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Bloomberg Report: ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप को अंबुजा सीमेंट के अधिग्रहण के मकसद से लिये गए कर्ज की रीफाइनेंसिग के लिए एक बड़ा सिंडिकेटेड लोन मिल सकता है. (File Photo: Reuters)
Adani’s $3.5 billion Ambuja loan moves ahead after some banks get approval: भारत के बड़े उद्योगपति गौतम अडानी के अडानी ग्रुप को 3.5 अरब डॉलर यानी करीब 29 हजार करोड़ रुपये का सिंडिकेटेड लोन मिलने का रास्ता कुछ आसान हो गया है. यह दावा अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है. एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि इस भारी-भरकम लोन का इस्तेमाल अंबुजा सीमेंट्स के अधिग्रहण के लिए अडानी ग्रुप द्वारा लिये गए कर्ज की री-फाइनेंसिंग में किया जाना है. रिपोर्ट के मुताबिक इस लोन को कई बैंक मिलकर फाइनेंस करेंगे.
तीन बैंकों को कर्ज देने के लिए आंतरिक मंजूरी मिली : रिपोर्ट
रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी ग्रुप को लोन देने पर विचार कर रहे वित्तीय संस्थानों के सिंडिकेट में शामिल तीन बैंकों ने कर्ज देने के लिए आंतरिक मंजूरी हासिल कर ली है. ये तीन बैंक हैं - बार्कलेज़ (Barclays Plc),डॉयचे बैंक (Deutsche Bank AG) और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (Standard Chartered Plc). ब्लूमबर्ग के मुताबिक उसे यह जानकारी जिन लोगों ने दी है, उनके पास इस बारे में अंदरूनी जानकारी है, लेकिन वे अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहते. अडानी ग्रुप को दिए जाने वाले 3.5 अरब डॉलर के इस सिंडिकेटेड लोन में हर बैंक 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2000 करोड़ रुपये का योगदान कर सकता है. हालांकि ब्लूमबर्ग के मुताबिक बार्कलेज, डॉयचे और स्टैंडर्ड चार्टर्ड के प्रवक्ताओं ने मंगलवार को संपर्क किए जाने पर इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. अडानी समूह के एक प्रतिनिधि ने भी इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की.
साल की सबसे बड़ी लोन डील्स में मिलेगी जगह
ब्लूमबर्ग ने पिछले महीने बताया था कि एक और बड़े कंसोर्टियम में शामिल कुछ बैंक भी अडानी समूह को कर्ज देने पर विचार कर रहें, जिसमें एक-एक बैंक 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 3300 करोड़ रुपये तक लोन दे सकता है. एजेंसी ने बताया था कि अगर यह पूरा सिंडिकेटेड लोन मंजूर हो गया, तो इसे मौजूदा साल के दौरान पूरे एशिया में हुए कर्ज के कुछ सबसे बड़े सौदों में गिना जाएगा. हालांकि उस वक्त इन बैंकों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई थी.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पूरी तरह उबरने का संकेत
यह संभावित डील इस बात का संकेत है कि अडानी ग्रुप अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से लगाए गए आरोपों की वजह से लगे झटके से अब उबर चुका है. हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की कंपनियों पर अपने शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे, जिनका अडानी ग्रुप बार-बार खंडन करता रहा है. इन आरोपों की वजह से ग्रुप की कंपनियों में भारी गिरावट आई थी और उसके बॉन्ड की कीमतें भी गिरी थीं. ब्लूमबर्ग ने फरवरी में बताया था कि उस वक्त कई अंतरराष्ट्रीय बैंकों के साथ कर्जों की री-फाइनेंसिंग को लेकर जारी बातचीत भी बीच में अटक गई थी.
अडानी ने 2022 में खरीदा था होल्सिम का भारतीय कारोबार
अडानी ने 2022 में अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी सीमेंट्स समेत स्विट्जरलैंड की कंपनी होल्सिम लिमिटेड (Holcim) के भारतीय बिजनेस को खरीद लिया था. अडानी समूह ने ये सौदे बंदरगाहों, बिजली संयंत्रों और कोयला खदानों के अपने मुख्य व्यवसाय से आगे बढ़कर दूसरे क्षेत्रों में कारोबार का विस्तार करने की रणनीति के तहत किए थे. पिछले कुछ वर्षों के दौरान अडानी ग्रुप का बिजनेस हवाई अड्डों, डेटा सेंटर्स, डिजिटल सर्विसेज से लेकर रिटेल और मीडिया जैसे क्षेत्रों में फैल चुका है.