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AGR: एयरटेल ने DoT को चुकाए 10 हजार करोड़, SC ने वोडाफोन का 2500 करोड़ भुगतान का प्रस्ताव ठुकराया

दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलिकॉम कंपनियों को AGR बकाया भुगतान की समय-सीमा में अब कोई छूट देने से स्पष्ट इनकार कर दिया है.

दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलिकॉम कंपनियों को AGR बकाया भुगतान की समय-सीमा में अब कोई छूट देने से स्पष्ट इनकार कर दिया है.

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AGR: एयरटेल ने DoT को चुकाए 10 हजार करोड़, SC ने वोडाफोन का 2500 करोड़ भुगतान का प्रस्ताव ठुकराया

Bharti Airtel pays Rs 10000 crore to govt towards AGR dues will make payment of the balance amount after self assessment exercise दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलिकॉम कंपनियों को AGR बकाया भुगतान की समय-सीमा में अब कोई छूट देने से स्पष्ट इनकार कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश और समय-सीमा पर सरकार की सख्ती के बाद भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने सोमवार को 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान दूरसंचार विभाग (DoT) को कर दिया. यह भुगतान 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा AGR बकाये की एक किस्त के तौर पर किया है. एयरटेल का कहना है कि वह शेष रकम का भुगतान सेल्फ असेसमेट के बाद करेगा. उधर, सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन का सोमवार को 2,500 करोड़ रुपये और शुक्रवार तक 1,000 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया चुकाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया.

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भारती एयरटेल की ओर से जारी बयान के अनुसार, ''कुल 10,000 करोड़ रुपये की राशि भारती एयरटेल, भारती हेक्सकॉम और टेलिनॉर की तरफ से किया गया है. हम सेल्फ असेसमेंट तेजी से कर रहे हैं और इसके पूरा होने के बाद बकाया भुगतान भी कर देंगे. यह भुगतान सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई से पहले हो जाएगा.''

कंपनी का कहना है कि वह शेष बकाया रकम भुगतान के समय संबंधित ​ब्योरा भी जमा कराएगी. दूरसंचार विभाग ने 14 फरवरी से भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया, जिसमें तत्काल बकाया भुगतान के आदेश दिए गए हैं.

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इससे पहले, भारती एयरटेल ने शुक्रवार को दूरसंचार विभाग को 20 फरवरी तक 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने की पेशकश की थी. हालांकि, दूरसंचार विभाग ने समयसीमा में अब कोई छूट देने से स्पष्ट इनकार कर दिया. वहीं, वोडाफोन आइडिया ने शनिवार को कहा था कि वह AGR बकाए को लेकर कितना भुगतान किया जा सकता है, इसका आकलन कर रही है.

SC ने वोडाफोन का 2500 भुगतान का प्रस्ताव नहीं माना

एजीआर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन का सोमवार को 2,500 करोड़ रुपये और शुक्रवार तक 1,000 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया चुकाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया. इसके अलावा, कोर्ट ने कंपनी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं किए जाने से उसे राहत भी नहीं दी. जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वोडाफोन की ओर से पेश हुए अधिवक्ता मुकुल रोहतगी द्वारा सौंपे गए प्रस्ताव को स्वीकार करने से मना कर दिया.

रोहतगी ने कहा कि कंपनी ने उसके ऊपर एजीआर के सांविधिक बकाए में से सोमवार को 2,500 करोड़ रुपये और शुक्रवार तक 1,000 करोड़ रुपये और चुकाने का प्रस्ताव कोर्ट के समक्ष रखा था. साथ ही कंपनी ने अनुरोध किया कि उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. वोडाफोन आइडिया पर अनुमानित 53 हजार करोड़ रुपये का बकाया है.

Reliance Jio ने कर दिया पूरा भुगतान

सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2019 को दिए फैसले में कहा था कि दूरसंचार कंपनियों पर कुल 1.47 लाख करोड़ रुपये का एजीआर (Adjusted Gross Revenue) बकाया है. शीर्ष कोर्ट ने टेलिकॉम कंपनियों को 23 जनवरी तक बकाया भुगतान करने को कहा था. हालांकि जियो को छोड़ किसी भी कंपनी ने भुगतान नहीं किया. सरकारी कंपनियां BSNL और MTNL ने भी अब तक भुगतान नहीं किया है.

किस कंपनी पर कितना AGR बकाया

उपलब्ध अंतिम अनुमान के अनुसार, भारती एयरटेल पर 35,586 करोड़, वोडाफोन आइडिया पर 53,000 करोड़, टाटा टेलिसर्विसेज पर 13,800 करोड़, बीएसएनएल पर 4,989 करोड़ और एमटीएनएल पर 3,122 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है. कुल 1.47 लाख करोड़ रुपये में से तकरीबन 1.13 लाख करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है. शेष राशि जिन कंपनियों पर बकाया है, वे कारोबार पहले ही समेट चुकी हैं. रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल इस समय दिवाला प्रक्रिया के तहत चल रही हैं.

Input: PTI

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