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Adani Ports Stock Price: अडानी पोर्ट्स 6 महीने में करीब 28 फीसदी मजबूत हुआ है, वहीं साल के 395 रुपये से 110 फीसदी मजबूत हो चुका है. (Reuters)
Adani Ports Stock Price: गौतम अडानी ग्रुप के स्टॉक Adani Ports में बीते कुछ महीनों से अच्छी तेजी बनी हुई है. यह 6 महीने में करीब 28 फीसदी मजबूत हुआ है, वहीं 3 फरवरी 2023 के अपने लो 395 रुपये की तुलना में 110 फीसदी मजबूत हो चुका है. अब शेयर में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर बिल्कुल नहीं रहा है और इसने अपनी पूरी गिरावट की भरपाई कर ली है. बीती जून तिमाही में Adani Ports का मुनाफा भी 82 फीसदी बढ़ा था. फिलहाल कंपनी के आउटलुक को लेकर ब्रोकरेज हाउस भी पॉजिटिव हैं और उनका मानना है कि कंपनी का शेयर आगे मजबूत ग्रोथ दिखा सकता है. पोर्ट बिजनेस में कंपनी का मार्केट शेयर लगातार बढ़ रहा है, वहीं वॉल्यूम में लगातार ग्रोथ है. आगे कंपनी की मार्केट और बेहतर होने की उम्मीद है.
शेयर में किन वजहों से आएगी तेजी
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (APSEZ) में निवेश की सलाह दी है और 1010 रुपये का टारगेट दिया है. APSEZ कार्गो हैंडलिंग में 24% से अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट पोर्ट ऑपरेटर है. APSEZ वित्त वर्ष 2011 में केवल 2 बंदरगाहों (मुंद्रा और दहेज) के संचालन से बढ़कर देश भर में 14 बंदरगाहों तक फैले पोर्टफोलियो तक पहुंच गया है. बेहतर पहुंच, स्ट्रैटेजिक पोर्ट लोकेशन, परिचालन क्षमताएं, और एंटीग्रेटेड सर्विस ऑफरिंग (लॉजिस्टिक्स, एसईजेड) की एक वाइड रेंज ने अडानी पोर्ट्स की ग्रोथ में योगदान दिया है. कंपनी का वॉल्यूम वित्त वर्ष 2011 में दर्ज किए गए लेवल से 4 गुना से अधिक हो गया है. अपने मौजूदा बंदरगाहों पर रेगुलर ग्रोथ लीवर्स और एक एक्सपैंडिंग पोर्टफोलियो के साथ, ब्रोकरेज को उम्मीद है कि अंडानी पोर्ट्स अपने मार्केट को और मजबूत करेगा और वित्त वर्ष 23-25 के दौरान यह 12% वॉल्यूम सीएजीआर हासिल कर सकता है. इस दौरान रेवेन्यू और EBITDA दोनों में 15% CAGR ग्रोथ की उम्मीद है. ब्रोकरेज का मानना है कि कैश फ्लो जेनरेशन मजबूत रहना चाहिए और अधिग्रहण के बावजूद कर्ज को कंट्रोल में रखने में मदद मिलेगी.
कंपनी के साथ पॉजिटिव फैक्टर्स
- मार्केट लीडरशिप के साथ डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो
- आकार का विस्तार लेकिन एक फोकस्ड अप्रोच के साथ
- मौजूदा बंदरगाहों पर निरंतर ग्रोथ लीवर्स द्वारा सहायता प्राप्त ग्रोथ को प्राथमिकता देना
- पूर्व-पश्चिम समता हासिल करने का लक्ष्य
- अपने लॉजिस्टिक्स बिजनेस को ऊपर उठाकर एक पूर्ण समाधान प्रदाता में ट्रांसफॉर्म होना
- वित्त वर्ष 2023-25 के दौरान रेवेन्यू/EBITDA में 15%/15% सीएजीआर ग्रोथ का अनुमान
- ग्रोथ के अवसरों का लाभ उठाने के लिए आदर्श स्थिति में
क्या हैं प्रमुख जोखिम
भारत में सबसे बड़े प्राइवेट पोर्ट ऑपरेटर के रूप में, जियो-पॉलिटिकल रुकावट के कारण घरेलू और वैश्विक व्यापार में मंदी के कारण कंपनी के अलग अलग पोर्ट पर परिचालन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इसके अलावा, अन्य घरेलू पोर्ट ऑपरेटर्स से बढ़ती प्रतिस्पर्धा से हमारी विकास संबंधी धारणाएं बाधित हो सकती हैं क्योंकि सरकार भारतीय बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और दक्षता में सुधार करना चाह रही है. इसके अलावा, कंपनी के कर्ज का एक बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा में है जो इसके व्यवसाय में किसी भी गंभीर मंदी की स्थिति में विदेशी मुद्रा जोखिम पैदा कर सकता है.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)