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अडाणी की कंपनी अडाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड पर काफी कर्ज है.
अडाणी समूह की कंपनी अडाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड (AEML) ने दस साल का सस्टेनेबिलिटी-लिंक्ड बॉन्ड जारी कर 30 करोड़ डॉलर यानी लगभग 2,232 करोड़ जुटाए हैं. कंपनी ने शुक्रवार को मुंबई में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इसने 2 अरब डॉर का मीडियम-टर्म नोट्स प्रोग्राम की घोषणा की थी. अडाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड के मुताबिक यह भारत में एनर्जी सेक्टर की पहली कंपनी है, जिसने इस रूट के जरिये फंड जुटाया है. अडाणी इलेक्ट्रिसिटी इस फंड का इस्तेमाल अपने मौजूदा कर्ज की री-फाइनेंसिंग और रेगुलटरी एसेट डेवलपमेंट के लिए करेगी.
कंपनी के मुताबिक इसका यह बॉन्ड 9.2 गुना ओवरसब्सक्राइव हुआ है. इसमें एशिया के 49 और यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका के 27 और उत्तरी अमेरिका के निवेशकों ने 24 फीसदी निवेश किया है. इस ट्रांजेक्शन के बाद कंपनी इंटरनेशनल मार्केट में 100 फीसदी टर्म डेट के लिए उतर सकती है.अडाणी ग्रुप ने यह कंपनी अनिल अंबानी की रिलायंस एनर्जी से खरीदी थी. कंपनी मुंबई में एक करोड़ 20 लाख कंज्यूमर को सर्विस देती है.
S&P ने घटा दी थी रेटिंग
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अडाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई (AEML) की रेटिंग कम कर दी है. रेटिंग एजेंसी ने एईएमएल की रेटिंग को स्टेबल से कम कर निगेटिव कर दिया है. एईएमएल की होल्डिंग कंपनी अडाणी ट्रांसमिशन (एटीएल) अपने एसेट बेस को बढ़ाने के लिए अधिक खर्च करने वाली है जिसके चलते अगले दो साल में इसका लीवरेज लेवल बढ़ने की आशंका है. इस वजह से रेटिंग एजेंसी ने एईएमएल की रेटिंग को डाउनग्रेड किया है. एजेंसी ने एईएमएल की क्रेडिट रेटिंग बीबीबी निगेटिव बनाए रखा है. एसएंडपी की बीबीबी रेटिंग का मतलब है कि आर्थिक परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं जिससे वित्तीय प्रतिबद्धता पूरी करने की क्षमता कमजोर हुई हैं. एईएमएल मुंबई में पॉवर ड्रिस्टीब्यूशन कारोबार में है.
S&P ने अडाणी डिस्कॉम को दी निगेटिव रेटिंग, इस वजह से डाउनग्रेड हुआ कंपनी का आउटलुक
अगले तीन साल में कंपनी 17 हजार करोड़ करेगी खर्च
कंपनी की योजना अगले तीन साल वित्त वर्ष में कुछ अंडर-कंस्ट्रक्शन ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए 17 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की है. इसके चलते एसएंडपी का अनुमान है कि अगले दो साल में एटीएल का लीवरेज लेवल (ऑपरेशंस से मिले फंड और कर्ज का अनुपात) घटकर वित्त वर्ष 2022 में 7 फीसदी हो जाएगा और फिर अगले वित्त वर्ष में यह बढ़कर 8.2 फीसदी हो जाएगा. पिछले दो वर्ष में कंपनी की लीवरेज लेवल 8-12 फीसदी के बीच बना रहा. कमीशंड प्रोजेक्ट से वित्त वर्ष 2024 में अर्निंग कांट्रिब्यूशन के चलते लीवरेज बढ़कर 9 फीसदी से अधिक होने का अनुमान लगाया गया है.