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देश की सबसे बड़ी पोर्ट डेलवपर कंपनी में अडाणी पोर्ट्स की 75 फीसदी हिस्सेदारी।
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) ने सोमवार को कृष्णापट्टनम पोर्ट कंपनी लिमिटेड (KPCL) के अधिग्रहण को लेकर जानकारी दी. इसके मुताबिक अडाणी पोर्ट्स ने यह अधिग्रहण 12 हजार करोड़ रुपये में पूरा किया है. इस अधिग्रहण के पश्चात् निजी क्षेत्र की देश की दूसरी सबसे बड़ी पोर्ट डेवलपर Adani Ports की केपीसीएल में 75 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी. एपीएसईजेड ने अधिग्रहण के बाद कहा कि इस सौदे से उनकी क्षमता 2025 तक बढ़कर 20 करोड़ टन हो जाएगी. एपीएसईजेड को उम्मीद है कि इस अधिग्रहण के बाद उसकी बाजार हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2021 में बढ़कर 25 फीसदी हो जाएगी. अभी यह 21 फीसदी है.
अधिग्रहण मूल्य से 10% अधिक मुनाफे की उम्मीद
कंपनी ने बयान जारी कर बताया कि अडाणी समूह की देश की सबसे बड़ी पोर्ट डेवलपर, ऑपरेटर और लॉजिस्टिक्स इकाई एपीएसईजेड ने सीवीआर ग्रुप और अन्य निवेशकों से केपीसीएल की करीब 75 फीसदी हिस्सेदारी का नियंत्रण हासिल कर लिया है. कंपनी ने अपने बयान में उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 2020-21 में केपीसीएल का ईबीआईटीडए करीब 1200 करोड़ रुपये होगा। यह अधिग्रहण मूल्य का 10 फीसदी है.
देश का दूसरा सबसे बड़ा प्राइवेट पोर्ट है KPCL
केपीसीएल एक मल्टी कार्गो फैसिलिटी पोर्ट है. यह आंध्र प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में स्थित है जो समुद्र तट इलाके के क्षेत्रफल के हिसाब से देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है. एपीएसईजेड के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक करन अडाणी के केपीसीएल के अधिग्रहण पर खुशी जताते हुए कहा कि देश की दूसरी सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट अब एपीएसईजेड का हिस्सा है.
APSEZ के पास देश के 24 फीसदी पोर्ट
एपीएसईजेड अडाणी समूह का एक हिस्सा है. यह देश की सबसे बड़ी पोर्ट डेवलपर और ऑपरेटर है जिसका पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स सर्विसेज में दबदबा है. एपीएसईजेड के के पास इस समय 11 रणनीतिक पोर्ट्स और टर्मिनल्स हैं जो देश की कुल पोर्ट कैपेसिटी का करीब 24 फीसदी है. यह समुद्रतटीय इलाकों के अतिरिक्त देश के अंदरूनी हिस्सों में अपना कार्य करती है. कंपनी की योजना केरल के विझिंजम और और म्यांमार में एक कंटेनर टर्मिनल बनाने की योजना है.
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