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Bajaj Finance: बजाज फाइनेंस का मुनाफा मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 36 फीसदी गिरकर 965 करोड़ रुपये रहा है.
Bajaj Finance Q2: कोविड 19 के चलते कंज्यूमर सेंटीमेंट अभी नॉर्मल नहीं हो पाए हैं. जिसका असर लॉर्जकैप NBFC कंपनी बजाज फाइनेंस के तिमाही नतीजों पर पड़ा है. बजाज फाइनेंस का मुनाफा मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 36 फीसदी गिरकर 965 करोड़ रुपये रहा है. पिछले साल की समान तिमाही में बजाज फाइनेंस कसे 1506 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. सितंबर तिमाही में जहां नए लोन की संख्या घटी है, वहीं कंपनी की प्रोविजनिंग में भी इजाफा हुआ है, जिसका असर वित्तीय प्रदर्शन पर देखने को मिला है.
NII में 4% ग्रोथ
बजाज फाइनेंस का नेट इंटरेस्ट इनकम सालाना आधार पर 4 फीसदी बढ़कर 4,165 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले की समान तिमाही में 4000 करोड़ रुपये रहा था. हालांकि सितंबर तिमाही में प्रोविजनिंग सालाना आधार पर 594 करोड़ से बढ़कर 1,700 करोड़ रही है.
एसेट क्वालिटी बेहतर हुई
स दौरान ग्रॉस एनपीए तिमाही आधार पर 1.4 फीसदी से घटकर 1.03 फीसदी रहा है. एक साल पहले की समान तिमाही में यह 1.61 फीसदी था. वहीं, नेट एनपीए तिमाही आधार पर 0.5 फीसदी से घटकर 0.37 फीसदी रह गया है. एक साल पहले की समान तिमाही में यह 0.65 फीसदी था.
नए लोन की संख्या घटी
बजाज फाइनेंस के सितंबर तिमाही के आंकड़ों पर कोरोना वायरस महामारी का साफ असर देखने को मिला है. सितंबर तिमाही में बजाज फाइनेंस ने 36 लाख नए लोन दिए हैं. लेकिन एक साल पहले की समान तिमाही की 64.7 लाख की तुलना में यह आधे के करीब है. लोन डिस्बर्समेंट और नए कस्टमर्स के टर्म में बिजनेस वॉल्यूम सालाना आधार पर 50–60 फीसदी के ही लेवल पर है. लोन डिस्बर्स सालाना आधार पर 45 फीसदी कम हुआ है. अप्रैल से जून तिमाही के दौरान बजाज फाइनेंस की न्यू लोनबुक 17 लाख ही रही थी.
AUM फ्लैट
वहीं बजाज फाइनेंस का एसेट अंडर मैनेजमेंट इस तिमाही में 1.15 फीसदी ही बढ़ा है और 137,090 करोड़ हो गया है. एक साल पहले की समान तिमाही में यह 135,533 करोड़ था. कंज्यूमर B2C और SME लेंडिंग सुस्त है. हालांकि बैलेंस शीट पर लिक्विडिटी में तिमाही आधार पर 9 फीसदी ग्रोथ रही है, वहीं डिपॉजिट बुक तिमाही आधार पर 5 फीसदी बढ़कर 21600 करोड़ रहा है. जून तिमाही में बजाज फाइनेंस की एयूएम ग्रोथ सिर्फ 7 फीसदी रही थी, जो 10 साल की सबसे सुस्त ग्रोथ थी.