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भारती एयरटेल का रेवेन्यू 22 फीसदी बढ़कर 25,785 करोड़ रुपये रहा.
टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल (Bharti Airtel) का घाटा वित्त वर्ष 2020-21 की जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही में घटकर 763 करोड़ रुपये रह गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी का घाटा 23,045 करोड़ रुपये था. हालांकि पिछले साल कंपनी के ज्यादा घाटे की प्रमुख वजह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर समायोजित सकल राजस्व (AGR) से जुड़ा बकाया अदा करने के लिए 28,450 करोड़ रुपये का प्रावधान करना था.
कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि तिमाही के दौरान उसका रेवेन्यू 22 फीसदी बढ़कर 25,785 करोड़ रुपये रहा. इसका कारण कंपनी के विभिन्न पोर्टफोलियो का मजबूत वृद्धि करना है. बयान में कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ)- भारत एवं दक्षिण एशिया गोपाल विट्टल ने कहा, ‘‘आम तिमाहियों से कमजोर तिमाही रहने के बावजूद कंपनी की आय में सालाना आधार पर 22 फीसदी की वृद्धि हुई है. यह बेहतर प्रदर्शन है.’’
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उन्होंने कहा कि कंपनी अपना लाभ बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. एजीआर के मुद्दे पर कंपनी ने कहा कि उसने सरकार के सामने अपनी बात रखी है और दूरसंचार विभाग द्वारा मांगे गए बकाये का 10 फीसदी से अधिक वह पहले भुगतान कर चुकी है. कंपनी न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करेगी.
जून तिमाही में 15,933 करोड़ का हुआ था घाटा
भारती एयरटेल को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 15,933 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. यह बड़ा घाटा मुख्यत: सांविधिक बकाए के लिए प्रावधान की वजह से था. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 2,866 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. जून तिमाही के दौरान एयरटेल की आय 15.4 फीसदी बढ़कर 23,939 करोड़ रुपये दर्ज की गई थी.