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Uttarakhand government is issuing a notice to Patanjali for launching a drug claiming to be a cure for coronavirus.
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बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) ने डिबेंचर जारी कर 250 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है. कंपनी अपनी कार्यशील पूंजी जरूरतों और आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क को मजबूत बनाने में इस राशि का इस्तेमाल करेगी. उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित इस कंपनी ने पहली बार डिबेंचर के जरिए पूंजी जुटाने का फैसला किया है. पतंजलि आयुर्वेद हाल के वर्षों में एफएमसीजी की प्रमुख कंपनी के तौर पर उभरी है.
कंपनी ने कहा है कि गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) की परिपक्वता अवधि तीन साल होगी और इस पर 10.10 फीसदी की दर से ब्याज देय होगा. ये डिबेंचर 28 मई 2023 को परिपक्व होंगे. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, डिबेंचर के लिए बोली 28 मई 2020 को शुरू होगी. डिबेंचर शेयर बाजार में सूचीबद्ध और रिडीमेबल होंगे.
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कोविड19 से सप्लाई चेन पर बढ़ा दबाव
पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता एस.के. तिजारावाला ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के इस दौर में शारीरिक रोग- निरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक आयुर्वेद उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है. इससे हमारी आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव बढ़ा है. मैन्युफैक्चरिंग से लेकर वितरण तक की पूरी आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव बढ़ा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने के लिए ही हम यह राशि जुटा रहे हैं, ताकि हम मैन्युफैक्चरिंग से लेकर वितरण तक की पूरी श्रृंखला को सरल और बेहतर बना सकें.’’
कंपनी के डिबेंचर को ब्रिकवर्क ने ‘एए’ रेटिंग दी है. पिछले साल दिसंबर में पतंजलि आयुर्वेद ने दिवालिया हो चुकी रुचि सोया का 4,350 करोड़ रुपये में अधिग्रहण पूरा किया. दिवालिया प्रक्रिया में पतंजलि ने इस कंपनी का अधिग्रहण किया.