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Representative Image: PTI
Bharat Bandh: तीन नए कृषि कानूनों का लगातार विरोध कर रहे किसान संगठनों ने मंगलवार 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. 5 दिसंबर को भी सरकार के साथ किसान नेताओं की बातचीत बेनतीजा रही थी और अब अगली बातचीत 9 दिसंबर को होगी. लेकिन इससे पहले ही किसान संगठन भारत बंद का आह्वान कर चुके हैं. लेकिन ट्रेडर्स और ट्रान्सपोर्टर्स ने इस बंद में शामिल न होने की बात कही है.
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एवं ट्रांसपोर्ट सेक्टर के दिग्गज संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (ऐटवा) ने कहा है कि देश का व्यापार और ट्रांसपोर्ट कल 8 दिसंबर को हो रहे भारत बंद में शामिल नहीं है. मंगलावार को दिल्ली सहित दश भर के बाजार पूरी तरह से खुले रहेंगे और सामान्य रूप से कारोबारी गतिविधियां चालू रहेंगी. ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी यथावत काम करता रहेगा और माल की आवाजाही भी पूरी तरह चालू रहेगी. 8 दिसंबर के बंद में टैक्सी और आॅटो सेवा भी चालू रहेगी.
कैट और ऐटवा की ओर से कहा गया है कि पता चला है कि विभिन्न राज्यों में बंद का समर्थन करने के लिए कैट और ऐटवा दोनों के नाम से सोशल मीडिया एवं मैसेज के जरिये बंद के समर्थन का प्रचार किया जा रहा है, जो पूरी तरह भ्रामक एवं शरारत पूर्ण काम है. हम अपने किसान भाइयों के साथ सहानुभूति रखते हैं और चाहते हैं कि वर्तमान में चल रहे विवाद का जल्द से जल्द अंत हो. लेकिन साथ ही साथ कोविड महामारी के मौजूदा संकट काल में जैसे तैसे कुछ व्यापार लाइन पर आया है ऐसे में किसी भी बंद को आयोजित करने का कोई अवसर नहीं है. संगठनों ने किसान नेताओं को सलाह देते हुए कहा कि कुछ असामाजिक तत्व उनके आंदोलन की पवित्रता को अपने निहित स्वार्थों के कारण भंग कर सकते हैं और किसान एवं सरकार के बीच खाई बना सकते हैं. इस पर न केवल किसानों को बल्कि सरकार को भी ध्यान रखना होगा.
किसान संगठनों ने नहीं किया संपर्क
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया, राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और ऐटवा के राष्ट्रीय चैयरमैन प्रदीप सिंघल, प्रेसिडेंट महेंद्र आर्य ने सोमवार को दिल्ली में जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि भारत बंद को लेकर किसी भी किसान संगठन या किसान आंदोलन के नेताओं ने कैट अथवा ऐटवा से अपने आंदोलन को लेकर या भारत बंद के लिए कोई संपर्क नहीं किया है और न ही कोई समर्थन मांगा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली एवं देश भर के व्यापारी एवं ट्रांसपोर्टर्स कल भारत बंद में शामिल नहीं हैं.
कैट और ऐटवा दोनों के पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसे वक्त में जब किसान नेताओं की सरकार के साथ बातचीत का दौर चल रहा है, किसी भी बंद का कोई औचित्य नहीं है. देश के व्यापारियों एवं ट्रांसपोर्टरों की सहानुभूति किसानों के साथ है क्योंकि वे व्यापारियों एवं ट्रांसपोर्टरों की तरह ही देश की अर्थव्यवस्था का बेहद महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग हैं. लेकिन हमें भरोसा है कि सरकार और किसान नेताओं के बीच चल रही बातचीत के नतीजे अवश्य निकलेंगे.
कोरोना काल में सप्लाई रोकना बेमानी
ऐटवा के राष्ट्रीय चेयरमैन प्रदीप सिंघल ने सरकार से अनुरोध किया है कि किसानों के मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान किया जाए. ट्रांसपोर्टर्स की पूरी सहानुभूति किसानों के साथ है. लेकिन मौजूदा कोरोना काल में माल की सप्लाई रोकने का कोई औचित्य नहीं है. इसलिए ट्रांसपोर्टर्स का मोरल सपोर्ट किसानों के साथ है लेकिन वे बंद में शामिल नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी किसान संगठन ने हमसे यह मांग नहीं की है कि ट्रांसपोर्ट को रोका जाए या चीजों की सप्लाई को रोका जाए.
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किसानों को फायदे की खेती मुहैया कराने का आ गया वक्त
दोनों संगठनों के नेताओं ने कहा कि देश में किसान घाटे की खेती कर रहा है. लिहाजा अब समय आ गया है, जब हमें किसान को फायदे की खेती उपलब्ध कराने के सभी विकल्प न केवल उपलब्ध कराने चाहिए बल्कि उन पर एक समयबद्ध सीमा में अमल भी होना चाहिए. देश के किसानों को यह भरोसा होना जरूरी है की उनका वाजिब मुनाफा उन्हें अवश्य मिलेगा और यह वातावरण बनाना होगा, जिससे किसान अपने खेत में स्वतंत्र रूप से खेती कर अच्छी फसल उगा सकें. इस क्रम में देश के व्यापारी किसानों का पूरा सहयोग करेंगे और यदि व्यापारियों की तरफ से कोई कमी होगी तो उसको दूर करेंगे. वहीं ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी किसानों को बेहतर ट्रांसपोर्ट व्यवस्था उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
कैट जल्द करेगा संशोधन की मांग
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की फार्म बिलों में मंडी में कारोबार करने वाले आढ़तियों को बिचौलिया कहा गया है, जिनको समाप्त किया जाएगा. इस पर कैट को एतराज है क्योंकि आढती वे सेवा प्रदाता हैं जो किसानों का माल मंडी में सही दामों पर बिकवा कर न केवल उनकी सहायता करते हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर किसानों को एडवांस राशि अथवा वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं. वे नए कानूनों के अनुसार किस तरह व्यापार कर पाएंगे, इसके बारे में सरकार को अवश्य सोचना होगा. कैट तीनों फार्म बिलों का गहराई से अध्ययन कर रहा है और जल्द ही एक विस्तृत ज्ञापन सरकार को देकर संशोधन करने की मांग की जायेगी.
मुंबई में चालू रहेंगी टैक्सी, बेस्ट की बसें
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुंबई में टैक्सी यूनियन भारत बंद में हिस्सा नहीं ले रही हैं. कैब व ऑटो सामान्य दिनों की तरह चलेंगे. बेस्ट की बसें भी चालू रहेंगी. बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट के पीआरओ का कहना है कि बसों में कल प्रोटेक्टिव आयरन ग्रिल्स और अन्य प्रोटेक्टिव गियर्स का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके उलट ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में 8 दिसंबर को चक्का जाम करने का फैसला किया है. परिवहन संघ, ट्रक यूनियन, टेंपो यूनियन सभी ने बंद को सफल बनाने का फैसला किया है. यह बंद पूरे भारत में होगा. यह बात पंजाब ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रधान चरणजीत सिंह लोहारा ने कही है.