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अडाणी ग्रुप की अडाणी डेटा नेटवर्क्स, रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने 5जी नीलामी में हिस्सा लेने के लिए आवेदन किया है. (Image- Pixabay)
Adani Group bid for 5g Spectrum: एशिया के सबसे अमीर शख्स और दिग्गज भारतीय कारोबारी गौतम अडाणी (Gautam Adani) टेलीकॉम सेक्टर में प्रवेश कर सकते हैं. अडाणी ग्रुप की अडाणी डेटा नेटवर्क्स (Adani Data Networks), रिलायंस जियो (Reliance Jio), भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया (Vodafone Iddea) ने 5जी नीलामी में हिस्सा लेने के लिए आवेदन किया है. यह खुलासा दूरसंचार विभाग द्वारा मंगलवार को जारी सूची से हुआ. अडाणी ग्रुप के इस नीलामी में हिस्सा लेने को लेकर मार्केट एक्सपर्ट्स ने हैरानी जताई है और उनका मानना है कि इससे स्पेक्ट्रम की कीमतों का अनुमान लगाना कठिन हो गया है.
अगली पीढ़ी के स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई से शुरू होगी. आवेदकों के पास अपना आवेदन वापस लेने के लिए 19 जुलाई तक का समय है. इसके लिए शुक्रवार तक आवेदन मंगाए गए थे और शनिवार को सूत्रों के हवाले से अडाणी ग्रुप के भी आवेदन की जानकारी प्राप्त हुई थी जिसकी आज पुष्टि हो गई है.
अडाणी ग्रुप ने निजी इस्तेमाल की कही बात
स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा लेने को लेकर अडाणी ग्रुप का कहना है कि वह इसका इस्तेमाल हवाई अड्डों से लेकर अपने व्यवसायों के लिए एक निजी नेटवर्क के रूप में करेगी. बोफा सिक्युरिटीज अडाणी ग्रुप के इस कदम को मौजूदा टेलीकॉम कंपनियों के लिए निगेटिव मान रही है और इससे नीलामी के साथ-साथ लंबे समय में भी कंपटीशन बढ़ेगा. वैश्विक फर्म गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक यदि अडाणी समूह स्पेक्ट्रम खरीदने में सफल रहती है तो 5जी में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और कंपनी कंज्यूमर मोबाइल सर्विस बिजनेस में भी उतर सकती है.
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कुछ ब्रोकरेज फर्मों ने जताई हैरानी
स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा लेने को लेकर ब्रोकरेज कंपनी सीएलसी ने हैरानी जताई है कि अडाणी समूह सीधे स्पेक्ट्रम के आवंटन की प्रतीक्षा किये बिना नीलामी में बोली क्यों लगाएगा. सीएलसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अडाणी समूह के बोली लगाने के चलते स्पेक्ट्रम की कीमतों को लेकर अनिश्चितता पैदा होगी. इससे पहले माना जा रहा था कि भारती एयरटेल और रिलायंस जियो के बीच नीलामी में तगड़ी प्रतिस्पर्धा होगी लेकिन अब अडाणी के आने से सब बदल गया है.
क्रेडिट सुइस ने भी अडाणी समूह द्वारा 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने की योजना पर सवाल उठाया है. क्रेडिट सुइस के मुताबिक केंद्र सरकार निजी कंपनियों को बिना किसी लाइसेंस शुल्क के बेहतर कम लागत पर स्पेक्ट्रम हासिल करके निजी इस्तेमाल के लिए नेटवर्क स्थापित करने की मंजूरी दे चुकी है तो ऐसे में अडाणी समूह द्वारा स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा लेने के पीछे कोई तार्किक कारण नजर नहीं आता.
(Input: PTI)