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The investors in primary market have turned cautious after the underperformance of recent IPOs.
कोरोनावायरस महामारी के बीच अचानक प्राइमरी मार्केट में जोरदार तेजी देखी जा रही है. एक के बाद एक कंपनियां अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लेकर आ रही हैं. हैप्पिएस्ट माइंड्स की शेयर बाजार में शानदार लिस्टिंग ने इस सेंटीमेंट को और मजबूत बना दिया है. इस बीच, ब्रोकरेज फर्म एंजल ब्रोकिंग ने भी शुक्रवार को अपने आईपीओ का एलान किया. कंपनी इश्यू के जरिए 600 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. एंजल ब्रोकिंग ने शुक्रवार को वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कंपनी का IPO 22 सितंबर को खुलेगा. IPO के जरिये कंपनी का 600 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है. आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 305 से 306 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. आईपीओ 22 सितंबर को खुलकर 24 सितंबर को बंद होगा. वहीं एंकर निवेशक 21 सितंबर को ही बोली लगा सकेंगे.
एंजल ब्रोकिंग: 1800 शहर-कस्बों में पहुंच
एंजल ब्रोकिंग का लक्ष्य आईपीओ से 600 करोड़ रुपये जुटाने का है. इसमें 300 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे जबकि कंपनी के प्रमोटर एवं अन्य शेयरधारक 300 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री पेशकश करेंगे. इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन करीब 120 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री पेशकश करेगी. इस आईपीओ से जुटाई राशि का उपयोग कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरत को पूरा करने और अन्य कॉरपोरेट कार्यों में करेगी.
एंजल ब्रोकिंग की पहुंच देश के 1,800 शहरों और कस्बों में है. कंपनी की 110 से अधिक शाखाएं हैं. आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज, एडेलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेस और एसबीआई कैपिटल को इस इश्यू के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है. कंपनी के शेयर बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट कराए जाएंगे.
क्या करती है एंजल ब्रोकिंग?
एजंल ब्रोकिंग एक फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है. यह ग्राहकों को ब्रोकिंग एंड एडवाइसजरी सर्विसेज, मार्जिन फंडिंग, अपनी सब्सिडियरी एएफपीएल के जरिए लोन्स अगेंस्ट शेयर्स और फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स उपलब्ध करती है. नेशनल स्टॉक एक्सजेंच (NSE) पर एक्टिव क्लांइट के मामले में एंजल ब्रोकिंग चौथी सबसे बड़ी ब्रोकर है. जून 2020 तक इसका मार्केट शेयर 6.3 फीसदी रहा.
बीते कुछ सालों की बात करें तो कंपनी का कस्टमर बेस हर साल बढ़ा है. चालू वित्त वर्ष की बात करें तो कंपनी ने पहली तिमाही में 3.5 लाख ग्राहक जोड़े. हर महीने करीब 1.15 लाख ग्राहक कंपनी की सेवाओं के लिए उससे जुड़े जबकि वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में औसत मंथली ग्रोथ 46,000 से अधिक रही थी. इस तरह सालाना आधार पर समीक्षाधीन अवधि में कंपनी का कस्टमर बेस 147 फीसदी बढ़ा है.
हैप्पिएस्ट माइंड्स की बंपर लिस्टिंग
बता दें, हैप्पिएस्ट माइंड्स का शेयर बीएसई पर 351 रुपये के भाव पर लिस्ट हुआ. हैप्पिएस्ट माइंड्स के शेयर का इश्यू प्राइस 166 रुपये था. इस लिहाज से शेयर 111 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट हुआ. वहीं एनएसई पर 350 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुआ. निवेशकों के लिए भी यह इश्यू मालामाल करने वाला साबित हुआ. जिन्होंने इसमें 1 लाख रुपये लगाए होंगे, उनका पैसा एक हफ्ते से भी कम समय में बढ़कर 2 लाख से ज्यादा हो गया. दूसरी ओर, रूट मोबाइल का आईपीओ भी बाजार में आ चुका है. वहीं, अगले हफ्ते 21 सितंबर को कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज (CAMS) का आईपीओ खुलने वाला है.
Happiest Minds IPO: हैप्पिएस्ट माइंड्स की बाजार में बंपर एंट्री, 111% प्रीमियम पर लिस्ट हुआ शेयर
अनलॉक के बाद कंपनियों को उम्मीद
फॉर्चून फिस्कल के डायरेक्टर जगदीश ठक्कर का कहना है कि अर्थव्यवस्था खुलने के बाद बाजार में तेजी आई है. लिक्विडिटी आई है. अगर कोई बड़ा निगेटिव ट्रिगर नहीं आता है तो अनलॉक के दौर में बाजार में यह मोमेंटम जारी रहने की उम्मीद है. ऐसे में कंपनियों का अर्थव्यवस्था पर भरोसा बढ़ रहा है और उन्हें बाजार में उतरने का अच्छा मौका दिख रहा है. कंपनियां आईपीओ के जरिए बाजार से पैसा जुटाकर अपने कारोबार को विस्तार देती हैं. इसके लिए उन्हें यह सही अवसर दिख रहा है. हालांकि निवेशकों की बात करें तो उन्हें सिर्फ मजबूत बिजनेस मॉडल वाली कंपनियों में ही पैसा लगाना चाहिए.