scorecardresearch

TCS, Infosys, HCL के शेयर टूटे, एक्सेंचर ने बढ़ाई इंडियन IT सेक्टर को लेकर चिंता, क्या करें निवेशक?

IT Sector Outlook: एक्सपर्ट का कहना है कि इस बात में संदेह है कि FY25 में सेक्टर में मजबूत रीबाउंड देखने को मिलेगा. अभी माहौल सेक्टर के लिए फेवरेबल नहीं दिख रहा है.

IT Sector Outlook: एक्सपर्ट का कहना है कि इस बात में संदेह है कि FY25 में सेक्टर में मजबूत रीबाउंड देखने को मिलेगा. अभी माहौल सेक्टर के लिए फेवरेबल नहीं दिख रहा है.

author-image
Sushil Tripathi
New Update
IT Services

IT Sector: एक्सेंचर के कमजोर रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस के चलते इंडियन आईटी सेक्टर पर दबाव रहने की आशंका है.

Indian IT Sector Outlook: एक्सेंचर (Accenture- ACN) इंडियन आईटी सर्विसेज की पियर कंपनी है, का रेवेन्यू ग्रोथ तीसरी तिमाही में 5% YoY CC रही है. रेवेन्यू ग्रोथ बेहतर रहने के बाद भी कंपनी ने FY23 के लिए रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस के अपर लेवल में कटौती की है और इसे 8-9% YoY CC रखा है. मैनेजमेंट का कहना है कि कमजोर मैक्रो कंडीशंस में डिमांड एन्वायरमेंट भी कमजोर है.स्माल डील्स में देरी हो रही है, प्राइसिंग प्रेशर है, डील प्राइसिंग में गिरावट देखने को मिल रही है. एक्सपेंडिचर कम हुआ है. फिलहाल एक्सेंचर में जो ट्रेंड है, उसे देखकर एक्सपर्ट और ब्रोकरेज हाउस इंडियल आईटी सेक्टर पर भी नियर टर्म में दबाव की बात मान रहे हैं. आज के कारोबार में दिग्गज आईटी कंपनियों TCS, Infosys, HCL, Wipro, Tech Mahindra के शेयर में गिरावट भी देखने को मिल रही है.

RIL का शेयर पार करेगा 3100 रु का लेवल, पोर्टफोलियो में क्यों करना चाहिए शामिल, ये हैं 4 बड़ी वजह

आईटी सेक्टर पर ‘Underweight’ रेटिंग

Advertisment

ब्रोकरेज हाउस निर्मल बंग का कहना है कि एक्सेंचर (ACN) का 4QFY23 के लिए गाइडेंस अनुमान से कमजोर रहा है. FY23 के लिए रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस भी 8-10% से 8-9% (200bps इनआर्गेनिक) घट गया है. स्माल डील्स, कम्युनिकेशंस, मीडिया और हाई टै वर्टिकल के कमजोर प्रदर्शन के चलते गाइडेंस में कमी की गई है. कई तिमाहियों में पहली बार कंपनी ने कुछ पॉकेट्स में प्राइसिंग प्रेशर की बात मानी है. इन सबके चलते FY24 में मार्जिन पर असर आ सकता है. ACN के लिए FY24 कमजोर रहने का अनुमान है. फिलहाल इन सबसे संकेत यही मिल रहा है कि इंडियन आईटी सेक्टर पर भी दबाव रहेगा और इस बात में संदेह भी है कि FY25 में सेक्टर में मजबूत रीबाउंड देखने को मिलेगा. ब्रोकरेज हाउदस ने इंडियन आईटी सेक्टर पर ‘underweight’ रेटिंग दी है, खासतौर से Tier-2 के लिए जिनकी निर्भरता स्माल डील्स पर ज्यादा है.

Paytm, Nykaa, Zomato जैसे न्यू एज स्टॉक्स में बना मोमेंटम, क्या 50% से 86% डिस्काउंट पर निवेश का सही है मौका?

शॉर्ट टर्म में सेक्‍टर में अनिश्चितता

ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि एक्सेंचर का गाइडेंस कमजोर रहने के पीछे बुकिंग ग्रोथ में गिरावट, IT एक्‍सपेंडिचर में कटौती भी बड़ी वजह है. कंसल्टिंग बिजनेस की ग्रोथ सालाना आधार पर 1% CC घटी है. डील बुकिंग में सुस्‍ती है, डिमांड एन्‍वायरमेंट कमजोर बना हुआ है. इन सबके चलते घरेलू आईटी सेक्‍टर के सेंटीमेंट पर भी असर पड़ेगा. हालांकि FY23 में मैनेज्‍ड सर्विस ग्रोथ सालाना आधार पर 13 फीसदी रही है. इससे नियर टर्म में रेवेन्‍यू विजिबिलिटी को लेकर तो चिंता कम हो रही है. लेकिन दूसरी ओर स्‍माल डील्‍स अटकने और एग्‍जीक्‍यूशन में देरी के चलते इंडियन आईटी आउटसोर्सिंग वेंडर्स और इंपेयर की नियर टर्म ग्रोथ पर दबाव रहेगा. यानी शॉर्ट टर्म में सेक्‍टर में अनिश्चितता हावी रहने वाली है. ऐसे में सेलेक्टिव टियर 1 कंपनियों पर ही निवेशकों को फोकस करना चाहिए, मसलन TCS और इसके बाद HCL Tech और Infosys.

(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)  

Wipro Hcl Technologies Infosys Accenture Tech Mahindra Tcs