बारे में निगेटिव आउटलुक को बरकरार रख रहे हैं, क्योंकि इस क्षेत्र की कंपनियों का क्रेडिट प्रोफाइल पिछले 12 से 15 महीनों के दौरान काफी कमजोर हुआ है, करीब 74 फीसदी कंपनियों को निगेटिव क्रेडिट रेटिंग एक्शन का सामना करना पड़ा है." इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण इस इंडस्ट्री की रिकवरी में 6 से 8 महीने तक की देरी हो सकती है. इतना ही नहीं, रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा हालात में इस इंडस्ट्री को महामारी से पहले वाले स्तर तक पहुंचने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 तक इंतजार करना पड़ सकता है.
ICRA के सेक्टर हेड और असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट विनुता एस का कहना है कि कोविड की दूसरी लहर की तीव्रता और असर पहली लहर से काफी अधिक था और इसने इंडस्ट्री के रिकवरी पर अस्थाई तौर पर ब्रेक लगा दिया है. उनका अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान पूरे देश में सेक्टर की औसत प्रति रूम आय (RevPAR - Revenue per available room) 1300 से 1500 रुपये के बीच रहेगी, जबकि पहले इसके 2500 रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था. निवुता के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में इंडस्ट्री का औसत RevPAR कोविड महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले 60 से 65 प्रतिशत तक कम रहने के आसार हैं.