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GQG Partners: जीक्यूजी पार्टनर्स के को-फाउंडर और चैयरमैन राजीव जैन ने अडानी ग्रुप पर एक बार फिर भरोसा जताया है.
Adani Group Stocks to Multibaggers: जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners ) के को-फाउंडर और चैयरमैन राजीव जैन ( Rajiv Jain) ने अडानी ग्रुप पर एक बार फिर भरोसा जताया है. उन्होंने कहा है कि अडानी ग्रुप की जिन कंपनियों में उन्होंने पैसा लगाया है, उनके शेयर मल्टीबैगर साबित होंगे. ब्लूमबर्ग को एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उनका जो पैसा अडानी ग्रुप स्टॉक्स में लगा है, उससे उनको 5 साल में 100 फीसदी रिटर्न मिलने का भरोसा है. बता दें कि राजीव जैन पिछले महीने में तब जोरदार चर्चा में आए थे, जब उन्होंने तमाम निगेटिव सेंटीमेंट को दरकिनार कर अडानी ग्रुप कंपनियों में करीब 200 करोड़ डॉलर यानी 15446 करोड़ रुपये निवेश किया था.
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ये शेयर हो सकते हैं मल्टीबैगर्स
राजीव जैन ने ब्लूमबर्ग को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि ये शेयर मल्टीबैगर्स हो सकते हैं. यह शब्द यानी मल्टीबैगर्स म्यूचुअल फंड मैनेजर पीटर लिंच की किताब से आया है और इसका मतलब एक ऐसे निवेश से है जो कम से कम डबल हो सकता है. फिलहाल अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट के बाद भी राजीव जैन का अडानी ग्रुप शेयरों पर भरोसा बना हुआ है. दिग्गज निवेशक राजीव जैन भारतीय मूल के हैं, लेकिन फोर्ट लॉडरडेल से काम करते हैं. बता दें कि हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली. वहीं इसके चलते अडानी ग्रुप का मार्केट कैपिटलाइजेशन में 153 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है.
अडानी ग्रुप पर क्यों है भरोसा
राजीव जैन ने कहा कि अडानी ग्रुप की वैल्यू उसकी एसेट्स में निहित है. भारत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार भी देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने और चीन जैसे देशों से मैन्युफैक्चरिंग को आकर्षित करने के लिए अडानी जैसे टाइकून की ओर देख रही है. अडानी ग्रुप की कई परियोजनाएं भारत के विकास के लक्ष्यों और अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों से जुड़ी हैं. विशेष रूप से, जैन ने अडानी की कोल माइनिंग एसेट्स, उनके डाटा सेंटर्स और मुंबई के व्यस्त अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे में उनकी अधिकांश हिस्सेदारी को एक हेल्दी बिजनेस बताया है. जैन ने ब्लूमबर्ग से कहा कि हमारा मानना ​​है कि हवाईअड्डा खुद कंपनी से अधिक मूल्य का हो सकता है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर क्या कहा
GQG पार्टनर्स का पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाइड है. यह फर्म ऑयल, टोबैको और बैंकिंग जैसी इंडस्ट्री में निवेश के साथ 90 अरब डॉलर से अधिक की देखरेख करती है. जैन ने कहा कि वह हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की रिपोर्ट के बाद परेशान नहीं थे, जिसमें अडानी ग्रुप पर कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ी ठगी करने का आरोप लगाया गया था. रिपोर्ट आने के बाद मार्च 2023 में, GQG ने एक फैमिली ट्रस्ट से अडानी की 4 फर्मों में शेयर हासिल किए थे. उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट "10 साल पुराने अखबार" की तरह है. जैन ने कहा कि 30 साल के निवेश करियर में मुझे अभी तक एक भी आदर्श कंपनी नहीं मिली है. उनका कहना है कि रिपोर्ट में उठाए गए मुद्दों में से एक यह था कि गबौतम अडानी कंपनी के 75 फीसदी से अधिक के मालिक हैं. लेकिन क्या यह धोखाधड़ी है? क्या यह ठीक से डिस्क्लोज नहीं हुआ है?
अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट
Adani Enterprises में 1.5% तेजी आने के बाद करीब 2% गिरावट है. Adani Power में 1.6% तेजी है. Adani Total Gas में करीब 3 फीसदी गिरावट है तो Adani Green Energy में भी 3 फीसदी कमजोरी दिख रही है.
Adani Ports and Special Economic Zone में 1 फीसदी बढ़त है. Adani Wilmar में 1 फीसदी की तेजी है तो Adani Transmission में 3.5 फीसदी कमजोरी है. ACC में 1.5 फीसदी कमजोरी है, Ambuja Cements में करीब 1 फीसदी कमजोरी है तो NDTV में करीब 2 फीसदी गिरावट है.
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