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अगले 3 से 5 सालों तक मिडकैप में मिलेगा जोरदार रिटर्न! सही शेयरों की पहचान करने का है समय

Time to Invest in Mid-Cap: मिड कैप कंपनियां इमर्जिंग बिजनेस हैं, जो अपने हाई ग्रोथ के चरण में हैं.

Time to Invest in Mid-Cap: मिड कैप कंपनियां इमर्जिंग बिजनेस हैं, जो अपने हाई ग्रोथ के चरण में हैं.

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Time to Invest in Mid-Cap

Time to Invest in Mid-Cap: मिड कैप कंपनियां इमर्जिंग बिजनेस हैं, जो अपने हाई ग्रोथ के चरण में हैं.

Time to Invest in Mid-Cap: मिड कैप कंपनियां इमर्जिंग बिजनेस हैं, जो अपने हाई ग्रोथ के चरण में हैं. वे लार्ज कैप और स्मॉल कैप के बीच का एक स्पॉट है, जिनमें लार्ज कैप से बेहतर ग्रोथ होती है और स्माल कैप की तुलना में कम रिस्क होता है. अपने लाइफ साइकिल के इस फेज में मिडकैप बिजनेस सबसे अच्छी ग्रोथ देने के साथ और हाई रिटर्न देते हैं. ऐसे समय में अब अच्छी मिडकैप कंपनियों की पहचान कर सकते हैं, जिससे उनकी सक्सेस स्टोरी के साथ उनकी ग्रोथ का फायदा लिया जा सकता है. असल में मिडकैप मिडकैप लंबी अवधि में अच्छे वेल्थ क्रिएटर्स रहे हैं.

मिडकैप पर इन बातों का रहा असर

पिछले 4 सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था, कई स्ट्रक्चरल रिफॉर्म से होकर गुजरी है. मसलन नोटबंदी, इन्सॉल्वेंसी कोड, GST, RERA और कॉरपोरेट टैक्स में कटौती. इनसे कई व्यवसायों के संचालन के तरीके पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है. पिछले 10 साल में कई सेक्टर और उद्योग स्लोडाउन यानी मंदी से गुजरे हैं. ये बदलाव मिडकैप कंपनियों को पहले से ज्यादा स्टेबलाइज कैप कंपनियों से ज्यादा प्रभावित करते हैं. नए वातावरण में एडजस्ट होने के बाद अब मिडकैप कंपनियां रिकवरी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

अंडरपरफॉर्मेंस के फेज से बाहर

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मिडकैप आउटपरफॉर्मेंस और अंडरपरफॉर्मेंस बनाम लार्ज कैप बेंचमार्क इंडेक्स के फेज से गुजरते हैं. आमतौर पर, अंडरपरफॉर्मेंस की अवधि बड़े आउटपरफॉर्मेंस की अवधि के बाद होती है. मिडकैप अभी तीन साल के अंडरपरफॉर्मेंस फेज से बाहर आ रहे हैं और हम उनसे अगले 3 से 5 साल की अवधि में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं.

मिडकैप में वैल्युएशन आकर्षक

बाजारों का ध्रुवीकरण जहां हमने कुछ शेयरों और क्षेत्रों को बड़े पॉजिटिव रिटर्न देते हुए देखा है, वहीं खासतौर से मिडकैप सेग्मेंट से बड़ी संख्या में स्टॉक और कुछ सेक्टर अंडरपरफॉर्मर रहे हैं. कुछ चुनिंदा मिडकैप ने 2018 के मिड से 2020 चरण के दौरान भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन ज्यादातर मिडकैप निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स को कमजोर कर गए. हालांकि अब वे आकर्षक वैल्युएशन पर ट्रेड कर रहे हैं. यह समय ऐसी अच्छी कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाने का सही अवसर है.

किन कंपनियों पर रखें नजर

मिडकैप में, हमारा ध्यान उभरते हुए हाई ग्रोथ पोटेंशियल वाले सेक्टर की मजबूत कंपनियों पर है. मसलन जो कंपनियां अपने क्षेत्र में बाजार हिस्सेदारी बढ़ा रही हैं. सरकार के आत्मनिर्भर भारत योजना, आर्गनाइज्ड सेक्टर पर फोकस का भी फायदा मिडकैप को मिलेगा. अन्रिंग ग्रोथ बेहतर है, बजट में कई बड़े ऐलान हुए हैं, जिनका फायदा इस सेग्मेंट को मिलेगा.

मिडकैप के पक्ष में कई मजबूत फैक्टर

अगले 3 से 5 सालों में ऐसे कई फैक्टर बाजार में दिख रहे हैं, जिससे मिडकैप सेग्मेंट में ज्यादा टिकाऊ रैली देखने को मिल सकती है. लॉर्जकैप के मुकाबले मिडकैप शेयर अपने तीन साल के अंडरपरफॉर्मेंस के फेज से अब बाहर निकल रहे हैं. कई मिडकैप शेयरों की वैल्यूएशन खासकर ज्यादा साइक्लिकल सेक्टर्स से उनके लॉन्ग टर्म एवरेज से कम है. भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी के साथ आय में बढ़ोत्तरी की संभावनाएं बेहतर हो रही हैं. इसल्युएशन के साथ ही बेहतर अर्निंग ग्रोथ आउटलुक का भी फायदा मिल रहा है. मिडकैप में निवेश मिड से लांग टर्म अवधि के लिए शानदार रिटर्न दे सकता है. अगले 5 सालों में रिस्क एडजस्टेड रिटर्न शानदार हो सकता है. ऐसे में निवेशकों के लिए मिडकैप के जरिए दौलत बढ़ाने का सही समय है.

(लेखक: George Heber Joseph, CEO/CIO, ITI Mutual Fund)

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