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Airtel: रिलायंस इंडस्ट्रीज की तरह अब भारती एयरटेल ने भी अपना कर्ज खत्म करने का प्लान बनाया है.
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रिलायंस इंडस्ट्रीज की तरह अब भारती एयरटेल ने भी अपना कर्ज खत्म करने का प्लान बनाया है. इस दिशा में एयरटेल की प्रमोटर कंपनी भारती टेलीकॉम (Bharti Telecom) शेयर बेचकर एक अरब डॉलर यानी करीब 8000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की योजना बना रही है. एयरटेल इस मिलने वाली रकम का इस्तेमाल अपना कर्ज खत्म करने में करेगी. एयरटेल डेट फ्री यानी कर्ज मुक्त कंपनी बनने की तैयारी कर रही है. मामले से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. न्सूज एजेंसी के अनुसार प्रमोटर कंपनी सेकंडरी प्लेसमेंट के जरिए भारती टेलीकॉम 558 रुपये प्रति शेयर की दर से 2.75 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी पिछले 1 महीने में 5 बड़ी डील की है, जिससे जियो में करीब 1000 करोड़ का निवेश आएगा, जिससे आरआईएल कर्जमुक्त के लक्ष्य के करीब पहुंचेगी.
Airtel में भारती टेलीकॉम की 41% हिस्सेदारी
भारती एयरटेल में भारती टेलीकॉम की करीब 41 फीसदी हिस्सेदारी है. जबकि विदेशी प्रमोटर कंपनियों के पास 21.46 फीसदी शेयर हैं. कंपनी में पलिक शेयरहोल्डर करीब 37 फीसदी हैं. वहीं, भारती टेलीकॉम में सुनील भारती मित्तल व उनके परिजनों की हिस्सेदारी करीब 52 फीसदी है. 15 करोड़ शेयरों के सौदे के लिए ब्लॉक डील करीब एक अरब डॉलर का होगी. यह 31 मार्च 2020 के हिसाब से भारती एयरटेल की 2.75 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है. ब्लॉक डील से शेयरों की खरीदारी करने वाले इसे 90 दिनों तक नहीं बेच सकेंगे. कंपनी ने हालांकि ब्लॉक डील में लगाई गई बोली के एक्जीक्यूट होने की गारंटी नहीं दी है.
विनिंग पोजिशन पर है एयरटेल
एक्सपर्ट मान रहे हैं कि टेलिकॉम सेक्टर पर भारी कर्ज और एजीआर की देनदारी है. लेकिप एयरटेल के पास इस दबाव से निकलने की क्षमता है. कंपनी को सेक्टर में प्रतियोगिता सीमित होने का फायदा मिल रहा है. एयरटेल का एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर बढ़ा है. आगे भी इसके बढ़ने की उम्मीद है. आपरेशन परफॉर्मेंस बेहतर है और रेवेन्यू में भी 15 फीसदी ग्रोथ रही है. कंपनी अपना बकाया धीरे धीरे खत्म कर रही है. जैसे जैसे कर्ज कम होगा, कंपनी विनर साबित होती जाएगी. इसलिए प्रमोटर्स द्वारा हिस्सेदारी बेचना कंपनी के लिए निगेटिव नहीं, बल्कि पॉजिटिव है.
1 साल में 76% चढ़ा शेयर
सेंसेक्स 30 की बात करें तो पिछले एक साल में एयरटेल टॉप गेनर साबित हुआ है. एयरटेल का शेयर पिछले एक साल में 76 फीसदी चढ़ा है. शेयर में इस दौरान करीब 250 अंकों की तेजी आई और शेयर बीते शुक्रवार को 593 रुपये के भाव पर पहुंच गया. आज यह कमजोर होकर 561 रुपये के भाव पर है. कोरोना संकट के बाद भी इस साल अबतक शेयर सेंसेक्स 30 का टॉप गेनर रहा है और इसमें 29 फीसदी तेजी आ चुकी है. साल 2019 में शेयर ने 59 फीसदी का रिटर्न दिया था. यानी 2019 से अबतक पिछले करीब 17 महीनों से एयरटेल निवेशकों की जेब भरता आ रहा है.
शेयर में कितनी आ सकती है तेजी
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने शेयर के लिए 710 रुपये का लक्ष्य तय किया है. जबकि ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल ने शेयर के लिए 684 रुपये का लक्ष्य तय किया है. ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक मार्च तिमाही में कंपनी के ARPU में करीब 15 फीसदी का उछाल आया है. पिछले दिनों टैरिफ बढ़ाने का फायदा मिला. कंपनी का कैपेक्स बढ़कर डबल 11300 करोड़ रुपये हो गया है. आपरेशन परफॉर्मेंस बेहतर है और रेवेन्यू में भी 15 फीसदी ग्रोथ रही है. कंपनी अपना बकाया धीरे धीरे खत्म कर रही है.
आगे भी टैरिफ बढ़ने की उम्मीद है. एयरटेल के पास 4जी कस्टमर्स की मजबूत नेटवर्क हैं और नए ग्राहक भी जोड़ने में कंपनी कामयाब रही है. कंपनी का वायरलेस रेवेन्यू भी बढ़ रहा है. वर्क फ्रॉम होम से भी कंपनी को फायदा हो रहा है. देश भर में डेटा की खपत और मांग बढ़ रही है. मैनजमेंट कमेंट्री से भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. खर्च कम होने से आने वाले समय में कंपनी का कामकाजी मुनाफा बढ़ेगा. कंपनी बैलेंसशीट को मजबूत करने पर फोकस कर रही है. टेलिकॉम सेक्टर में घट रही प्रतियोगिता का भी एयरटेल को बड़ा फायदा मिल रहा है. कंपनी में मौजूदा दबाव से निकलने की क्षमता है.