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कुछ एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इस साल बड़ी गिरावट के बाद बाजार का वैल्युएशन फेयर हुआ है.
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Mutual Fund Investment: 12 फरवरी को शेयर बाजार के दोनों प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट रही और 10 फीसदी से ज्यादा टूटने के बाद लोअर सर्किट लगाना पड़ा. इतनी बड़ी गिरावट के दौरान एक झटके में निवेशकों के 10 लाख करोड़ से ज्यादा डूब गए. हालांकि बाद में बाजार कुछ रिकवर हो गया. इस साल अबतक की बात करें तो सेंसेक्स में 17.33 फीसदी या 7150 अंक और निफ्टी में 18 फीसदी या 2213 अंकों की गिरावट रही है. म्यूचुअल फंड निवेशक भी इक्विटी फंडों में निवेश को लेकर डरे हुए हैं. हालांकि एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इस साल बड़ी गिरावट के बाद बाजार का वैल्युएशन फेयर हुआ है. ये गिरावट बाजार में उतरने का सही समय लाया है. ऐसे में कनफ्यूजन यह है कि म्यूचुअल फंड निवेशक एकमुश्त निवेश करें या मौजूदा समय में एसआईपी करें.
अगर म्यूचुअल फंड निवेशक के रूप में आप बाजार में इंटर कर रहे हैं, तो या तो एकमुश्त राशि निवेश कर सकते हैं या आप सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए बाजार में पैसा लगा सकते हैं. एसआईपी आपको एक ही बार में पैसे लगाने की बजाए हर महीने बाजार में एक निश्चित राशि निवेश करने का मौका देता है. बहुत से निवेशकों के पास मंथली कैश फ्लो होता है, मसलन वेतन से होने वाली आय. इस वजह से उनके लिए एसआईपी एक सुविधाजनक टूल है.
समझदारी से बाजार में उतरने का मौका
सैमको सिक्युरिटीज एंड स्टॉकनोट के फाउंडर & CEO जिमित मोदी का कहना है कि अभी जो मार्केट में इतनी बड़ी गिरावट है, इसके पीछे कोरोना वायरस के चलते ग्लोबल सेलआफ है. वहीं, क्रूड पर प्राइस वार ने भी सेंटीमेंट खराब किया है. क्रूड में गिरावट से भारत जैसे तेल आयातक देशों को निश्चित रूप से फायदा होगा. वहीं, आगे सरकार और रेगुलेटर्स द्वारा सेंटीमेंट बेहतर करने के लिए कुड न कुछ कदम उठाए जाने की उम्मीद है. कोरोना की स्थिति भी आगे कंट्रोल होगी. जिसके बाद बाजार में स्थिरता आएगी और फिर तेजी शुरू होगी. ऐसे में यह मौका समझदारी से निवेश करने का है.
SIP बेहतर विकल्प
BPN फिनकैप कंसल्टेंट एंड प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ और डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि शेयर बाजार में गिरावट म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए SIP करने का बेहतर मौका है. पिछले दिनों जिन्होंने बाजार की तेजी में हॉयर बॉइंग की है, वे नए निवेश के जरिए अपने निवेश की एवरेजिंग कर सकते हैं. वहीं, इससे उन्हें यूनिट बढ़ाने का भी मौका मिलेगा. उनका कहना है कि अगर एग्रेसिव इन्वेटर हैं तो अपने अलोकेशन का 50 फीसदी बेहतर फंड में एकमुश्त निवेश भी कर सकते हैं. लेकिन सुरक्षित निवेश चाहने वालों को कम से कम 80 फीसदी निवेश एसआईपी के जरिए करनी चाहिए.
उनका कहना है कि मार्केट में गिरावट देखकर SIP निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है. मार्केट का वैल्युएशन अब फेयर दिख रहा है. म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए SIP रोकने की बजाए टॉप-अप कराना चाहिए. आगे शेयर बाजार में तेजी आने पर ज्यादा यूनिट का भी फायदा मिलेगा. अभी निवेश से बाहर आने पर नुकसान के अलावा कुछ नहीं मिलेगा.
(Disclaimer: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने स्तर पर पड़ताल कर लें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श कर लें. फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं देता है.)