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PMC बैंक से कैश विदड्रॉल पर फैसले में न हो देरी, RBI ने दिल्ली हाईकोर्ट से किया अनुरोध

आरबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि वह हार्डशिप ग्राउंड्स के आधार पर पीएमसी बैंक से विदड्रॉल की प्रक्रिया में देरी न करे.

आरबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि वह हार्डशिप ग्राउंड्स के आधार पर पीएमसी बैंक से विदड्रॉल की प्रक्रिया में देरी न करे.

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PTI
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Allowed PMC Bank to approve requests for withdrawal on hardship grounds to avoid delays in disbursal RBI said in an affidavit to delhi highcourt

दिल्ली हाईकोर्ट का कहना है कि आरबीआई पोस्टऑफिस की तरह काम नहीं कर सकता है.

घोटालों से बुरी तरह प्रभावित हुई पंजाब और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (PMC) बैंक से कैश विदड्रॉल को लेकर केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने दिल्ली हाईकोर्ट से आग्रह किया है. आरबीआई ने हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि वह हार्डशिप ग्राउंड्स के आधार पर पीएमसी बैंक से विदड्रॉल की प्रक्रिया में देरी न करे.

पीएमसी बैंक के ग्राहकों को किन जरूरतों के लिए कैश विदड्रॉल की अनुमति मिलेगी, इसे तय करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि यह फैसला पीएमसी बैंक की बजाय आरबीआई को लेना चाहिए. दिल्ली हाईकोर्ट के इस रूख पर आरबीआई ने अपना जवाब दाखिल किया है. मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी को हो सकती है.

RBI पोस्ट ऑफिस की तरह नहीं कर सकता काम- हाईकोर्ट

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चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जालान ने कहा था कि चूंकि आरबीआई ने पीएमसी बैंक से विदड्रॉल को लेकर रेस्ट्रिक्शंस लगाए थे, इसलिए आपात परिस्थतियों में बैंक ग्राहकों को कैश निकालने की मंजूरी पर फैसला भी उसे लेना चाहिए. पिछले साल 1 दिसंबर 2020 को हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि आरबीआई को अपना दिमाग लगाना चाहिए, बजाय एक पोस्ट ऑफिस की तरह काम करने को. हाईकोर्ट के मुताबिक पीएमसी बैंक की हर बात को सैद्धांतिक सत्य के रूप में लिया जा सकता है और पीएमसी बैंक को यह अधिकार नहीं दिया जा सकता है कि किसे कैश निकालने की मंजूरी मिलेगी.

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घोटाला सामने आने के बाद लगे थे रिस्ट्रिक्शंस

पीएमसी बैंक में 4355 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था. इसके बाद केंद्रीय बैंक ने बैंक से कैश निकासी समेत कई रिस्ट्रिक्शंस लगाए थे. कंज्यूमर राइट्स एक्टिविस्ट बेजन कुमार मिश्रा ने इस मसले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था कि पीएमसी बैंकग्राहकों को गंभीर स्वास्थ्य जरूरतों के साथ-साथ शिक्षा, विवाह और आवश्यक वित्तीय जरूरतों के लिए कैश निकासी पर आरबीआई विचार करे.

केंद्रीय बैंक ने एफिडेबिट में कही यह बात

आरबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट के पास जमा किए एफिडेविट में कहा है कि उसने जनवरी 2020 में हार्डशिप ग्राउंड्स के आधार पर निकासी के लिए अपनी गाइडलाइंस में संशोधन किया था और आपात स्वास्थ्य जरूरतों के लिए 5 लाख रुपये तक की निकासी की मंजूरी दी थी. इसके अलावा आरबीआई ने एफिडेविट में कहा है कि कोरोना महामारी को जीवन के लिए गंभीर समस्या मानी गई, ऐसे में इसे भी संशोधित गाइडलाइंस के तहत लाया गया.

आरबीआई के एफिडेविट के मुताबिक पीएमसी बैंक ने अपने पुनर्गठन (रिकंस्ट्रक्शन) के उद्देश्य से योग्य निवेशकों से निवेश या इक्विटी पॉर्टिसिपेशन के लिए एक्सप्रेशंस ऑफ इंटेरेस्ट (ईओआई) मंगाए थे. इन आवेदनों को सबमिट करने का अंतिम तारीख पिछले साल 15 दिसंबर 2020 तक रखी गई थी. पीएमसी बैंक ने आरबीआई को सूचित किया है कि ईओआई के चार प्रस्ताव आए हैं और उन आवेदनों की जांच में अभी कुछ समय लगेगा.

Rbi