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अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड गौतम अडाणी के कारोबारी साम्राज्य की सात लिस्टेड कंपनियों में शामिल है. (File Photo)
Adani Green's 2,021% debt-equity ratio is second-worst in Asia: Bloomberg Report: एशिया के सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडाणी के ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy Ltd) के बारे में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि अडाणी ग्रीन का डेट-इक्विटी रेशियो (debt-to-equity ratio) बेहिसाब बढ़ते हुए 2021 फीसदी पर जा पहुंचा है. रिपोर्ट के मुताबिक पूरे एशिया में सिर्फ एक ही कंपनी का कर्ज-इक्विटी अनुपात इससे ज्यादा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक एशिया की 892 लिस्टेड कंपनियों में चीन की Datang Huayin Electric Power ही इकलौती ऐसी कंपनी है, जिसका 2452 फीसदी का डेट-इक्विटी रेशियो अडाणी ग्रीन से अधिक है.
अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड गौतम अडाणी के कारोबारी साम्राज्य की सात लिस्टेड कंपनियों में शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक इस कंपनी के डेट-इक्विटी रेशियों में बेहिसाब बढ़ोतरी ने कई गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं. सबसे बड़ी चिंता तो यह है कि गौतम अडाणी ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान अपने कारोबार का जिस आक्रामक ढंग से विस्तार किया है, उससे कारण कहीं उनकी कंपनियां ओवर-लीवरेजिंग (over-leveraging) यानी जरूरत से ज्यादा कर्ज लेने की प्रवृत्ति की शिकार तो नहीं हो गई हैं?
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ब्लूमबर्ग ने जो आंकड़े जुटाए हैं, उनके मुताबिक पूरे अडाणी उद्योग समूह में अडाणी ग्रीन एनर्जी सबसे ज्यादा लीवरेज्ड या ऊंचे डेट-इक्विटी रेशियो वाली कंपनी है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अडाणी समूह ने अक्षय ऊर्जा (renewable energy) के क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने के मकसद से कुछ ज्यादा ही लोन ले लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक अडाणी ग्रीन एनर्जी के 2,021% के चौंकाने वाले डेट-इक्विटी रेशियो ने अडाणी साम्राज्य के चौतरफा विस्तार और महत्वाकांक्षी ग्रोथ प्लान्स को चिंताओं में घेर दिया है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान अडाणी समूह ने अपने कारोबार का बहुत ही जबरदस्त ढंग से डाइवर्सिफिकेशन किया है, जिसमें बंदरगाह, एयरपोर्ट, कोयला खदानों और ग्रीन एनर्जी से लेकर डेटा सेंटर और सीमेंट तक तमाम सेक्टर शामिल हैं.
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इस चौतरफा विस्तार की वजह से भारत में अडाणी समूह की दौलत और कारोबारी हैसियत में जबरदस्त इजाफा हुआ है. इसी के साथ समूह के मालिक गौतम अडाणी की नेटवर्थ भी जबरदस्त ढंग से बढ़कर 135 अरब डॉलर के करीब जा पहुंची है, जिसने उन्हें एशिया का सबसे अमीर शख्स बना दिया है. इस शानदार सफलता के बावजूद अब ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि क्या उनकी यह ग्रोथ स्टोरी लंबे समय तक ऐसे ही जारी रह सकती है? इसी मंगलवार को प्रकाशित क्रेडिटसाइट्स (CreditSights) की एक रिपोर्ट ने पूरे अडाणी समूह को न सिर्फ “डीपली ओवर-लीवरेज्ड” (deeply overleveraged) बताया है, बल्कि उसके कर्ज के जाल (debt trap) में फंसने और हालात बिगड़ने पर डिफॉल्टर बनने की आशंका भी जाहिर की है.
ब्लूमबर्ग के इंटेलिजेंस एनालिस्ट शैरॉन चेन (Sharon Chen) ने 18 जुलाई को लिखे अपने एक नोट में अडाणी समूह के बारे में कहा था, “इस समूह की एग्रेसिव ग्रोथ मुख्य रूप से कर्ज पर आधारित है. हालांकि इसमें थर्ड-पार्टी इनवेस्टमेंट का अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है. अडाणी ग्रीन एनर्जी में टोटल एनर्जी का 2.5 अरब डॉलर का निवेश इसका एक उदाहरण है.”
अब तक इन चिंताओं और रिपोर्ट्स पर अडाणी समूह की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. बल्कि उसने अपने कारोबार के आक्रामक विस्तार का सिलसिला जारी रखते हुए मंगलवार को ही एनडीटीवी (New Delhi Television Ltd) के होस्टाइल टेक-ओवर यानी जबरिया अधिग्रहण की कोशिश भी शुरू कर दी. इसे अडाणी समूह के मीडिया और ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर में तेजी से कदम बढ़ाने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है.
(Input : Bloomberg)