/financial-express-hindi/media/post_banners/Myg8Lenb1aE3VmnzWmTR.jpg)
पिछले कुछ सालों की बात करें तो टेलिकॉम इंडस्ट्री में डाटा वार का ऐसा दौर चला कि कई कंपनियों को कारोबार समेटना पड़ा.
/financial-express-hindi/media/post_attachments/84LjKjJtshVSNIHU9ZTo.jpg)
Airtel Sensex 30 Top Gainer in Last 1 Year: पिछले कुछ सालों की बात करें तो टेलिकॉम इंडस्ट्री में डाटा वार का ऐसा दौर चला कि कई कंपनियों को कारोबार समेटना पड़ा. मौजूदा दौर में निजी क्षेत्र में सिर्फ 3 कंपनियां जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ही रह गई हैं. हालांकि भारी कर्ज और एजीआर देनदारी के चलते सेक्टर पर दबाव बना हुआ है. एक्सपर्ट भी मान रहे हैं कि अगर वोडाफोन आइडिया सर्वाइव कर भी गई तो टेलिकॉम सेक्टर में 3 कंपनियां ही रहेंगी और इन्हीं के बीच रिसोर्सेज को लेकर प्रतियोगिता रहेगी. फिलहाल टेलिकॉम सेक्टर में घट रही प्रतियोगिता के बीच एयरटेल विनर बनकर सामने आने लगा है.
1 साल में 92% चढ़ा शेयर
सेंसेक्स 30 की बात करें तो इस साल अबतक टेलिकॉम कंपनी एयरटेल के शेयरों में सबसे ज्यादा करीब 89 अंकों यानी 19.51 फीसदी तेजी रही है. वहीं, पिछले एक साल की बात करें तो एयरटेल लॉर्जकैप शेयरों के मामले में बाजार का बादशाह साबित हुआ है. 1 साल के दौरान शेयर में करीब 92 फीसदी या 261 अंकों की तेजी आई है, जो लॉर्जकैप शेयरों में सबसे ज्यादा है. कंपनी का मार्केट कैप 3 लाख करोड़ के करीब है.
फिच ने ‘निगेटिव वाच’ लिस्ट से हटाया
एक ओर जहां रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कर्ज और एजीआर देनदारी में फंसी वोडाफोन आइडिया के 3500 करोड़ रुपये की एनसीडी की रेटिंग को घटाकर BB से B+ कर दिया है. वहीं, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने एयरटेल को निगेटिव वाच लिस्ट से हटा दिया है. एयरटेल के लिए फिच ने आउटलुक स्टेबल रखते हुए ‘BBB-’ रेटिंग को बरकरार रखा है. फिच के अनुसार यह अनुमान है कि भारती एयरटेल के EBITDA में 2019-20 और 2020-21 में 20 से 25 फीसदी की ग्रोथ होगी. इसका कारण भारत के मोबाइल बाजार में प्रतिस्पर्धा कम होना भी है.
क्यों एयरटेल का आउटलुक हुआ है मजबूत
- क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच के अनुसार एयरटेल ने जनवरी 2020 में 200 करोड़ डॉलर की इक्विटी पूंजी डाली है. कंपनी के 2 अरब डॉलर (14,000 करोड़ रुपये से अधिक) की इक्विटी पूंजी डाले जाने से बैलेंसशीट पर पर दबाव कम हुआ है.
- वहीं, मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष और 2020-21 के दौरान ब्याज, कर, मूल्य ह्रास और संपत्ति लागत कटौती से पहले होने वाली कमाई (EBITDA) में ग्रोथ 490 करोड़ डॉलर के रेगुलेटरी ड्यू को चुकाने के लिए पर्याप्त होगी.
- ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक एयरटेल सहित टेलिकॉम कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाया था. एयरटेल को इसका फायदा मिल रहा है और ARPU बढ़कर 135 रुपये हो गया है. यह जियो के ARPU 128.4 रुपये से ज्यादा है. कंपनी के नेटवर्क पर यूजर 13.9 जीबी डेटा हर माह इस्तेमाल कर रहा है, जो इंडस्ट्री में सबसे अधिक है. कंपनी का डेटा वॉल्यूम ग्रोथ 72 फीसदी रहा, जो जियो के लिए 40 फीसदी है.
- ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल के अनुसार एयरटेल का आपरेटिंग परफॉर्मेंस उम्मीद के मुताबिक रहा है. आगे वायरलेस रेवेन्यू में ग्रोथ दिख रही है. टैरिफ हाइक से कंपनी के एबिट में सुधार हुआ है. रेवेन्यू ग्रोथ बेहतर है और मार्जिन में सुधार हो रहा है. बाजार में हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है, कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत है.
10 हजार करोड़ का किया भुगतान
सुप्रीम कोर्ट के सांविधिक बकाया और भुगतान समयसारणी मामले में दूरसंचार कंपनियों की याचिका खारिज करने के बाद भारती एयरटेल ने ने 17 फरवरी को दूरसंचार विभाग को 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया. कोर्ट ने अक्टूबर में एजीआर के बारे में दूरसंचार विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया था और कंपनियों को लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क पर बकाये का भुगतान करने को कहा.