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अडाणी ने पिछले महीने 'विवादित' कारमाइकल कोयला खदान से पहले एक्सपोर्ट कार्गो की शिपिंग शुरू कर दिया है. (Image- Reuters)
Adani wins coal contract: देश में आयातित कोयले के सबसे बड़े कारोबारी अडाणी एंटरप्राइजेज ने भारत सरकारी की बिजली बनाने वाली कंपनी एनटीपीसी को आयातित कोयला सप्लाई करने का बड़ा कांट्रैक्ट हासिल कर लिया है. अडाणी एंटरप्राइजेज की तरफ से एनटीपीसी को 10 लाख टन आयातित कोयला सप्लाई किया जाएगा. एनटीपीसी ने दो साल से अधिक समय के बाद पिछले साल अक्टूबर में कोयले के आयात के लिए पहला टेंडर जारी किया था. कोलकाता की सरकारी कंपनी दामोदर वैली कॉरपोरेशन भी अपने पॉवर प्लांटों के लिए कोयले की सप्लाई का इतना ही बड़ा ठेका अडाणी को देने पर विचार कर रही है. अडाणी, एनटीपीसी और दामोदर वैली ने इस मसले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
पिछले महीने ही ऑस्ट्रेलिया से कोयला हो चुका है रवाना
अडाणी समूह की कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया की 'विवादित' कारमाइकल कोयला खदान से कोयले की सप्लाई का काम पिछले महीने ही शुरू किया है. यह खदान ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड में है. इस खदान से जो शिपमेंट हुआ है, वह भारत को भेजा जा रहा है. यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है, लेकिन जानकारी देने वाले ने खरीदार के नाम का खुलासा नहीं किया है.
बिजली कंपनियां कोयला भंडार बढ़ाने के लिए दबाव में
पिछले साल अक्टूबर की दूसरी छमाही में देश के कुछ हिस्सों में बिजली की किल्लत हुई. एक समय स्थिति ऐसी आई कि बिजली बनाने वाली कंपनियों के पास महज चार दिनों का कोयला बचा था. ऐसे में इन कंपनियों के ऊपर अपने कोयले के भंडार को बढ़ाने का दबाव है. ऐसी स्थिति दोबारा न आए, इसके लिए सभी तैयारियां की जा रही हैं. कोयला आयात करने का फैसला ऐसे समय लिया गया है, जब सरकार तेल आयात पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रही है. देश में करीब 70 फीसदी बिजली का उत्पादन कोयले से होता है और अगले कुछ वर्षों में इसकी खपत बढ़ने के आसार हैं.