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Reliance capital Stocks Tank: पैसों की कमी से जूझ रही अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों की मुसीबत कम नहीं हो रही है.
Reliance capital Stocks Tank: पैसों की कमी से जूझ रही अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों की मुसीबत कम नहीं हो रही है. अब रिलायंस कैपिटल ने HDFC और एक्सिस बैंक से लिए गए लोन के इंटरेस्ट पेमेंट को चुकाने में नाकाम रही है. कंपनी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को यह जानकारी दी है. कंपनी ने एक्सचेंज को बताया है कि 31 अक्टूबर, 2020 तक वह HDFC के 4.77 करोड़ रुपये का ब्याज और एक्सिस बैंक के 71 लाख रुपये के ब्याज पेमेंट को चुकाने में नाकाम रही है. हालांकि कंपनी का यह भी कहना है कि इन दोनों देनदारों की मूलधन राशि चुका दी गई है.
शेयर 5 फीसदी टूटा
रिलायंस कैपिटल के डिफाल्ट करने की खबर के बाद आज कंपनी के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है. रिलायंस कैपिटल का शेयर 5 फीसदी के करीब टूटकर आज 9.30 रुपये के भाव पर आ गया. कंपनी का शेयर पिछले कारोबारी दिन 9.75 रुपये पर बंद हुआ था. शेयर के लिए 52 हफ्तों का हाई 16.20 रुपये है तो 52 हफ्तों का लो 3.70 रुपये है. रिलायंस कैपिटल का मार्केट कैप घटकर 234 करोड़ रुपये रह गया है.
कितना है कुल कर्ज
रिलायंस कैपिटल ने HDFC से 524 करोड़ रुपये का लोन 6 महीने से 7 साल के लिए 10.6 से 13 फीसदी तक के एनुअल इंटरेस्ट रेट पर लिया था. वहीं, कंपनी ने एक्सिस बैंक से 3 से 7 साल के लिए 8.25 फीसदी की दर से 100.63 करोड़ रुपये का लोन लिया था. 31 अक्टूबर तक रिलायंस कैपिटल पर ब्याज सहित कुल 20,077.14 करोड़ रुपए का कर्ज था.
एसेट बेचने की प्रक्रिया में हो रही है देरी
रिलायंस कैपिटल ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट के कई आदेशों के कारण वह अपनी संपत्ति नहीं बेच सकती है. दिल्ली और बॉम्बे हाईकोर्ट तथा डेट रिकवरी ट्राइब्यूनल ने उसके एसेट बेचने पर रोक लगाई है. कंपनी का कहना है कि इस वजह से वह एसेट मोनेटाइजेशन नहीं कर पाई और कंपनी ने कर्ज के भुगतान को डिफॉल्ट किया है. कंपनी अपने एसेट को बेचकर राशि जुटाने की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा पा रही जिसकी वजह से कर्ज चुकाने में देरी हो रही है.
दूसरी तिमाही में घाटा
रिलायंस कैपिटल को मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 2,577 करोड़ का घाटा हुआ है. वहीं, एक साल पहले सितंबर तिमाही में कंपनी का घाटा सिर्फ 96 करोड़ रुपये था. 2020-21 के सितंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू घटकर 4,929 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल इस अवधि में 5,064 करोड़ रुपये था.