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बजट के बाद SBI, HDFC बैंक, ICICI बैंक समेत बैकिंग शेयरों को लगे पंख, 5 प्वॉइंट में समझें वजह

Banking Stock Rose After Budget: बजट के बाद बैंकिंग शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली है.

Banking Stock Rose After Budget: बजट के बाद बैंकिंग शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली है.

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Sushil Tripathi
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Banking Stock Rose After Budget

Banking Stock Rose After Budget: बजट के बाद बैंकिंग शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली है.

Banking Stock Rose After Budget: बजट के बाद बैंकिंग शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली है. बजट डे के बाद 2 फरवरी को भी बैंकिंग सेक्टर में जोरदार खरीददारी है. निफ्टी पर बैंक इंडेक्स 3.63 फीसदी या 1200 अंकों की बढ़त दिखा रहा है. वहीं पीएसयू बैंक इंडेक्स तो 4 फीसदी से भी ज्यादा मजबूत हुआ है. SBI, HDFC बैंक, ICICI बैंक समेत इंडेक्स में शामिल सभी शेयरों में तेजी है. एक्सपर्ट भी बजट के बाद बैंकिंग शेयरों को लेकर पॉजिटिव है और उनका मानना है कि बजट से इस सेक्टर को बड़ा बूस्ट मिलेगा. आखिर बजट में बैंकिंग सेक्टर को क्या मिला है, जिसके बाद शेयरों में ऐसी तेजी देखने को मिल रहा है.

बैंक शेयरों में कितनी तेजी

SBI: 7.10

HDFC बैंक: 5.97

फेडरल बैंक: 4.53

बंधन बैंक: 4.32

कोटक बैंक: 3.37

RBL बैंक: 2.51

IDFC फर्स्ट बैंक: 2.25

ICICI बैंक: 2.13

बैंक आफ बड़ौदा: 1.89

PNB: 1.68

इंडसइंड बैंक: 1.15

एक्सिस बैंक: 0.56

(नोट: बैंक शेयरों में तेजी 2 फरवरी को दोपहर 2:25 बजे तक की दिखाई गई है.)

इन वजहों से आई तेजी

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रीकैपिटलाइजेशन: वित्त मंत्री ने बजट में एलान किया कि पब्लिक सेक्टर बैंकों में वित्त वर्ष 2021-22 में 20 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी. यह सरकारी बैंकों को बूस्ट देने वाला साबित हो सकता है. पिछले 5 साल से बेंकों में रीकैपिटलाइजेशन किया जा रहा है. इससे बैंकों को लोन देने में आसानी होगी, जिससे ग्रोथ देखने को मिल सकता है.

NPA की चिंता: वित्त मंत्री ने कहा कि एनपीए को लेकर एसेट मैनेजमेंट कंपनी का गठन होगा. उन्होंने कहा कि ऐसे उपाय करने की जरूरत हैं, जिनसे बैंक के बही खाते सही हो सके.

बैंकों में जमा पूंजी सेफ: बैंक खाताधारकों की इंश्योरेंस की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है. यानी अगर किसी केस में बैंक डिफॉल्ट भी कर जाए तो निवेयाकों के 5 लाख रुपये पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे. पहले यह लिमिट 1 लाख रुपये थी. इस कदम से बैंकों में डिपॉजिट बढ़ने की उम्मीद है.

निजीकरण पर जोर: वित्त मंत्री ने एलान किया है कि IDBI बैंक के अलावा 2 सरकारी बैंकों का जल्द प्राइवेटाइजेशन किया जाएगा. सरकार ​प्राइवेटाइजेशन के जरिए बैंकिंग सेक्टर में सुधार करना चाहती है. बैंकिंग रिफॉर्म सरकार के एजेंडे में टॉप पर है.

बैड बैंक: बजट में वित्त मंत्री ने बैंड बैंक बनाए जाने का भी एलान किया है. इस बैड बैंक के जरिए बैड लोन से जूझ रह बैंकों की मदद की जाएगी. बैड बैंक की मदद से डूब चुके लोन को निपटाने में भी मदद मिलेगी. बैंक अपन डूबे हुए कर्जों को बैड बैंक को ट्रांसफर कर सकेंगे, जहां बैंक के जानकार इस फंसे हुए लोग को निपटाने की कोशिश करेंगे.

एक्सपर्ट की राय

रेलिगेयर ब्रोकिंग के चीफ आपरेटिंग आफिसर गुरप्रीत सिदाना का कहना है कि स्ट्रेस्ड एसेट्स को मैनेज करने के लिए एसेट मोनेटाइजेशन, एसेट रीकंस्ट्रक्शन सेटअप की बात कही गई है. यह बैंकिंग सेक्टर को बूस्ट देने वाला कदम है. इडेलवाइस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड, इंस्टीट्यूशन इक्विटीज, आदित्य नारायण का कहना है कि बजट में बैकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर की समस्याओं को दूर करने के संकेत मिले हैं. इस बजट से बैंकिंग के अलावा NBFC सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी.

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