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Asset Allocation: इक्विटी या गोल्ड या डेट: अभी किस एसेट क्लास में कितना लगाएं पैसा, रिस्क प्रोफाइल देखकर लें फैसला

Multi Asset Allocation: 2023 के पहले 5 महीने इक्विटी मार्केट के लिए अस्थिर साबित हुए. भारतीय बाजार ने S&P 500 से कमजोर प्रदर्शन किया.

Multi Asset Allocation: 2023 के पहले 5 महीने इक्विटी मार्केट के लिए अस्थिर साबित हुए. भारतीय बाजार ने S&P 500 से कमजोर प्रदर्शन किया.

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Sushil Tripathi
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What is Asset Allocation

Asset Allocation: डिफरेंट मार्केट साइकिल में एसेट क्‍लास की लीडरशिप बदलती रहती है. (pixabay)

What is Multi Asset Allocation Strategy: अगर आप निवेशक हैं तो निवेश के एसेट अलोकेशन स्ट्रैटेजी के बारे में जरूय जानना चाहिए. किस मार्केट साइकिल में आपको कितना पैसा कहां मसलन इक्विटी, गोल्ड, बांड या ऐसे दूसरे एसेट एसेट क्लास में होना चाहिए, इसका अपना खास महत्व है. ऐसा हो सकता है कि जब बाजार में तेजी आ रही है तो आप पूरा पैसा इक्विटी में लगा देते हैं. लेकिन सिर्फ दूसरों को देखकर अपनी स्ट्रैटेजी तय करना गलत तरीका है. बेहतर है कि आप अलग अलग मार्केट साइकिल में अलग अलग एसेट क्लास के प्रदर्शन को ध्यान में रखकर अपना पोर्टफोलियो तैयार करें. ब्रोकरेज हाउस एक्सिस सिक्योरिटीज ने इस बारे में अपनी एक रिपोर्ट दी है.

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एसेट क्‍लास की लीडरशिप में आता है बदलाव

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ब्रोकरेज हाउस एक्सिस सिक्‍योरिटीज का कहना है कि डिफरेंट मार्केट साइकिल में एसेट क्‍लास की लीडरशिप बदलती रहती है. जियो-पॉलिटिकल चिंताओं और इक्विटी मार्केट की अस्थिरता के कारण गोल्‍ड 2022 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले एसेट क्‍लास के रूप में उभरा है. दूसरी ओर, इक्विटी 2021 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला एसेट क्‍लास था. 2023 के पहले 5 महीने इक्विटी मार्केट के लिए अस्थिर साबित हुए. भारतीय बाजार ने S&P 500 से कमजोर प्रदर्शन किया, लेकिन EM मार्केट से काफी बेहतर प्रदर्शन किया. हालांकि, एसेट क्‍लास के रूप में इक्विटी जून/जुलाई/अगस्त 2023 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला एसेट क्‍लास साबित हुआ, जिसका मुख्य कारण उभरते बाजारों में पॉजिटिव कैश फ्लो था. YTD आधार पर, भारतीय बाजार ने EM बाजार से काफी बेहतर प्रदर्शन किया है, और ब्रॉडर मार्केट सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला एसेट क्‍लास साबित हुआ है. ब्रॉडर मार्केट का रुझान 2023 में भी जारी रहने की उम्मीद है और आने वाली तिमाहियों में मार्जिन में विस्तार देखने की संभावना है.

बेहतर लिक्विडिटी (10%) बनाए रखने की सलाह

भारतीय अर्थव्यवस्था ग्रोथ के एक अच्छे पोजिशन पर है और अस्थिर वैश्विक अर्थव्यवस्था के खिलाफ स्थिरता बनी हुई है. अधिकांश हाई-फ्रीक्‍वेंसी इंडीकेटर्स ऊपर की ओर रुझान दिखा रहे हैं. इसके अलावा, प्री-कोविड स्तरों से वापसी दिखाई दे रही है और भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को दर्शाती है. हालांकि, अधिक ठोस दिशा में समाप्त होने से पहले अस्थिरता कुछ समय तक जारी रहने की संभावना है. इसे ध्यान में रखते हुए, वर्तमान सेटअप 'गिरावट पर खरीदें' बाजार बना हुआ है. हम निवेशकों को बेहतर लिक्विडिटी (10%) बनाए रखने की सलाह देते हैं, ताकि 12-18 महीने के निवेश क्षितिज के साथ क्‍वालिटी वाली कंपनियों (जहां कमाई की विजिबिलिटी बहुत अधिक है) में स्थिति बनाने के लिए धीरे-धीरे इस तरह की गिरावट का उपयोग किया जा सके.

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अभी किस एसेट पर क्या है व्यू

Equity: ओवरवेट
Debt: न्यूट्रल
Gold: न्यूट्रल

अभी कहां और कितना करें निवेश

AssetRisk AverseConservativeBalanced GrowthAggressive
Equity0%20%50%70%90%
Gold70%70%35%15%5%
Debt30%10%15%15%5%
Total100%100%100%100%100%
source: axis securities)
Asset Allocation Debt Instruments Gold Equity Markets