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कोरोना संकट के बीच जून तिमाही के लिए अर्निंग सीजन के दौरान प्रमुख 3 आईटी कंपनियों के आपने नतीजे जारी कर दिए हैं.
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कोरोना संकट के बीच जून तिमाही के लिए अर्निंग सीजन के दौरान प्रमुख 3 आईटी कंपनियों के आपने नतीजे जारी कर दिए हैं. इनमें टाटा कंसल्टेंसी (TCS), इंफोसिस और विप्रो शामिल हैं. अबतक आईटी कंपनियों के नतीजे मिले जुले रहे हैं, जिसके बाद से आईटी शेयरों में तेजी बनी हुई है. इन तीनों कंपनियों की बात करें तो टीसीएस के नतीजे कुछ कमजोर रहे हैं. लेकिन विप्रो और इंफोसिस के नतीजों ने बाजार को चौंकाया है. फिलहाल नतीजों के बाद ब्रोकरेज हाउस और एक्सपर्ट भी इन कंपनियों के शेयर को लेकर अपनी राय बना रहे हैं. अगर आप भी इनमें निवेश का मन बना रहे हैं तो जानिए किसमें दांव लगाना बेस्ट डील हो सकती है.
TCS पर एक्सपर्ट की राय
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के प्रदर्शन पर लॉकडाउन का असर दिखा है. तकरीबन हर वर्टिकल में दिखा दबाव दिखा है. जून तिमाही में TCS का PBT 9,504 रहा है जो तिमाही आधार पर 9.6 फीसदी और सालाना आधार पर 10.65 फीसदी कमजोर है.नेट प्रॉफिट में सालाना आधार पर 13.81 फीसदी गिरावट आई. जबकि ज्यादातर एक्सपर्ट ने मुनाफे में 6 फीसदी के आस पास गिरावट का अनुमान दिया था. लाइफ साइंस और हेल्थ केयर को छोड़कर कंपनी के सभी पर्टिकल में कमजोरी देखने को मिली है. हालांकि इस दौरान कंपनी को कुछ बड़ी डील हासिल करने में सफलता मिली है. कई डील पाइपलाइन में हैं, जो पॉजिटिव संकेत हैं. मैनेजमेंट का मानना है कि टीसीएस दिसंबर तिमाही से ग्रोथ की पटरी पर लौट आएगा. जबकि BFSI (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस) में इसी तिमाही से रिकवरी दिखेगी.
इंफोसिस पर राय
इंफोसिस ने अपने नतीजों से बाजार के दिग्गजों को चौंकाया है. इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 12.4 फीसदी उछलकर 4,272 करोड़ रुपये रहा. यह बाजार की उम्मीदों से बेहतर है. एक्सपर्ट का कहना है कि इंफोसिस का कास्ट कंट्रोल बेहतर रहा. सप्लाई साइड की चुनौतियों को कंपनी ने बेहतर तरीके से हैंडल किया है. वहीं मजबूत डील भी कंपनी की ग्रोथ का कारण बनी.
कंपनी का रेवेन्यू 8.5 फीसदी बढ़कर 23,665 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी ने उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 2021 में कांस्टेंट करंसी टर्म में उसका रेवेन्यू 2 फीसदी तक बढ़ सकता है. रिटेल को छोड़कर ज्यादातर वर्टिकल में ग्रोथ देखने को मिली है. वहीं इंफोसिस ने इस दौरान 170 करोड़ डॉलर की डील हासिल की है और यह आगे की ग्रोथ में बड़ी भूमिका निभाएगा.
विप्रो पर राय
विप्रो के नतीजों ने भी बाजार को खुश किया है. विप्रो ने जून तिमाही में 2390 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है. कंपनी के आईटी सर्विस का रेवेन्यू भी इस दौरान बढ़ा है. प्रति शेयर कमाई सालाना आधार पर 5.7 फीसदी बढ़ी है. कॉस्ट कंट्रोल और कलेक्शन की एबिलिटी से कंपनी अपना EBIT मार्जिन बढ़ाने में कामयाब रही है. जून तिमाही में विप्रो का EBIT 3.3 फीसदी बढ़कर 2,782.2 करोड़ रुपये रहा. जबकि EBIT मार्जिन तिमाही आधार पर 146 बीपीएस बढ़कर 19.06 फीसदी रहा है. मैनेजिंग मार्जिन स्टेबिलिटी आउटलुक और हेल्दी कैश कंवर्जन बेहद प्रभावी दिख रहे हैं. विप्रो के लिए डील फ्लो पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में और बेहतर दिख रहा है. ऐसे में आगे स्थिर रेवेन्यू की उम्मीद है.
किस ब्रोकरेज ने क्या दी सलाह
विप्रो: मोतीलाल ओसवाल ने विप्रो के लिए न्यूट्रल रेटिंग दी है. ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधर ने इसे सेल से अपग्रेड करते हुए बॉय रेटिंग दी है. CLSA ने विप्रो को अंडरपरफॉर्म रेटिंग दी है. जबकि केडिट सूईस ने रेटिंग अपग्रेड करते हुए बॉय कर दी है.
TCS: ब्रोकरेज हाउस CLSA ने आउटपरफॉर्म रेटिंग देते हुए 2240 रुपये का लक्ष्य दिया है. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने शेयर के लिए न्यूट्रल रेटिंग देते हुए 2300 रुपये का लक्ष्य रखा है. ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल ने शेयर में बेचने की सलाह दी है. वहीं ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधर ने शेयर में होल्ड की सलाह दी है.
इंफोसिस: ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधर ने शेयर में खरीद की सलाह दी है. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने शेयर में खरीद की सलाह दी है. ब्रोकरेज हाउस CLSA ने इंफोसिस में खरीद की सलाह दी है. Citi ने भी इंफोसिस में खरीद की सलाह दी है.
(नोट: हमने यहो जानकारी कंपनी के तिमाही नतीजों और ब्रोकरेज हाउस की रिपोर्ट के आधार पर दी है. बाजार के जोखिम को देखते हुए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)