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Adani Group Shares : अडानी ग्रुप के शेयर्स को बड़ा झटका, दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक इनवेस्टर नॉर्वे वेल्थ फंड ने बेची पूरी हिस्सेदारी

Norway Wealth Fund ने कहा, अब उसका अडानी ग्रुप की कंपनियों में कोई निवेश नहीं है. जबकि 2022 के अंत तक NWF के पास अडानी टोटल, अडानी पोर्ट्स और अडानी ग्रीन एनर्जी के करीब 200 मिलियन डॉलर के शेयर मौजूद थे.

Norway Wealth Fund ने कहा, अब उसका अडानी ग्रुप की कंपनियों में कोई निवेश नहीं है. जबकि 2022 के अंत तक NWF के पास अडानी टोटल, अडानी पोर्ट्स और अडानी ग्रीन एनर्जी के करीब 200 मिलियन डॉलर के शेयर मौजूद थे.

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FE Hindi Desk
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गुजरात के प्रमुख शहर अहमदाबाद में अडानी ग्रुप की एक बिल्डिंग की तस्वीर (Photo : Reuters/Amit Dave)

Norway Wealth Fund exits fully from adani companies sells all the stakes: पिछले कई दिनों से विवादों में घिरे अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों को एक और बड़ा झटका लगा है. दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक इनवेस्टर नॉर्वे वेल्थ फंड (Norway Wealth Fund) ने बताया है कि उसने अडानी ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों में अपना सारा इक्विटी निवेश बेच डाला है और अब इस ग्रुप में उसका कोई एक्सपोजर बाकी नहीं बचा है. 1.35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश वाले नॉर्वे के इस सॉवरेन वेल्थ फंड ने 2022 के अंत तक अडानी समूह की तीन कंपनियों में कुल मिलाकर करीब 200 मिलियन डॉलर का निवेश किया हुआ था.

अडानी ग्रुप की कंपनियों में नॉर्वे वेल्थ फंड का कितना था निवेश

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 के अंत तक अडानी ग्रुप की कंपनियों में नॉर्वे वेल्थ फंड के इक्विटी निवेश का आंकड़ा कुछ इस तरह था :

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  • अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) : 83.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर
  • अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक ज़ोन (Adani Ports & Special Economic Zone) : 63.4 मिलियन डॉलर
    और
  • अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) : 52.7 मिलियन डॉलर

लेकिन अडानी ग्रुप पर अमेरिकी फर्म हिंडेनबर्ग रिसर्च के आरोपों पर देश दुनिया में जारी विवाद के बीच गुरुवार को नॉर्वे वेल्थ फंड ने बड़ा खुलासा कर दिया. उसने बताया कि अब अडानी ग्रुप की कंपनियों में उसका कोई भी एक्सपोजर यानी निवेश नहीं है. गुरुवार को ही अडानी टोटल गैस के तिमाही नतीजे भी आए हैं. लेकिन बेहतर नतीजों के बावजूद कंपनी के शेयर एनएसई (NSE) में 5 फीसदी की गिरावट के साथ 1,321.45 रुपये पर बंद हुए, तो इसके पीछे भी कहीं न कहीं, बाजार का निगेटिव सेंटिमेंट ही काम कर रहा था.

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अडानी ग्रुप में अब हमारा कोई निवेश नहीं : NWF

नॉर्वे वेल्थ फंड के ईएसजी रिस्क मॉनिटरिंग हेड (Head, ESG risk monitoring) क्रिस्टोफर राइट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “पिछला साल खत्म होने के बाद से ही उनका फंड अडानी ग्रुप की कंपनियों में अपना निवेश घटा रहे थे और अब इन कंपनियों में हमारा कोई निवेश नहीं रह गया है.” क्रिस्टोफर ने यह भी कहा कि उनका फंड कई बरसों से ESG से जुड़े मुद्दों को लेकर अडानी ग्रुप की निगरानी करता रहा है, जिसमें पर्यावरण से जुड़े खतरों के मामले में उनके कामकाज का तरीका शामिल है. यहां ESG का मतलब है पर्यावरण (Environmental), सामाजिक (Social) और गवर्नेंस (Governance) से जुड़े मुद्दे. नॉर्वे वेल्थ फंड दुनिया भर की करीब 9200 कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है और दुनिया भर के तमाम लिस्टेड शेयरों में उसकी करीब 1.3 फीसदी हिस्सेदारी है. नॉर्वे सरकार से जुड़े इस फंड को वहां का केंद्रीय बैंक मैनेज करता है.

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हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से मची खलबली

अडानी ग्रुप की सात प्रमुख लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में पिछले कुछ अरसे के दौरान भारी गिरावट देखने को मिली है. यह गिरावट अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को जारी उस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से ही जारी है, जिसमें अडानी समूह पर स्टॉक मैनिपुलेशन समेत कई तरह की गड़बड़ियों के आरोप लगाए गए हैं. हालांकि अडानी ग्रुप इन तमाम आरोपों को भारत पर हमला बताकर खारिज कर चुका है.

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