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LIC IPO: देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) के आईपीओ को लेकर चल रही चर्चा पर आज विराम लग गया.
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Govt Plan To IPO Of LIC: देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) के आईपीओ को लेकर चल रही चर्चा पर आज विराम लग गया. बजट 2020 स्पीच के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया कि सरकार एलआईसी में आईपीओ के जरिए अपनी हिस्सेदारी बेचेगी. यानी अब एलआईसी के शेयर बाजार में लिस्ट होने का रास्ता साफ दिख रहा है. हालांकि इसके लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़ेगी. बता दें कि एलआईसी के आईपीओ लाने की चर्चा लंबे समय से चल रही है, लेकिन पिछले साल खुद एलआईसी से इससे इनकार किया था.
एलआईसी देश की की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है. करीब 2 दशकों से निजी बीमा कंपनियां इसे टक्कर देने की कोशिश कर रही हैं. इसके बावजूद इसकी बादशाहत कायम है. माना जा रहा है कि अगर इस कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट कराया जाता है तो इसमें निवेशकों की वैसी ही दिलचस्पी दिख सकती है, जैसी आईआरसीटीसी में दिखी थी. यह भी माना जा रहा है कि शेयर बाजार में लिसट होने के बाद यह मार्केट कैप के लिहाज से टॉप कंपनियों में शामिल हो जाएगी.
बता दें कि सरकार विनिवेश के जरिए पीएसयू कंपनियों की सेहत बेहतर करना चाहती है. सरकार ने वित्त वर्ष 2021 के लिए 2.1 लाख करोड़ के विनिवेश का लक्ष्य रखा है. जबकि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 1.05 लाख करोड़ इस साल सरकार ने अभी तक विनिवेश के जरिए 18,094.59 करोड़ रुपये ही जुटाए हैं. यस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ प्रेजिडेंट अमर अंबानी ने कहा कि नए वित्त वर्ष में सरकार का विनिवेश का बड़ा लक्ष्य एलआईसी के आईपीओ की वजह से है. उन्होंने कहा कि यह हमारे 1.35 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य की तुलना में काफी अधिक है.रुपये विनिवेश का लक्ष्य रखा है. एलआईसी का आईपीओ भी सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के ही तहत है.
कई कंपनियों में हिस्सेदारी
आईपीओ लाने का मकसद है कि सरकार कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को घटाएगी. एलआईसी के पास कई कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी है. उसका कंपनी के बोर्ड में भी पोजिशन है. एलआईसी देश का बड़ा संस्थागत निवेशक भी है. हालांकि इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार की ओर से तय किए जाने वाले उद्देश्य, बार-बार दखलंदाजी से एलआईसी को नुकसान भी हो सकता है.