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Gold Bond: 31 अगस्त से सरकार इस वित्त वर्ष के लिए सरकार गोल्ड बॉन्ड की छठीं सीरीज लेकर आ रही है.
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Gold Sovereign Bond (SGBs): सोने में निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. सोना अपने रिकॉर्ड हाई से करीब 5000 रुपये सस्ता हो चुका है. अगस्त में ही सोने ने एमसीएक्स पर 56200 का आल टाइम हाई बनाया था. वहीं, अब यह 51000 के करीब आ गया है. वहीं, ऐसे समय में जब सोना 5000 रुपये डिस्काउंट पर आ गया है, 31 अगस्त से सरकार इस वित्त वर्ष के लिए सरकार गोल्ड बॉन्ड की छठीं सीरीज लेकर आ रही है. एक्सपर्ट भी अभी गोल्ड बांड में पैसा लगाने का बेहतरीन समय मान रहे हैं. उनका कहना है कि गोल्ड बांड में 2.5 फीसदी का सालाना ब्याज इसके उतार चढ़ाव के रिस्क को कम करते हुए इसे आकर्षक बना देता है.
बाजार भाव से सस्ता सोना
मौजूदा वित्त वर्ष में गोल्ड बॉन्ड की छठीं सीरीज के लिए अभी भाव तय नहीं हुआ है, लेकिन यह बाजार के औसत मूल्य से कम ही होता है. वहीं आनलाइन खरीदने पर हर 10 ग्राम पर 500 रुपये की अतिरिक्त छूट भी मिल जाती है. ऐसे में सोने में गिरावट का पूरा फायदा गोल्ड बॉन्ड के जरिए निवेश कर उठाया जा सकता है.
क्यों निवेश के लिए बेहतरीन समय
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि मौजूदा समय की बात करें तो बहुत ही अच्छे समय पर गोल्ड बॉन्ड की यह सीरीज खुलने जा रही है. मार्केट में सोनेा अपने हाई से अच्छा खासा डिस्कांड हो चुका है. मौजूदा भाव बैलेंस दिख रहा है. ऐसे में निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में 8-10% गोल्ड जरूर रखना चाहिए. इसकी सबसे अच्छी क्वालिटी है कि यह इसमें सालाना 2.5 फीसदी की दर से ब्याज भी मिलता है. वहीं यह केंद्र सरकार द्वारा समर्थित है. उनका कहना है कि अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता, डॉलर की कमजोरी और जियो पॉलिटिकल टेंशन जैसे फैक्टर मौजूद हैं, जिससे सोने में तेजी अभी जारी रहने वाली है.
4 सितंबर तक निवेश का मौका
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 31 अगस्त से निवेश के लिए खुल जाएगा. 4 सितंबर तक इसमें निवेश किया जा सकता है. बॉन्ड 8 सितंबर को इश्यू कर दिया जाएगा. इस स्कीम के तहत सबसे छोटा बॉन्ड 1 ग्राम के सोने के बराबर होगा. कोई भी व्यक्ति एक वित्त वर्ष में अधिकतम 500 ग्राम सोने का बाॉन्ड खरीद सकता है. कुल मिलाकर व्यक्तिगत तौर पर बॉन्ड खरीदने की सीमा 4 किलो वहीं ट्रस्ट या संगठन के लिए 20 किलोग्राम रखी गई है.
लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करंसी), अनुज गुप्ता का कहना है कि गोल्ड की रिटर्न हिस्ट्री देखें तो इसने लंबी अवधि में निवेशकों को बेहतर और स्थिर रिटर्न दिया है. लंबी अवधि में सोने के भाव भी बढ़ेंगे, ऐसे में गोल्ड बॉन्ड का रिटर्न बेहतर होगा. वहीं, इसमें 2.5 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज का अतिरिक्त फायदा होगा. वहीं, ये बॉन्ड मैच्योरिटी पर टैक्स फ्री हैं.
गोल्ड बॉन्ड की 10 यूनिक क्वालिटी
- इसकी सबसे यूनिक क्वालिटी है कि इसमें सोने की कीमतों में इजाफे के अलावा भी आपको 2.5 फीसदी की दर से अतिरिक्त ब्याज भी मिलता है.
- मेच्योरिटी पर यह टैक्स फ्री होता है.
- एक्सपेंस रेश्यो कुछ भी नहीं है.
- भारत सरकार द्वारा समर्थित होने से डिफॉल्ट का खतरा नहीं होता है.
- फिजिकल गोल्ड की बजाए मैनेज करना आसान और सेफ होता है.
- इसमें एग्जिट के आसान विकल्प हैं.
- गोल्ड बांड के अगेंस्ट लोन की सुविधा मिलती है.
- यह HNIs के लिए भी बेहतर विकल्प है, जहां इसमें मेच्योरिटी तक होल्ड करने में कैपिटल गेंस टैक्स नहीं देना होता है. इक्विटी पर 10 फीसदी कैपिटल गेंस टैक्स लगता है.
- इसमें प्योरिटी का कोई झंझट नहीं होता और कीमतें सबसे शुद्ध सोने के आधार पर तय होती हैं.
- पिछले 10 साल या 15 साल की बात करें तो सोने ने लगातार अच्छा रिटर्न दिया है.