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Airtel, Voda Idea, टाटा टेलिसर्विसेज कल चुका सकती हैं आशिंक AGR बकाया, कुल एक लाख करोड़ से ज्यादा हैं देने

दूरसंचार विभाग ने समयसीमा में अब कोई छूट देने से स्पष्ट इनकार कर दिया है.

दूरसंचार विभाग ने समयसीमा में अब कोई छूट देने से स्पष्ट इनकार कर दिया है.

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PTI
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Airtel, Voda Idea, टाटा टेलिसर्विसेज कल चुका सकती हैं आशिंक AGR बकाया, कुल एक लाख करोड़ से ज्यादा हैं देने

Airtel, Vodafone Idea, Tata Tele likely to pay AGR dues on Monday: Department of telecom source

भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलिसर्विसेज दूरसंचार कंपनियां दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए सोमवार को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के तहत बकाए का भुगतान कर सकती हैं. आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. तीनों कंपनियों पर संयुक्त रूप से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का AGR बकाया है. हालांकि इन कंपनियों ने दूरसंचार विभाग को आंशिक भुगतान की सूचना दी है.

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एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलिसर्विसेज ने कहा है कि वे सोमवार को भुगतान करेंगी. दूरसंचार विभाग कंपनियों द्वारा किए गए भुगतान का मूल्यांकन करने के बाद आगे की कार्रवाई करेगा.’’

भारती एयरटेल ने इससे पहले शुक्रवार को दूरसंचार विभाग को 20 फरवरी तक 10 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करने की पेशकश की थी. हालांकि दूरसंचार विभाग ने समयसीमा में अब कोई छूट देने से स्पष्ट इनकार कर दिया. वोडाफोन आइडिया ने शनिवार को कहा कि वह AGR बकाए को लेकर कितना भुगतान किया जा सकता है, इसका आकलन कर रही है.

केवल जियो ने किया है भुगतान

सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2019 को दिए फैसले में कहा था कि दूरसंचार कंपनियों पर सम्मिलित रूप से 1.47 लाख करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है. इन कंपनियों को कोर्ट ने 23 जनवरी तक बकाए का भुगतान करने को कहा था. हालांकि रिलायंस जियो को छोड़ किसी भी कंपनी ने अभी तक भुगतान नहीं किया है. सरकारी कंपनियां बीएसएनएल और एमटीएनएल ने भी अब तक भुगतान नहीं किया है.

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किस कंपनी पर कितना बकाया

उपलब्ध अंतिम अनुमान के हिसाब से एयरटेल पर 35,586 करोड़ रुपये, वोडाफोन आइडिया पर 53 हजार करोड़ रुपये, टाटा टेलिसर्विसेज पर 13,800 करोड़ रुपये, बीएसएनएल पर 4,989 करोड़ रुपये और एमटीएनएल पर 3,122 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है. कुल 1.47 लाख करोड़ रुपये में से करीब 1.13 लाख करोड़ रुपये वसूले जा सकते हैं. शेष राशि जिन कंपनियों पर बकाया है, वे कारोबार पहले ही समेट चुकी हैं. रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल इस समय दिवाला प्रक्रिया के तहत चल रही हैं.

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