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केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान होने वाली मौत के बाद उनके परिवार को मिलने एकमुश्त ex-gratia पेमेंट के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. केंद्र सरकार के किसी कर्मचारी की अगर रिटायरमेंट से पहले ड्यूटी के दौरान मौत होती है तो सरकार उसके परिवार को एकमुश्त ex-gratia देती है. इस रकम में समय-समय पर संशोधन होता रहता है.
डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेशनर्स वेलफेयर्स ने 30 सितंबर 2021 को जारी एक ऑफिस मेमोरेंडम में कहा है कि सरकारी कर्मचारी की मौत के मामले में डेथ ग्रेच्युटी, जीपीएफ बैलेंस और CGEGIS की रकम सर्विस के दौरान उसकी ओर से किए गए नॉमिनेशन के आधार पर ही मिलेगी. यानी कर्मचारी ने अपने जीवित रहते अपने परिवार के जिन लोगों के नाम नॉमिनेशन फॉर्म में दाखिल किए गए होंगे, उन्हें ही यह रकम मिलेगी.
सरकार ने फॉर्म 1 में कॉमन नॉमिनेशन फॉर्म में भी CCS (Pension) Rules ,1972 के तहत बदलाव किए हैं. इन्हीं के आधार पर एकमुश्त ex-gratia का भुगतान होगा.
अगर नॉमिनेशन नहीं है तो क्या होगा?
डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर्स ने कहा है कि अगर कर्मचारी ने जीवित रहते नॉमिनेशन नहीं किया है या नॉमिनेशन नहीं हुआ हुआ है तो ex-gratia की एकमुश्त रकम कर्मचारी के परिवार के सभी योग्य सदस्यों के बीच बराबर बांटी जाएगी. यह रकम CCS (Pension) के रूल 51 के तहत दी जाएगी.
परिवार के बाहर के लोगों का नॉमिनेशन नहीं होगा
डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर्स का कहना है कर्मचारी के परिवार के बाहर किसी व्यक्ति का नॉमिनेशन नहीं हो सकता. अगर कर्मचारी का कोई परिवार नहीं है तो भी बाहरी व्यक्ति का नॉमिनेशन नहीं होगा. नियम के मुताबिक चूंकि कर्मचारी के परिवार के सदस्य को ही ex-gratia मिलता है इसलिए बाहरी व्यक्ति को यह रकम नहीं मिल सकती.
नया नियम क्यों?
मौजूदा नियमों में इस बात का जिक्र नहीं था कि ड्यूटी में कर्मचारी की मौत के बाद जीपीएफ बैलेंस, ग्रेच्युटी और CGEGIS की रकम परिवार के सदस्य को दी जाएगी. अब तक यह पेंशन extraordinary family pension के तहत परिवार के योग्य सदस्य को दी जाती थी. यह पेमेंट CCS (Extraordinary Pension) Rules, 1939 के तहत होता था. केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के