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निवेशक मारुति सुजुकी, बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर में निवेश पर अगले वित्त वर्ष में ऑटो सेक्टर की ग्रोथ का फायदा उठा सकते हैं. (Image- Pixabay)
Auto Stock Tips: ऑटो इंडस्ट्री बॉडी सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने देश में गाड़ियों की बिक्री (कॉमर्शियल वाहनों को छोड़कर) सालाना आधार पर 19 फीसदी कम रही. जनवरी 2022 में सभी प्रकार की गाड़ियों की बिक्री कम हुई लेकिन चिप की किल्लत व गांवों से कमजोर मांग के चलते सबसे अधिक बिक्री यात्री गाड़ियों (पैसेजर व्हीकल्स) व दोपहिया गाड़ियों की कम हुई. इसके अलावा कोरोना की तीसरी लहर ने भी इसकी बिक्री पर नकारात्मक असर डाला. बाजार के जानकारों के मुताबिक अगले एक से दो महीने इसकी मांग सुस्त रहने के आसार हैं लेकिन अगले वित्त वर्ष 2023 में इसकी ग्रोथ बेहतर हो सकती है तो ऐसे में मार्केट एक्सपर्ट्स ने मारुति सुजुकी, बजाज ऑटो व टीवीएस मोटर पर दांव लगाया है.
पिछले महीने बिक्री का ये रहा हाल
- पैसेंजर व्हीकल सेग्मेंट: चिप की किल्लत के चलते पिछले महीने जनवरी 2022 में यात्री गाड़ियों की बिक्री सालाना आधार पर 8 फीसदी गिर गई, हालांकि तिमाही आधार पर इसमें 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. पिछले महीने 2,54,287 यात्री गाड़ियों की बिक्री हुई थी. चिप की किल्लत के चलते गाड़ियों का उत्पादन प्रभावित हुआ जिसके चलते बिक्री पर असर पड़ा.
- स्कूटर व मोटरसाइकिल सेग्मेंट: जनवरी 2022 में स्कूटर की बिक्री सालाना आधार पर 23 फीसदी गिर गई और मोटरसाइकिल की बिक्री 19 फीसदी कम रही. हालांकि मासिक आधार पर इनकी बिक्री में उछाल रही और पिछले महीने स्कूटर की 42 फीसदी और मोटरसाइकिल की 2 फीसदी बिक्री अधिक हुई. ओवरऑल बात करें तो दोपहिया गाड़ियों की बिक्री पिछले महीने 21 फीसदी कम रही. हालांकि मासिक आधार पर यह 12 फीसदी अधिक रहा. दोपहिया गाड़ियों की बिक्री अनिश्चित बारिश के बीच गांवों से कमजोर मांग के चलते प्रभावित हुई.
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- तिपहिया सेग्मेंट: घरेलू मार्केट में पिछले महीने तिपहिया गाड़ियों की बिक्री सालाना आधार पर 10 फीसदी और मासिक आधार पर 14 फीसदी कम रही. जनवरी में 24091 तिपहिया गाड़ियों की बिक्री हुई. तिपहिया यात्री गाड़ियों की बिक्री सालाना आधार पर 4 फीसदी अधिक (मासिक आधार पर 15 फीसदी कम) रही जबकि सामान ढोने वाले तिपहिया गाड़ियों की बिक्री सालाना आधार पर 35 फीसदी (मासिक आधार पर 11 फीसदी) कम हुई.
- कॉमर्शियल व्हीकल सेग्मेंट: सियाम ने मासिक वॉल्यूम डेटा की अनुपलब्धता के चलते हर महीने कॉमर्शियल गाड़ियों की बिक्री से जुड़े आंकड़े प्रकाशित करना बंद कर दिया है. इनके तिमाही आंकड़े प्रकाशित होते हैं.
- निर्यात: पिछले महीने गाड़ियों का निर्यात 2 फीसदी घटकर 4,54,953 यूनिट्स रहा. यात्री गाड़ियों की बिक्री सालाना आधार पर 10 फीसदी बढ़ा जबकि तिपहियां गाड़ियों की बिक्री 4 फीसदी गिर गई. मोटरसाइकिल का निर्यात सालाना आधार पर 5 फीसदी गिर गया. कंटेनर की दिक्कतें व जियोपॉलिटिकल इश्यूज के चलते इसका निर्यात प्रभावित हुआ लेकिन अब आने वाले महीनों में स्थिति सुधरने की उम्मीद दिख रही है. वित्त वर्ष 2022 में इसकी ग्रोथ दोहरे अंकों में रहने की उम्मीद दिख रही है.
वित्त वर्ष 2023 में बिक्री में तेजी के आसार
ब्रोकरेज फर्म रिलायंस सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स का मानना है कि मौजूदा सुस्ती के चलते गाड़ियों की मांग अगले एक से दो महीने तक प्रभावित रहेगा. हालांकि वैक्सीनेशन में तेजी और कवरेज बढ़ने से अगले वित्त वर्ष 2023 की शुरुआत से ही इसमें रिकवरी के आसार दिख रहे हैं. जनवरी-मार्च 2022 तिमाही में धीमी रिकवरी व कच्चे माल की अधिक लागत के चलते ऑटो कंपनियों का मुनाफा कम रह सकता है लेकिन गाड़ियों की बढ़ती कीमतें और बिक्री में तेजी के दम पर अगले वित्त वर्ष में ऑपरेटिंग मार्जिन सुधर सकती है. वहीं चिप की किल्लत और कंटेनर की उपलब्धता से जुड़ी चिंताएं अगले वित्त वर्ष में सुलझने की उम्मीद हैं. नई गाड़ियों की लॉन्चिंग और हेल्दी ऑर्डर बुक की मजबूत संभावना है. ऐसे में निवेशक मारुति सुजुकी, बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर में निवेश पर अगले वित्त वर्ष में ऑटो सेक्टर की ग्रोथ का फायदा उठा सकते हैं.
(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)