/financial-express-hindi/media/media_files/7XEcInWlSPd0OUflI0fr.jpg)
Patanjali Foods : कंपनी ने कहा कि कार्रवाई पूरी होने तक अपेक्षित वित्तीय निहितार्थ तय नहीं किए जा सकते. (PTI)
Patanjali Foods : योग गुरू स्वामी रामदेव (Baba Ramdev) के पतंजलि ग्रुप (Patanjali Group) की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. अब जीएसटी इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट (डीजीजीआई) ने ग्रुप की कंपनी पतंजलि फूड्स (Patanjali Foods) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कारण बताओ नोटिस भेजकर कंपनी से यह बताने को कहा है कि उससे 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्यों नहीं वसूला जाना चाहिए. कंपनी द्वारा 26 अप्रैल को रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, योग गुरु रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि ग्रुप की कंपनी को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस, चंडीगढ़ जोनल यूनिट से नोटिस मिला है. इसके अलावा पतंजलि ग्रुप की दिव्य फार्मेसी की 14 दवाओं के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस भी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं.
कंपनी ने क्या कहा
कंपनी ने कहा कि एक कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है. कंपनी, उसके अधिकारियों और अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं को कारण बताने के लिए कहा गया है कि 27,46,14,343 रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट राशि (ब्याज सहित) क्यों नहीं वसूली जानी चाहिए, और क्यों जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए. डीजीजीआई ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा अधिनियम 2017 और उत्तराखंड राज्य वस्तु एवं सेवा अधिनियम 2017 की धारा 74 और अन्य लागू प्रावधानों का हवाला दिया है. वहीं, पतंजलि फूड्स ने कहा, प्राधिकरण ने अभी केवल कारण बताओ नोटिस जारी किया और कंपनी अपने बचाव के लिए जरूर कार्रवाई करेगी.
कंपनी ने कहा कि कार्यवाही पूरी होने तक अपेक्षित वित्तीय निहितार्थ तय नहीं किए जा सकते. पिछले हफ्ते पतंजलि फूड ने कहा था कि वह पतंजलि आयुर्वेद के नॉन-फूड बिजनेस के अधिग्रहण के प्रस्ताव का मूल्यांकन करेगी. पतंजलि फूड्स को पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था. यह एक प्रमुख एफएमसीजी कंपनी है. कंपनी एडिबल ऑयल, फूड और एफएमसीजी और पवन उर्जा उत्पादन क्षेत्रों में पतंजलि, रुचि गोल्ड, न्यूट्रेला जैसे ब्रांड के जरिए काम करती है. पतंजिल ने दिवालिया प्रक्रिया के जरिए रुचि सोया का अधिग्रहण किया था और बाद में कंपनी का नाम बदलकर पतंजलि फूड्स लिमिटेड कर दिया गया था.
पतंजलि की इन 14 दवाओं के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द
इतना ही नहीं, इस बीच पतंजलि ग्रुप की दिव्य फार्मेसी की 14 दवाओं के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं. उत्तराखंड औषधि विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण के एक आदेश में यह जानकारी दी गई. यह आदेश इस महीने की शुरुआत में औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के उल्लंघन में कंपनी के इन उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जारी किया गया है. आदेश के अनुसार, दिव्य फार्मेसी के जिन उत्पादों के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं, उनके नाम हैं : 'श्वासारि गोल्ड', 'श्वासारि वटी',
'ब्रोंकोम', 'श्वासारि प्रवाही', 'श्वासारि अवलेह', 'मुक्ता वती एक्स्ट्रा पावर', 'लिपिडोम', 'बीपी ग्रिट', 'मधुग्रिट', 'मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर', 'लिवामृत एडवांस', 'लिवोग्रिट', 'आईग्रिट गोल्ड' और 'पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप'.