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इस बार अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को लॉकडाउन के बीच पड़ रहा है, जब सर्राफा बाजार बंद है. यानी निवेशकों के पास सिर्फ ऑनलाइन ही सोना खरीदने का विकल्प है. लेकिन इस साल के शुरू से ही अबतक सोना इतना महंगा हो चुका है कि निवेशक इस भाव पर सोना खरीदने से घबरा रहे हैं. उन्हें डर है कि आगे सोने में गिरावट आ सकती है. हालांकि दूसरी ओर एक्सपर्ट आगे सोने में और तेजी की उम्मीद कर रहे हैं. ऐसे में जानते हैं कि आपके पास अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने के लिए क्या विकल्प है और क्या आपको सोना खरीदना चाहिए. अगर हां तो आपको अभी सोने में कुल पोर्टफोलियो का कितना निवेश करना चाहिए. अभी एमसीएक्स पर सोना 46600 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस पास ट्रेड कर रहा है.
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड, करंसी राहुल गुप्ता का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से इस बार फिजिकल मार्केट देश के ज्यादातर हिस्सों में बंद हैं. सिर्फ ऑनलाइन ही सोना खरीदने का विकल्प है. ऐसे में पिछले साल की तुलना में गोल्ड की डिमांड नरम रहने वाली है. वहीं सोना इस साल काफी महंगा हो चुका है, ऐसे में एक इंटरमीडिएट करेक्शन सोने में दिख रहा है. लेकिन कोरोना वायरस और इसकी वजह से ग्लोबल अर्थव्यवस्था पर इंपैक्ट से सोने में अभी तेजी रहने की उम्मीद है. अगर सोना 44 हजार के पार बना रहता है तो यह जल्द ही 48550 का लेवल छू सकता है. वहीं ईटीएफ में भी होल्डिंग बढ़कर 1042.46 टन हो गई है. ऐसे में अभी सोने में तेजी रहने वाली है.
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने के विकल्प
- गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF)
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGBs)
- एमसीएक्स
- देश के कुछ हिस्सों में फिजिकल गोल्ड, जहां सर्राफा की दुकानें खुली हैं.
क्या आपको खरीदना चाहिए सोना
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट, कमोडिटी एंड करंसी अनुज गुप्ता का कहना है कि इस साल की बात करें तो सोने में 4000 रुपये से ज्यादा तेजी आ चुकी है. पिछले फाइनेंशियल ईयर में सोना करीब 10 हजार रुपये तक की तेजी दिखा चुका है. इसलिए इस अक्षय तृतीया के मौके पर लोग सोने की कीमतों को लेकर घबराए हुए हैं. पिछले साल अक्षय तृतीया पर करीब 33 टन सोने की खरीददारी हुई थी, लेकिन इस बार इस आंकड़े में 70 से 80 फीसदी कमी आ सकती है. इसकी 2 वजह है. एक तो सोना बहुत महंगा हो चुका है. वहीं फिजिकल मार्केट बंद हैं. सोने की बढ़ती कीमतों को देखते हुए यह सलाह है कि निवेशक अपने पोर्अफोलियो का ज्यादा से ज्यादा 8 से 10 फीसदी ही सोने में लगाएं.
उनका कहना है कि कोरोना वायरस महामारी ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को चिंता में डाल दिया है. इसका असर अभी लंबा रहने वाला है. ग्लोबल एजेंसियां भी मंदी की बात कह रही है. इस तरह की अस्थिरता से निपटने के लिए सोना सेफ हैवन बन रहा है. वहीं यह महंगाई में हेजिंग के रूप में भी काम करता है. ऐसे समय में सोना छोटी और मध्यम अवधि में एक आकर्षक एसेट क्लास दिख रहा है. लेकिन इसके भाव इतने ज्यादा बढ़ चुके हैं कि पोर्टफोलियो में अभी इसकी हिस्सेदारी 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. उनका कहना है कि बेहतर यह है कि सोने में गिरावट का इंतजार करना चाहिए. अगर सोना 38000 से 40000 की रेंज में वापस आता है तो इसमें 50000 से 52000 प्रति 10 ग्राम का लक्ष्य बनाकर खरीददारी की जा सकती है.